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गोरखपुर - जुमा की नमाज में "रोहिंग्या मुसलमानों" के लिए निकले अश्क, जुल्म से निजात की मांगी दुआ

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गोरखपुर। म्यांमार (बर्मा) के रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे बेतहाशा जुल्म व ज्यादती से पूरी दुनिया के मुसलमान गमगीन व बेचैन हैं। पूरी दुनिया में जगह-जगह दुआओं का सिलसिला जारी हैं। इसी कड़ी के तहत शुक्रवार को जनपद की छोटी-बड़ी तकरीबन सभी मस्जिदों में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जुमा की  तकरीरों में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे जुल्म का जिक्र किया और अश्क बहा कर अल्लाह तआला से रोहिंग्या मुसलमानों के जान, माल, इज्जतो-आबरु की हिफाजत के लिए दुआएं मांगी साथ ही सीरिया, फलीस्तीन आदि मुल्कों के मुसलमानों के लिए भी दुआएं हुई। नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद में इमाम व खतीब मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे जुल्म की मजम्मत की और इसे पूरी इंसानियत का कत्ल करार दिया। कहा कि तुर्की, मालदीव, ईरान, चेचेन्या, इंडेनेशिया  की तरह तमाम इस्लामी, गैर इस्लामी मुल्कों व मानवाधिकार संगठनों को इसे रोकने के लिए जल्द प्रयास करना चाहिए। बांग्लादेश की तरह अन्य मुल्कों को भी रेहिंग्या मुसलमानों के लिए सरहदें खोलनी चाहिए। भारत में रह रहे  रोहिंग्या मुसलमानों को य...

Gorakhpur - नेपाल से लाई हुई सिंघाड़िया नस्ल की भेंड बनी आकर्षण का केंद्र

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syed farhan ahmad गोरखपुर। शनिवार को ईद-उल-अजहा पर्व हैं। बकरा, भैंस का बाजार सजा हुआ हैं। इन सबके बीच नेपाल से लाई हुई भेड़ सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। जिसका वजन करीब 65 किलो हैं। मियां बाजार नखास पुलिस चौकी के पास रहने वाले मसूद अहमद ने इसे नेपाल से मंगवाया हैं। सिंघाड़ियां नस्ल की यह भेड़ लड़ाकू किस्म की हैं। इसलिए मसूद इसे कही घूमाने नहीं ले जाते हैं। कूलर का व्यवसाय करने वाले मसूद ने बताया कि हमेशा अलग किस्म के जानवर की कुर्बानी करवाते आये हैं। कभी दुंबा तो कभी भेड़। इस बार यह भेड़ इन्हें मुहैया हुई। इन्होंने भेड़ का रेट नहीं बताया, कहा कि दिखावा नहीं करना चाहते। रविवार को इसकी कुर्बानी होगी। सफेद रंग की यह भेड़ देखने में बेहद खूबसूरत हैं। बड़ी सी सींग इसके आकर्षण में चार चांद लगाती हैं। लेकिन इसके लड़ाकू स्वभाव की वजह से इसके करीब कोई नहीं जाता हैं। करीब एक हफ्ते से यह सभी को आकर्षित कर रही हैं।

जुमा की नमाज में इमामों ने बयान की कुर्बानी की फजीलत

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गोरखपुर। ईद-उल-अजहा पर्व के मद्देनजर शुक्रवार को जुमा की नमाज में कुर्बानी की फजीलत बयान की गयीं। आवाम से अपील भी की गयी कि साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जायें। यह भी अनुरोध किया गया कि कुर्बानी का गोश्त पास-पड़ोस, गरीबों, फकीरों में जरुर बांटा जाये। कुर्बानी के जानवर की खाल मदरसों व दीनी दर्सगाह को दी जाए। जिससे मदरसों में पढ़ने वाले तालिबे इल्म को सहूलियत हो। गाजी मस्जिद गाजी रौजा में मुफ्ती-ए-गोरखपुर मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि अल्लाह ने कुरआन शरीफ में कुर्बानी का हुक्म दिया हैं। इस्लाम में कुर्बानियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उसी में से एक ईद-उल-अजहा है। जो एक अजीम बाप हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की अजीम बेटे हजरत ईस्माइल अलैहिस्सलाम की कुर्बानी के लिए याद किया जाता है। पैगम्बर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम व हजरत ईस्माइल अलैहिस्सलाम से मंसूब एक वाक्या इस त्योहार की बुनियाद है।  मालिके निसाब पर कुर्बानी वाजिब है। इसी वजह से हर मुसलमान इस दिन कुर्बानी करवाता है। मजहबे इस्लाम में ज्यादा से ज्यादा कुर्बानी का हुक्म किया गया है। उन्होंने लोगों से शंति व्यवस्था बनाये रखने व साफ-सफाई ...