गोरखपुर में मुसलमानों ने रोजा रख मांगी सीएए, एनआरसी से निज़ात व अमन की दुआ
गोरखपुर। शुक्रवार को भारी पुलिस बल व धारा 144 की मौजूदगी में जुमा की नमाज़ शांति के साथ अदा हुई। सुबह से ही प्रमुख मस्जिदों के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात नज़र आए। चारों तरफ का माहौल पुरअमन रहा। वहीं नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी से निज़ात के लिए बड़ी संख्या में मुसलमानों ने नफ़्ली रोजा रखा। कुरआन-ए-पाक की तिलावत की। खास आयतों व दुआओं का विर्द किया। तमाम मस्जिदों के इमामों ने तकरीर की। फिर जुमा का खुतबा दिया। उसके बाद इमाम के पीछे लोगों ने जुमा की नमाज अदा की। सामूहिक दुआ मांगी गई। मुल्क में अमन चैन के साथ ज़ालिम व जुल्म से निज़ात की दुआ हुई। सभी ने इमाम के साथ मिलकर दरुदो सलाम पढ़ा। शाम के वक्त सबने मिलकर नफ़्ली रोजा खोला और रसूल-ए-पाक के सदके में अल्लाह से सीएए व एनआरसी से छुटकारे की दुआ मांगी। जामिया व एएमयू के छात्रों व बेकसूरों की रिहाई के लिए भी दुआ की गई। कई मस्जिदों में शनिवार को भी नफ़्ली रोजा रख कर दुआ की अपील की गई।
बतातें चलें कि मुस्लिम मोहल्लों में आम दिनों के मुकाबले ज्यादा पुलिसिया चहल पहल रही। इसके बावजूद मुसलमानों के चेहरे पर न शिकन थी न ही ख़ौफ। सभी मुसलमान नहा धोकर, साफ सुथरे कपड़े पहनकर, इत्र लगाकर, इस्लामी टोपी लगाकर अपने मोहल्ले की मस्जिद में पहुंचे। दोपहर 12:15 बजे से मस्जिदों के मीनारों से अज़ान की सदा गूंजने लगी। दोपहर 12:30 से 2:30 बजे तक जुमा की नमाज़ शहर की बड़ी-छोटी मस्जिदों में अदा की गई। जामा मस्जिद उर्दू बाजार, हकीम वसी अहमद मस्जिद शाह मारूफ, मदीना मस्जिद रेती रोड, नखास चौक पर प्रशासन ने एहतियात के तौर पर ज्यादा पुलिस बल तैनात किया था। तमाम आला अधिकारी शांति बनाये रखने की अपील करते नज़र आए। ड्रोन कैमरों से नज़र रखी गई। उक्त मस्जिदों में सामान्य जुमा की नमाज की तरह भीड़ अपने मामूल के मुताबिक जमा हुई। शहर की तकरीबन सभी मस्जिदों में भीड़ रही। हर मस्जिद में जुमा की नमाज खत्म होने के बाद प्रशासन ने लोगों को इक्ट्ठा नहीं होने दिया। चौराहों पर यही हाल रहा। शहर के बाजार व दुकानें अपने मामूल के मुताबिक खुलीं। बाजार में चहल पहल रही। जुमा की नमाज के बाद प्रशासन ने चैन की सांस लीं। शांति के लिए कहीं फूल बंटा तो कहीं मिठाई। बताते चलें कि 13 व 20 दिसंबर दो जुमा को नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी के विरोध में लोग सड़क पर उतर चुके थे। पुलिस ने दो जुमा से सबक हासिल कर अबकी जुमा में शांति बनाये रखने में कामयाबी हासिल की। 20 दिसंबर वाला प्रदर्शन हिंसक हो गया था। जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी।
-यहां इन्होंने दिया जुमा का खुतबा पढ़ायी नमाज़
मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर में कारी अफजल बरकाती, दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल में मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मुफ्ती मो. अजहर शम्सी, बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन कादरी, रसूलपुर जामा मस्जिद में मौलाना मो. शादाब बरकाती, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार में हाफिज रहमत अली निज़ामी, मक्का मस्जिद मेवातीपुर में कारी अंसारुल हक, सुन्नी