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गोरखपुर की मुगलकालीन मस्जिदें

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  सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाज़ार  गोरखपुर। गोरखपुर-परिक्षेत्र का इतिहास किताब के लेखक डा. दानपाल सिंह लिखते हैं कि दसवीं शताब्दी के आस-पास गोरखपुर, राप्ती के उत्तर पश्चिम तटीय क्षेत्र पर एक टापू के रूप में अवस्थित था। जबकि 15वीं शताब्दी तक इसका फैलाव धीरे-धीरे गोरखनाथ मंदिर के आस-पास राप्ती नदी के मार्ग परिवर्तन के कारण हुआ। राप्ती एवं रोहिणी नदियों का प्रवाह तत्कालीन नगर के बीचो बीच होने के कारण इसका फैलाव गोरखनाथ मंदिर, पुराना गोरखपुर एवं उत्तरी हुमायूंपुर के आस-पास था। मुस्लिम काल में राप्ती नदी और दक्षिण को स्थानान्तरित हो पुराने किले के उत्तरी भाग से बगुलादह तथा कौआदह होती हुई बिलन्दपुर के पश्चिम-दक्षिण भाग से रामगढ़ताल होती हुई प्रवाहित रही। राप्ती-रोहिणी की धाराओं के परिवर्तन के कारण धीरे-धीरे नगर का फैलाव बढ़ता गया। गोरखपुर नगर कई बार बसा और उजड़ा है। चौदहवीं शताब्दी के मध्य में सतासी के राजा होरिल सिंह उर्फ मंगल सिंह (1296-1346 ई.) द्वारा गोरखनाथ मंदिर के निकट एक बस्ती बनाई गई, जिसमें गोरखनाथ, माधोपुर एवं जटेपुर के क्षेत्र शामिल थे। जिसे वर्तमान में पुराना गोरखपुर कह...

मुंशी प्रेमचंद जन्मदिवस : पुस्तकालय का उद्घाटन, परिचर्चा, नुक्कड़ नाटक व गाए गीत

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गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन की ओर से मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिवस के मौके पर संस्कृति कुटीर, कल्याणपुर, जाफ़राबाज़ार में 'शहीद भगतसिंह पुस्तकालय' का उद्घाटन किया गया। पुस्तकालय का उद्घाटन शिक्षक नेता जगदीश पाण्डेय ने फीता काटकर किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेमचन्द, शहीद भगतसिंह, अरविन्द और मीनाक्षी के तस्वीरों पर माल्यार्पण के साथ हुई। कार्यक्रम में सफ़दर हाशमी द्वारा लिखित नुक्कड़ नाटक 'राजा का बाजा' की प्रस्तुति की गयी। साथ ही 'आ गये यहां जवा क़दम', 'दुनिया के हर सवाल के हम ही ज़वाब हैं' आदि क्रान्तिकारी गीत गाये गये। कार्यक्रम में शिक्षक नेता जगदीश पाण्डेय, आह्वान पत्रिका के सम्पादक प्रसेन और सामाजिक कार्यकर्ता रुबी ने बात रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवनन्दन सहाय ने की।  वक्ताओं ने कहा कि पुस्तकालय जैसी संस्थाएं आने वाली पीढ़ियों के निर्माण का काम करती हैं। आज के दौर में जब चारो तरफ़ घटिया गानों-फिल्मों का बाज़ार बच्चों तक के मन में ज़हर घोलने का काम कर रहा है। सही विचार पहुंचने के माध्यम कम होते जा रहे हैं। ऐसे दौर में पुस्तकालय इस अतार्किकता-अवैज्ञानिकत...

शिक्षक-शिक्षिकाओं व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने किया जॉच

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गोरखपुर। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षण कार्य की गुणवत्ता, शिक्षक-शिक्षिकाओं व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति, मध्यान्ह भोजन, निःशुल्क पुस्तक एवं ड्रेस वितरण, आधार फीडिंग, विद्यालय परिसर की साफ-सफाई तथा भवन का जायज़ा लेने के उद्देश्य से ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी प्राथमिक विद्यालय गरौली बुजुर्ग पिपरौली प्राथमिक विद्यालय हरैया सहित अन्य विद्यालयों का अपने सहयोगी नायब तहसीलदार अरविंद नाथ पांडे के साथ निरीक्षण कर विद्यालय परिसर में समुचित साफ-सफाई  शौचालय  सहित शिक्षण स्टाफ को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। पठन-पाठन की गुणवत्ता को  को परखा यूनीफार्म का पैसा बच्चों के खाते में पहुंचने की बाबत जानकारी प्राप्त की बच्चे पेयजल के लिए इण्डिया मार्का हैण्डपम्प का उपयोग करे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने  बच्चों से वार्ता कर मिल रहे मिड डे मील के बारे में जानकारी प्राप्त कर आए हुए अभिभावकों से भी जानकारियां प्राप्त की शिक्षकों से कहा कि सभी शिक्षक गण समय से विद्यालय में आकर पठन-पाठन सुचारू रूप से संचालित करें जिससे नन्हे मुन्ने बच्चे देश के भविष्य के लिए त...

