गोरखपुर - जुमा की नमाज में "रोहिंग्या मुसलमानों" के लिए निकले अश्क, जुल्म से निजात की मांगी दुआ



गोरखपुर। म्यांमार (बर्मा) के रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे बेतहाशा जुल्म व ज्यादती से पूरी दुनिया के मुसलमान गमगीन व बेचैन हैं। पूरी दुनिया में जगह-जगह दुआओं का सिलसिला जारी हैं। इसी कड़ी के तहत शुक्रवार को जनपद की छोटी-बड़ी तकरीबन सभी मस्जिदों में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने जुमा की  तकरीरों में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे जुल्म का जिक्र किया और अश्क बहा कर अल्लाह तआला से रोहिंग्या मुसलमानों के जान, माल, इज्जतो-आबरु की हिफाजत के लिए दुआएं मांगी साथ ही सीरिया, फलीस्तीन आदि मुल्कों के मुसलमानों के लिए भी दुआएं हुई।


नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद में इमाम व खतीब मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे जुल्म की मजम्मत की और इसे पूरी इंसानियत का कत्ल करार दिया। कहा कि तुर्की, मालदीव, ईरान, चेचेन्या, इंडेनेशिया  की तरह तमाम इस्लामी, गैर इस्लामी मुल्कों व मानवाधिकार संगठनों को इसे रोकने के लिए जल्द प्रयास करना चाहिए। बांग्लादेश की तरह अन्य मुल्कों को भी रेहिंग्या मुसलमानों के लिए सरहदें खोलनी चाहिए। भारत में रह रहे  रोहिंग्या मुसलमानों को यहां से न निकाला जायें, यह हमारी भारत सरकार से अपील हैं। जुमा की नमाज के बाद सामूहिक रुप से अल्लाह तआला की बारगाह में दुआ हुई कि रोहिंग्या मुसलमानों को इस अजाब से जल्द निजात मिले और उनकी जिंदगी फिर से आसान हो।


खादिम हुसैन मस्जिद तिवारीपुर में इमाम व खतीब हाफिज व कारी अफजल बरकाती ने रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे जुल्म व ज्यादती की कड़े शब्दों में निंदा की और इसके लिए बर्मा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इस जघन्य नस्लकुशी पर इस्लामी मुल्कों की खामोशी पर अफसोस भी जाहिर किया। उन्होंने कहा कि जिस मजहब के मानने वाले पूरी दुनिया में अमनो शांति के मुहाफिज समझे जाते हैं उन्होंने जुल्म की इंतहा कर दी हैं। जिस महिला को शांति का 'नोबेल इनाम ' मिला उसने पूरी इंसानियत को शर्मसार कर रख दिया हैं। उनसे नोबेल इनाम छीन लेना चाहिए। अब मौजूदा हालात में तमाम मुल्कों को अपनी चुप्पी तोड़नी होगी। अन्तरर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का दोहरा चरित्र भी उजागर हो गया हैं। मौजूदा हालात में तमाम मुल्क व तंजीमे अपनी चुप्पी तोड़े और खासकर मुस्लिम ममालिक बर्मा से हर तरह का ताल्लुक तोड़ कर रोहिंग्या मुसलमानों पर जुल्म रोकने की हर मुमकिन कोशिश करें।


गाजी मस्जिद गाजी रौजा में इमाम व खतीब हाफिज रेयाज अहमद ने जुमा की नमाज के बाद सामूहिक रुप से अल्लाह की बारगाह में हाथ उठाकर, रो कर गिड़गिड़ा कर रोहिंग्या मुसलमानों, सीरिया, फलीस्तीन व तमाम मुसलमानों के लिए खास दुआएं की।


चिश्तिया मस्जिद रफूगर बक्शीपुर में इमाम व खतीब हाफिज महमूद रजा कादरी ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों पर बेइंतहा जुल्म हो रहा हैं और पूरी दुनिया खामोश हैं। इसका मतलब साफ हैं कि इंसानियत का जनाजा निकल चुका हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ वगैरह जैसी संस्थायें महज दिखावे के लिए रह गयीं हैं। रोहिंग्या मुसलमानों के मसले पर पूरी दुनिया के लोगों को एकजुट होकर मजम्मत करनी चाहिए। जुमा की नमाज के बाद खास दुआएं हुई। सभी नमाजियों के चेहरे पर रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे जुल्म व ज्यादती का गम साफ नजर आया। सभी नमाजियों की आंखें अश्कबार नजर आयीं।


इसी तरह नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना असलम रजवीं, सब्जपोश मस्जिद जाफरा बाजार हाफिज रहमत अली निजामी,  सुभानिया मस्जिद तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अजीजी, मस्जिद हसनैन में हाफिज रज्जब अली, मकबरे वाली मस्जिद बनकटीचक में मौलाना गुलाम दस्तगीर, बहादुरिया मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद, गौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद, मक्का मस्जिद मेवातीपुर हाफिज अंसारुल हक ने जुमा की नमाज के बाद रो-रो कर अश्क बहा कर अल्लाह की बारगाह में रोहिंग्या मुसलमानों के लिए खास दुआएं मांगी। बर्मा सरकार व बुद्घिस्टों के जुल्म से जल्द निजात की इल्तिजा की गयी। दुआ में सीरिया, फलीस्तीन व दुनिया के तमाम  मुसलामानों के लिए भी खुशूसी दुआएं हुई।

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