जामा मस्जिद सौदागार मोहल्ला बसंतपुर में कारी मो. मोहसिन रज़ा बरकाती, मस्जिद एक मीनारा बेनीगंज में कारी मो. शाबान बरकाती, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफिज नजरे आलम कादरी, गाजी मस्जिद गाजी रौजा में हाफिज रेयाज अहमद, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद, शेख झांऊ मस्जिद साहबगंज में मौलाना फैजुल्लाह कादरी, गौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद, मकबके वाली मस्जिद बनकटीचक में मौलाना गुलाम दस्तगीर, रज़ा मस्जिद (ताज) तारामंडल में मौलाना हिदायतुल्लाह कादरी, मस्जिद सुब्हानिया तकिवा कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी, रज़ा मस्जिद जाफरा बाजार कसाई टोला में हाफिज गुलाम खैरुलवरा, मदीना मस्जिद रेती में मौलाना अब्दुल्लाह बरकाती, अकबरी जामा मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन में कारी आबिद अली निज़ामी, अक्शा मस्जिद कसाई बाड़ा शाहिदाबाद में मौलाना अब्दुल खालिक चिश्ती, दारोगा मस्जिद अफगानहाता में कारी हिदायतुल्लाह बरकाती ने जुमा का खुतबा दिया और जुमा की नमाज पढ़ायी। जिला शंति सद्भावना कमेटी के आदिल अमीन, सैयद इरशाद अहमद, शाकिर अली सलमानी सहित तमाम लोग मस्जिदों के बाहर शांति की अपील करते दिखे।
--मस्जिद पुलिस लाइन में जुमा की नमाज़ पढ़ने से रोका गया
मस्जिद पुलिस लाइन सिविल लाइन में शुक्रवार को पुलिस ने जुमा की नमाज़ नहीं पढ़ने दिया। इस ऐतिहासिक मस्जिद में यह पहला मौका था जब जुमा की नमाज नहीं पढ़ी गई। यहां जुमा की नमाज पढ़ाने वाले इमाम हाफिज अज़ीम यारलवी ने बताया कि इस मस्जिद में दोपहर 1:15 बजे जुमा की नमाज होती है। जुमा में करीब 300 के करीब लोग यहां नमाज अदा करते हैं। अबकी जुमा को पुलिस ने पुलिस लाइन गेट पर ही मुझे व नमाजियों को रोक दिया और पुलिस ने कहा कि यहां सब आज बंद है। नमाज नहीं होगी। इमाम हाफिज अज़ीम यारलवी के साथ करीब पचास लोगों को रोक दिया गया। हाफिज अज़ीम ने बताया कि मैं यहां नमाज पढ़ाता हूं उसके बाद भी नहीं जाने दिया गया। सभी मायूस हो गये। वहीं जब हम पास की मुस्लिम मुसाफिर खाना मस्जिद में दोपहर 1:15 बजे पहुंचे तो पता चला कि यहां जुमा की नमाज हो गई है। कुछ देर बाद करीब बीस लोगों को मुस्लिम मुसाफिर खाना मस्जिद की छत पर दोपहर 1:30 बजे मैंने जुमा की नमाज़ पढ़ायी। बताते चलें कि पुलिस लाइन में मौजूद ईदगाह व मस्जिद सैकड़ों साल पुरानी है।
--हमारा भारत सामाजिक संगठन ने बांटा तिरंगा
हमारा भारत (सामजिक संगठन) की जानिब से फिरोजुल हक़ उर्फ बब्लू और जावेद सिमनानी
के नेतृत्व में नखास चैराहे पर प्रशासन के जवानों का मुंह मीठा कराके
आपसी कड़वाहट को दूर करने के लिये तिरंगा झण्डा और गुलाब देकर आपसी सौहर्द क़ामय करने के लिये
अपील की। इस मौके पर जावेद सिमनानी ने कहा कि यह मुल्क़ हमारा है इस लिए हमारी जिम्मेदारी
बनती है कि इस मुल्क में अमन क़ायम रखें। किसी भी कीमत पर अपने शहर गोरखपुर में सौहार्द एवं आपसी भाई-चारा
बनायें रखें। किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन से परहेज करें। ताकि हमारे शहर गोरखपुर का नाम खराब न
होेने पाये। साथ-साथ प्रशासन के लोगों से भी अपील है कि विगत 20 दिसम्बर को घटी दुखद घटना में निर्दाेषों पर किसी तरह की कारवाई न की जाए ।
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