दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद : अहकाम-ए-शरीयत का पालन कीजिए जिंदगी संवर जायेगी
-हजरत मुबारक खां के दर से मिलता भाईचारगी व सद्भाव का पैगाम -परम्परागत तरीके से अदा कुल शरीफ की रस्म, पेश हुई चादर -उर्स-ए-पाक का दूसरा दिन गोरखपुर। ये जो वलियों के आस्ताने हैं। ये मुहब्बत के कारखाने हैं।। मेरी नजरों में आज की दुनिया। इनकी नजरों में सब जमाने हैं।। शहरवासियों को इश्क-ओ-मुहब्बत, आपसी सौहार्द, मेल-जोल का पैगाम देने आए मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी की जुबान से निकले ये अल्फाज न सिर्फ मुल्क में सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने वाले हैं बल्कि इंसानियत का सबक सिखाने वालों के लिए नसीहत भी। शनिवार को नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां के उर्स-ए-पाक के दूसरे दिन कुल शरीफ की रस्म के दौरान जैसे ही ये अल्फाज मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी की जुबान से निकले हर शख्स कह उठा सुब्हानअल्लाह। इस मौके पर बाबा से निस्बत रखने वालों का हुजूम रहा। हर शख्स हजरत मुबारक खां की निस्बत में रंगा नजर आया। उन्होंने खिदमत-ए-खल्क का दर्स दिया तो सभी ने हां में हां मिलाई। बाबा की निस्बत और मुहब्बत का जाम भी पिलाया। फरमाया कि आस्तानों का मिशन लोगों को जोड़ना, म...