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दो पैगम्बरों की कुर्बानी का अजीम पर्व ईद-उल-अजहा

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गोरखपुर। ‘‘ ऐ मुसलमां सुन ये नुक़्ता दरसे कुरआनी में है। अजमतें इस्लाम व मुस्लिम सिर्फ कुर्बानी में है।।’’ इस्लाम में कुर्बानियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उसी में से एक ईद-उल-अजहा है। जो एक अजीम बाप की अजीम बेटे की कुर्बानी के लिए याद किया जाता है। दुनिया के तीन सबसे बड़े मजहब इस्लाम, यहूदी, ईसाई तीनों के एक पैगम्बर जिनका नाम इब्राहीम है। उनसे मंसूब एक वाक्या इस त्यौहार की बुनियाद है। मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी ने बताया कि यह वाक्या यह है कि खुदा के हुक्म से उन्होंने अपने बेटे हजरत इस्माइल जो बुढ़ापे के दौरान सालों की दुआओं के बाद पैदा हुये उनको खुदा की राह में कुर्बान करने से ताल्लुक रखता है। खुदा ने हजरत इब्राहीम को ख्वाब में अपनी सबसे अजीज चीज कुर्बान करने का हुक्म दिया। हजरत इब्राहीम ने अपने तमाम जानवरों को खुदा की राह में कुर्बान कर दिया। यह ख्वाब दो मर्तबा हुआ। तीसरी मर्तबा हजरत इब्राहीम समझ गये कि खुदा उनसे प्यारे लाडले की कुर्बानी का तालिब है। यह अल्लाह की अजमाइश का सबसे बड़ा इम्तिहान था। अल्लाह के हुक्म से उन्हें जिब्ह करने के लिये म...

मुुसलमान शोधकर्ता तकीउद्दीन (1526 ई.- 1585 ई.)

तकीउद्दीन सोलहवीं शताब्दी के महान जीनियस माने जाते हैं। सुनहरे इस्लामी युग के वह अंतिम वैज्ञानिक हैं जिन्होंने भौतिकी और भूगोल में परीक्षणों के साथ ऐसी-ऐसी चीजों का आविष्कार किया कि सुनकर विश्वास करना मुश्किल होता है। उनका जन्म 1526 ई. में सीरिया की राजधानी दमिश्क में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा वहीं प्राप्त की। वह संसार के प्रथम वैज्ञानिक हैं जिन्होंने स्अीम टर्बाइन और भाप का इंजन बनाया जिसका श्रेय आज जेम्स वाॅट को दिया जाता हैं। वह स्प्रिंग के प्रयोग से अच्छी तरह परिचित थे इसलिए पहली जेब घड़ी के अलावा अलार्म घड़ी और बड़े स्प्रिंग से स्वचालित खगोलिक घड़ी भी बनाई। उन्होंने पहली बार ऐसी घाडि़यों का आविष्कार किया जिनमें मिनट के अलावा सेकेण्ड का भी पता चलता था। भौतिकी में अपने परीक्षणों द्वारा उन्होंने छाया को सिद्ध किया और प्रकाश की गति का पता लगाया। खगोल विद्या के परीक्षणों के लिए उन्होंने तर्की की राजधानी इस्तम्बूल में अलदीन वैद्यशाला बनाई जहा उन्होंने कण की दूरी नापने का यंत्र बनाया, वहां उन्होंने खगोल विद्या सबंधी कई यंत्र तैयार किए। उन्होंने सोलहवीं शताब्दी की बिल्कुल सही ...

मुुसलमान शोधकर्ता जाबिर बिन हैयान (721 ई0 -815 ई0)

जाबिर बिन हैयान का जन्म इराक के कूफा शहर मंे हुआ। जाबिर बिन हैयान का रसायन का बाबा आदम कहा जाता है। आपने कूफा मंे अपनी प्रयोगशाला बनाई और रसायन विज्ञान में ऐसे-ऐसे शोध किए कि दुनिया आपको संसार का प्रथम रसायन वैज्ञानिक कहने लगी। जाबिर बिन हैयान जब छोटे थे तो उनके पिता को विद्रोह के आरोप में कत्ल कर दिया गया। अतः उनकी पढाई और पालन पोषण की जिम्मेदारी उनकी माता पर आ पड़ी। उनकी साहसिक माता अपने पुत्र को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए प्रयासरत रहीं। जाबिर ने अन्थक परिश्रम और बुद्धी के बल पर विज्ञान के क्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त कर लिया। उन्होंने यूनानी भाषा सीखी और उसके पंडित बन गए। जाबिर ने यूनानी भाषा की कई कृतियों का अरबी भाषा में अनुवाद किया। परन्तु उन्हें रसायन शास्त्र से लगाव था। उन्होंने दूसरी विद्याओं पर भी पुस्तकंें लिखीं जिनमें तर्कशास्त्र, खगोल शास्त्र, दर्शन शास्त्र, भूविज्ञान, प्रतिछाया आदि शामिल है। जिस समय अब्बासी खलीफा हारून रशीद ने सिंहासन संभाला तो जाबिर बिन हैयान की कीर्ति शिखर पर थी। हारून रशीद ज्ञानियों को बड़ा सम्मान देता और संरक्षकता प्रदान करत...

महान मुस्लिम वैज्ञानिक जिन्होंने नवयुग की नींव रखी

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महान मुस्लिम वैज्ञानिक जिन्होंने नवयुग की नींव रखी अगर आपसे कहा जाए मुसलमान कोलम्बस से पांच सौ वर्ष पूर्व अमरीका पहुंच चुके थे। हवाई जहाज की कल्पना सबसे पहले कुरतुबा के एक मुसलमान अब्बास इब्ने फरनास ने नवीं शताब्दी में की और कुछ सेकण्ड उसका बनाया हुआ जहाज हवा में उड़ा भी। इसी वैज्ञानिक ने पहली घड़ी बनाई। मुसलमानों ने सबसे पहले खाने के लिए छुरी-कांटे का इस्तेमाल किया। कैमरे की कल्पना इब्नुल हैशम ने ग्यारहवीं शताब्दी में की। अरब मुसलमानों ने नहाने-धोने के लिए सबसे पहले सुगंधित साबुनों का प्रयोग किया। एक मुसलमान नेत्र विशेषज्ञ इब्नुल नफीस कठिन से कठिन आंख का ऑपरेशन कर सकता था। अलराजी ने सबसे पहले एल्कोहल को ऐन्टीसेप्टिक के तौर पर प्रयोग किया। पहला ग्लोब 1279 में अल-अरदी ने बनाया जो जर्मनी के शहर ड्रेस्डन के संग्रहालय में सुरक्षित है। बारहवीं शताब्दी में अरबी भाषा का वही महत्व था जो आज अंग्रेजी का है। ...तो क्या आप विश्वास करेंगे? लेकिन यह सत्य है। आज भी यूरोप के पुस्तकालयों में मुसलमानों द्वारा गणित, विज्ञान, भूगोल, भौतिक विज्ञान , जीव विज्ञान, भूगर्भ शास्त्र, आयुर्विज्ञान,...