Gorakhpur : हाजियों का सम्मान, अनुभवों को किया साझा

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Syed Farhan Ahmad Qadri  गोरखपुर। इस साल हज यात्रा से लौटे हाजियों के सम्मान में दावते इस्लामी इंडिया की ओर से मंगलवार को आइडियल मैरेज हाउस उंचवा गाजी रौजा में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। हाजियों का सम्मान गुलपोशी से हुआ। सम्मानित होते ही हाजियों की आंखें खुशी से छलक गईं। हाजियों ने मक्का व मदीना के सफ़र के अनुभवों को साझा किया।  मुख्य वक्ता हाजी मो. आज़म अत्तारी ने कहा कि हज पर जाना एक आम मुसलमान के लिए मानो दुनिया में सब कुछ पा लेने जैसा है। हज कर लिया मतलब ज़िंदगी मुकम्मल हो गई। हज इंसान को सब्र और शुक्र की सीख देता है। अल्लाह की राह में अपना सब कुछ कुर्बान कर देने का नाम हज है। हाजियों को चाहिए कि बाकी जिंदगी अल्लाह और रसूल की रज़ा में गुज़ारें।  गुनाहों से बचें। नेकी की दावत आम करें। जिस तरह से हज करने से पहले हज के मसाइल सीखें हैं उसी तरह पाबंदी के साथ नमाज़ अदा करते हुए नमाज़ के अहम मसाइल जरूर सीखें। दावते इस्लामी इंडिया हाजियों के लिए तीन दिन का स्पेशल फैजाने नमाज़ कोर्स शुरू करने जा रही है। उसमें सभी हाजी हिस्सा लें और नमाज़ के अहम और बुनियादी मसाइल को सीख क...

दीन-ए-इस्लाम के दामन से रौशनी मिलेगी: कारी फिरोज

 सैयद फरहान अहमद कादरी  गोरखपुर। हाशमी कमेटी की ओर से पहाड़पुर में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता कारी शमीम अख्तर व नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा कि क़ुरआन में अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है रसूल जो दें वह ले लो और जिससे मना करें उससे रुक जाओ। अल्लाह का यह फरमान हर दौर के लिए है। रसूल-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हमारे आइडियल हैं। हमें उन्हीं के नक्शेक़दम पर चलकर दीन व दुनिया की कामयाबी मिल सकती है। रसूल-ए-पाक की तालीमात पर अमल कर दुनिया वालों के लिए बेहतरीन नमूना बनें। इससे रसूल-ए-पाक खुश होंगे। दीन-ए-इस्लाम अमनो सलामती का मजहब है। विशिष्ट वक्ता कारी फिरोज आलम ने कहा कि मुसलमानों के ज्ञान व विद्या में किए गये कारनामों को नई नस्ल के सामने पेश किया जाए और उन्हें यह एहसास कराया जाए कि दीन-ए-इस्लाम के दामन से ही रौशनी मिलेगी। दीन-ए-इस्लाम की रौशनी इंसान को फायदा पहुंचाने वाली है। हम पश्चिमी जगत की भौतिक उन्नति देखकर हीन-भावना का शिकार न हों और विज्ञान व टेक्नाॅलाजी के क्षेत्र में आगे आएं। नात-ए-पाक हाफिज जुनैद आलम, शहनवाज आलम, मो. सलीम अहमद न...

उलमा किराम ने पैगंबरे इस्लाम की शान व इल्म की अहमियत बताई

 सैयद फरहान अहमद कादरी  गोरखपुर। दीन का इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द और औरत पर फ़र्ज़ है। वह इल्म जो हमें हलाल और हराम में फ़र्क़ बताए और जो अल्लाह के फरमान के खिलाफ ना हो वो इल्म ही सही मायने में इल्म है। दीन-ए-इस्लाम में इल्म की अहमियत का अंदाजा क़ुरआन-ए-पाक की पहली आयत इक़रा से लगाया जा सकता है। बिना इल्म के इंसान ना दुनिया संवार सकता है और ना ही आख़िरत। यह बातें मौलाना अब्दुर्रहीम बरकाती ने अशरफ कॉलोनी रसूलपुर में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी के दौरान बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि दीन-ए-इस्लाम अल्लाह के द्वारा दिया गया संदेश है जो कुरआन-ए-पाक के रूप में आखिरी पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के ऊपर नाजिल हुआ। पैगंबरे इस्लाम ने अल्लाह के हुक्म के अनुसार अमल करते हुए अपनी पूरी ज़िंदगी गुजारी। अल्लाह का आदेश और पैगंबरे इस्लाम की अमली ज़िंदगी मिलकर ही दीन-ए-इस्लाम को मुकम्मल करती है। विशिष्ट अतिथि मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम अल्लाह का भेजा हुआ सच्चा दीन है, जिसके अंतर्गत इंसान अपनी ज़िंदगी के तमाम पहलुओं सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, नैतिक आदि में क...

मां की गोद बच्चे का पहला मदरसा व स्कूल: नायब काजी

सैयद फरहान अहमद कादरी  गोरखपुर। एक पढ़ी लिखी मां की गोद से पढ़ी लिखी औलाद समाज को मिल सकती है। मां की गोद बच्चे के लिए सबसे पहला मदरसा व स्कूल है, इसलिए उसका पढ़ा लिखा होना बेहद जरूरी है। किसी दानिश्मंद का कौल है कि एक औरत को तालीम दे देना एक यूनिवर्सिटी खोल देने के बराबर है। मुसलमान अगर तरक्की चाहते हैं तो नमाज़, रोजा, हज व ज़कात की पाबंदी करें। अल्लाह और पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि की तालीमात पर मुकम्मल बेदारी के साथ अमल करें। अल्लाह और पैग़ंबरे इस्लाम के जिक्र से दिलों को रौशन करें। शरीअत के खिलाफ़ कोई काम न किया जाए। यह बातें सोमवार को खरादी टोला तुर्कमानपुर में आयोजित जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी में बतौर मुख्य वक्ता नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कही। विशिष्ट वक्ता मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि ईद मिलादुन्नबी मनाना क़ुरआन व हदीस की रौशनी में जायज है। पैग़ंबरे इस्लाम ने खुद अपना मिलाद मनाया। सहाबा, अहले बैत, ताबईन, औलिया ने भी इसका एहतमाम किया। लिहाजा मुसलमान पूरे साल इस अज़ीम नेमत को मना कर सवाब हासिल करें। ईद मिलादुन्नबी की महफिलों व जलसों में अल्ला...

डॉ० आसिम आज़मी व मुफ्ती अख्तर हुसैन सब्जपोश अवॉर्ड से सम्मानित

सैयद फरहान अहमद  गोरखपुर। मंगलवार को खानकाहे सब्जपोश की ओर से सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार के मैदान में मोहसिन-ए-आज़म कांफ्रेंस हुई। शिक्षक व लेखक डॉ. मो. आसिम आजमी व मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी को दीनी शिक्षा में अहम योगदान देने के लिए’सब्जपोश अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। अचानक बीमार हो जाने के कारण डॉ. आसिम आजमी कांफ्रेंस में शिरकत नहीं कर सके। उनके प्रतिनिधि के तौर पर यह अवॉर्ड मुफ्ती अजहर को सौंपा गया। सम्मानित जनों को फूल, सम्मान पत्र व शील्ड पेश किया गया। हाजी रफीउल्लाह व सफीउल्लाह को मस्जिद की खिदमत करने और हाफिज सैफ अली व हाफिज अशरफ रजा को मकतब में बेहतर शिक्षण कार्य के लिए तोहफों से नवाजा गया। मकतब इस्लामियात जाफरा बाजार के बच्चों को कांफ्रेंस में विशेष प्रदर्शन करने पर ईनाम दिया गया। मुख्य वक्ता मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि हमारे समाज में उसी वक्त अमन हो सकता है, जब हम अच्छे और नेक बनेंगे। हर शख़्स खुद को सुधार ले तो समाज ख़ुद ही अच्छा हो जाएगा। समाज को मजबूत करने के लिए आपस में भाईचारा व मोहब्बत कायम करनी होगी। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अ...

दीन-ए-इस्लाम के पहले मुअज़्ज़िन हज़रत बिलाल को शिद्दत से किया याद

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गोरखपुर। दीन-ए-इस्लाम के पहले मुअज़्ज़िन (अज़ान देने वाले) सहाबी-ए-रसूल हज़रत सैयदना बिलाल हबशी रदियल्लाहु अन्हु के उर्स-ए-मुक़द्दस पर शनिवार को मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक, मकतब इस्लामियात चिंगी शहीद इमामबाड़ा तुर्कमानपुर, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर व मुस्लिम घरों में क़ुरआन ख़्वानी व फातिहा ख़्वानी हुई। हज़रत बिलाल को शिद्दत से याद कर अकीदत का नज़राना पेश किया गया। मदीना मस्जिद के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि हज़रत बिलाल पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के साथियों में से थे। आप दीन-ए-इस्लाम के पहले मुअज़्ज़िन हैं। आपका जन्म मक्का शरीफ में हुआ। आपके माता-पिता हबशा (अबीसीनिया/अफ्रीका) के रहने वाले थे। आप गुलाम थे और आपका शुमार दीन-ए-इस्लाम में दाखिल होने वाले अव्वलीन सहाबा-ए-किराम में होता है। आपने तीस साल की उम्र में दीन-ए-इस्लाम कबूल किया। आपके मालिक को जब इसका पता चला तो उसने आप पर बहुत जुल्म ढ़ाया। आपको गर्म रेत पर लिटाकर आपके ऊपर बड़ा भारी पत्थर रखा जाता था। हज़रत बिलाल ने हर तकलीफ बर्दाश्त की मगर इस्लाम और दामने म...

बदलते परिवेश में अपराध करने का बदला तरीका, नए कानून में उसकी सजा -डॉ गौरव ग्रोवर(एसएसपी)

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*अंग्रेजों के समय के कानून को बदलकर स्वदेशी कानून बना न्याय संहिता-एस पी सिटी* *"अपराध पत्रकारिता का बदलता स्वरूप और नये कानून" पर मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति ने आयोजित किया संगोष्ठी* *नए कानून के तहत पहला मुकदमा दर्ज करने पर कैट थाना प्रभारी रणधीर मिश्रा को किया गया सम्मानित* गोरखपुर । एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने कहा कि आईपीसी सीआरपीसी कानून जो अंग्रेजों के समय से चला आ रहा था उसे बदलकर स्वदेशी कानून बना दिया गया है समय के साथ परिस्थितियों बदली अपराध अपराधी और अपराध करने का तरीका बदलता गया इसकी जांच करने के लिए और माननीय न्यायालय में सुबूत इकट्ठा करने का तरीका और चार्जशीट प्रस्तुत करने और इसका ट्रायल समय से करने और जो औपचारिकताएं होती है। वह अभी समय के साथ बदल रहा है नये कानून में जो भी बदलाव किए गए हैं उसे भविष्य को ध्यान में रखकर किया गया है कि भविष्य में कैसी परिस्थितियों होगी कैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होना चाहिए कौन से हमारे पास सबूत होने चाहिए और जांच की विश्वसनीयता भी बनी रहेगी इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि वादी और प्रतिवादी दोनों के साथ न्याय हो किसी के साथ अन्याय ...

काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह के भव्य आयोजन की तैयारी अंतिम चरण में

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-गोरखपुर नगर निगम का सदन सभागार और सेंट एंड्रयूज कॉलेज का असेंबली सभागार एतिहासिक आयोजन का बनेगा गवाह  गोरखपुरः ‘काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष समारोह’ का दो दिवसीय आयोजन 8-9 अगस्त 2024 को नगर निगम का सदन सभागार और सेंट एंड्रयूज कॉलेज गोरखपुर में होने जा रहा है। चंबल संग्रहालय, पंचनद की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह में काकोरी केस के नायकों से संबधित पत्रों, डायरी, टेलीग्राम, स्मृति चिन्ह, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकों, तस्वीरों, मुकदमें की फाइल आदि की प्रदर्शनी के साथ, सेमिनार, फिल्म प्रदर्शन, किस्सागोई, नाटक, रैली, क्विज, रंगोली, पेंटिग और भाषण प्रतियोगिता के साथ-साथ विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाएंगे। इसके जरिए आजादी आंदोलन के स्वर्णिम इतिहास से नई पीढ़ी रूबरू होगी। महुआ डाबर एक्शन के महानायक के वंशज और चंबल संग्रहालय के संस्थापक डॉ. शाह आलम राना ‘काकोरी एक्शन शताब्दी समारोह’ की तैयारियों के सिलसिले में गोरखपुर जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान दो दशक से अधिक समय से भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन पर काम करने वाले दस्तावेजी लेखक डॉ. शाह आलम राना ने कहा कि काकोरी ट्रेन ए...

हाजियों का सम्मान आज

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  गोरखपुर। दावते इस्लामी इंडिया की ओर से इस साल हज यात्रा मुकम्मल करने वाले हाजियों का सम्मान समारोह मंगलवार 30 जुलाई को आइडियल मैरेज हाउस उंचवा गाजी रौजा में रात 9:15 बजे से किया जाएगा। यह जानकारी तहरीक के मोहम्मद फरहान अत्तारी ने दी है।  उन्होंने बताया कि हाजी मोहम्मद आजम अत्तारी हाजियों को संबोधित करेंगे और उन्हें हज के बाद जिंदगी गुजारने का तरीका बतायेंगे।