बिछौना दुआएं देता है
गोरखपुर।
हदीस में है कि पैगम्बर ने इरशाद फरमाया कि मोमिन माहे रमजान में बेदार होता है और लेटे करवटे बदलता है, और अल्लाह के जिक्र में लगा रहता है । तो उस से फिरिश्ता कहता है उठ! अल्लाह तुझ पर रहम करे। फिर जब वो उठकर खड़ा होता है तो उसका बिछौना उसके लिए दुआ करता है ऐ अल्लाह इसको जन्नत के बेहतरीन बिछौना अता फरमा। और जब वो जूते पहनता है तो वो जूते उसके लिए दुआ करते है, ऐ अल्लाह ! इसको पुल सिरात पर साबित कदम रखना। और जब बरतन लेता है तो बरतन उसके लिए दुआ करता है, ऐ अल्लाह इसको जन्नत के बरतन अता फरमा। और जब वुजू करता है ंतो पानी उसके लिए दुआ करता है। ऐ अल्लाह! इसको गुनाहों और खताओं से पाक व साफ कर दे और अगर अल्लाह के सामने खड़ा होता है यानि नमाज पढ़ने लगता है तो उसके लिए काबा शरीफ दुआ करता है, ऐ अल्लाह! इसकी कब्र को मुनव्वर और कुशादा कर दे और अल्लाह उसकी तरफ नजर करता है और फरमाता है ऐ मेरे बंदे! तू जो कुछ दुआ माॅंगेगा मैं कुबूल फरमाऊॅगा।
माहे रमजान के कद्र दानों और माहे रमजान में रेाजा रखकर उसकी रहमत भरी मुबारक साअ़तों से फैज उठाने वालो! आपको मुबारक हो कि एक तो रोजे के दौरान ख्वाह आप जाग रहे हों या सो रहे हों हर हर लम्हा आपका इबादत में गूजर रहा है तो दूसरी तरफ आपको आपका लिबास और बरतन वगैरह दुआएं दे रहे हैं। बल्कि करम बालाएं करम तो ये है कि खुद खालिके काएनात की रहमत जोश पर है और फरमाया जा रहा है कि बंदे तेरा काम है माॅंगे जाना और हमारा काम है दिए जाना।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें