पुलिस बोली मेरी नौकरी का सवाल हैं, गोश्त कारोबारी बोले मेरी रोजी-रोटी का सवाल हैं
गोरखपुर। प्रदेश सरकार के फैसले से गोश्त कारोबारियों (भैंस का गोश्त) में हड़कंप मचा हुआ हैं। मंगलवार को दहशत की वजह से तुर्कमानपुर, रसूलपुर में जहां गोश्त की दुकानें बंद रहीं वहीं बक्शीपुर, जाफरा बाजार, अस्करगंज व रहमतनगर मोहल्ले में गोश्त की बिक्री हुई। रहमतनगर में तो पुलिस और कसाईयों के बीच नोंकझोंक भी हुई।
मिली जानकारी के अनुसार आज रहमतनगर मोहल्ले में गोश्त की दुकानें खुली हुई थीं। सुबह करीब 10. 30 बजे पुलिस वाले पहुंच गये और दुकान बंद करने का दबाव बनाने लगे। गोश्त कारोबारियों ने भी विरोध किया। काफी तू-तू मैं-मैं हुई। बकौल दुकानदार बब्लू कुरैशी ने बताया कि पुलिस वालों ने कहा कि दुकान बंद कर दो। ज्यादा तीन-पांच करोगे तो बंद कर दूंगा। इस बीच पूरा मोहल्ला इकट्ठा हो गया। तब पुलिस वालों के तेवर नर्म पड़ गये और कहां कि हमारी नौकरी का सवाल हैं। तो तपाक से गोश्त कारोबारी बोले हुजूर हमारी रोजी-रोटी का सवाल हैं । अगर बंद करना हैं तो लिखित आदेश दिखाईयें। नोटिस या वारंट लेकर आईये तभी दुकान बंद होगी।
बब्लू कुरैशी ने कहा कि पुलिस वालों ने मां के साथ भी अभद्रता की। भीड़ ज्यादा देख पुलिस वाले खिसक लिए। उन्होंने बताया कि रहमतनगर में सिर्फ तीन दुकानों पर गोश्त बिकता हैं वहीं शहर में करीब 200 जगहों पर गोश्त बिकता हैं। बक्शीपुर में भी कुछ यहीं हालात थे लेकिन मीडिया को देख पुलिस वाले खिसक लिए। वहीं उच्च अधिकारियों ने लाइसेंस जांच की बात कहीं हैं। मंगलवार को शहर के ज्यादातर मुस्लिम होटल बंद रहें।
बतातें चलें कि स्लाटर हाउस बंद होने के बाद किसी दुकानदार का नवीनीकरण नहीं हुआ हैं। स्लाटर हाउस बंद होने के बाद कसाईयों ने अपने घरों पर गोश्त काटना और बेचना शुरु कर दिया। पिछली प्रदेश सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिसका खामियाजा इन कसाईयों को भुगतना पड़ सकता हैं। वहीं मुर्गा व बकरा काटने वालों में भा हड़कंप मचा हुआ। सिविल कोर्ट के अधिवक्ता मोइन खान के पास कई मुर्गा कारोबारी लाइसेंस की प्रक्रिया जानने के लिए आ चुके हैं।
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