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हजरत शेख अब्दुल हक मोहद्दिस देहलवी अज़ीम आलिम-ए-दिन - मौलाना मकसूद

-383वां उर्स-ए-पाक मनाया गया गोरखपुर। हजरत शेख अब्दुल हक मोहद्दिस देहलवी अलैहिर्रहमां का 383वां उर्स-ए-पाक मंगलवार को दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल पर मनाया गया। कुल शरीफ की रस्म अदा की गई और इसाले सवाब किया गया। इस मौके पर दरगाह मस्जिद के इमाम मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि हिंदुस्तान के अंदर इल्म-ए-हदीस (पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की सीरत, सूरत, गुफ्तार, कार्यकलाप का बयान) आप ही लेकर आए। हिन्दुस्तान में इल्म-ए-हदीस की चेन (कड़ी) जो भी बयान करेगा वह हजरत शेख अब्दुल हक मोहद्दिस देहलवी अलैहिर्रहमां तक जाकर खत्म होगी। आपने हदीस को आम किया। सच्चे आशिक-ए-रसूल, वली व अजीम आलिम-ए-दिन थे। आप 1551 ई. में दिल्ली में पैदा हुए। आपने 91 साल की उम्र पायी, इतनी लम्बी उम्र के अंदर कोई लम्हा बेकार नहीं जाने दिया। आपने दिल्ली में बड़ा मदरसा व अज़ीम लाइब्रेरी कायम की। आप रोजाना 18 घंटे अध्ययन में गुजारते थे। 100 के करीब किताबें लिखीं। आपने हदीस शरीफ की किताब मिश्कात शरीफ की व्याख्या अरबी व फारसी में की। जिसे पूरा करने में छह वर्ष लग गए। अख़बारुल अख़्यार, मदारिजुन नुबूवत, जज्बुल क...

बाबरी मस्जिद में नाना के साथ नमाज अदा करते थे शहर-ए-काजी वलीउल्लाह

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सैयद फरहान अहमद / अशफाक अहमद गोरखपुर। ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद की शहादत को इस 6 दिसंबर को 25 साल पूरे हो रहे हैं। हर साल 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की याद ताजा हो जाती है। कुछ ऐसी ही यादें आपके लिए लाएं हैं हम। ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद से शहर-ए-गोरखपुर के एक ऐसे शख्स का गहरा ताल्लुक है जिन्हें बाबरी मस्जिद में पांच वक्त व जुमा की नमाज अदा करने का सर्फ हासिल हुआ। वह भी अनगिनत बार। उन्होंने बाबरी मस्जिद के मेहराबों, मिम्बर, दरों-दीवार, गुंबद को अपनी आंखों से देखा। यह शहर के एक वाहिद शख्स है जिन्होंने ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद को रूबरू देखा और नमाज अदा की। यहीं नहीं इन्होंने बाबरी मस्जिद के अंदर अपने नाना व मामू को खोया भी। यह शख्स है 82 वर्षीय शहर-ए-काजी मुफ्ती वलीउल्लाह। जिनकी पैदाइश टांडा अंबेडकर नगर में हुई।  अयोध्या के रायगंज में इनका ननिहाल हुआ करता था और घंटाघर में दुकान थीं। शहर-ए- काजी 9-10 साल की उम्र में बाबरी मस्जिद में अपने नाना मरहूम नजीर अहमद के साथ नमाज अदा किया करते थे। शहर-ए-काजी का सारा खानदान बाबरी मस्जिद में नमाज अदा किया करता था। बाबरी मस्जिद से जुड़ी यादों के बारे में म...

‘या रसूल सलाम अलैका’ की सदा से गूंजा गोरखपुर

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गोरखपुर। पैगंबर-ए-इस्लाम की विलादत (जन्मदिवस) का जश्न ईद मिलादुन्नबी पर्व के रूप में शनिवार को अदबो-एहतराम के साथ मनाया गया। 12 रबीवल अव्वल शरीफ यानी जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुसलमानों के सिरों पर इस्लामी टोपियां सजी नजर आयीं। हाथों में इस्लामी परचम व जुंबा पर नार-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर, नार-ए-रिसालत या रसूलल्लाह, हुजूर की आमद मरहबा, या नबी सलाम अलैका, या रसूल सलाम अलैका, मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम की सदाएं चारों तरफ गूंजती रहीं । हर एक मुसलमान का चेहरा खिला हुआ, बच्चों से लेकर बड़ों में खुशियां थीं बेहिसाब। अलसुबह परचम कुशाई के बाद लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर दी मुबारकबाद। सड़कों पर जुलूस-ए-मोहम्मदी का काफिला देर रात तक गुजरता रहा। लोगों ने जगह-जगह जुलूसों का खैर मकदम किया। घरों, मस्जिदों, मदरसों, दरगाहों पर ईद मिलादुन्नबी की महफिल सजायी गयी।  मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जश्न का माहौल रहा। बेहतरीन किस्म के खाने बनाये गये। खुद भी खाया और गरीबों, यतीमों, पड़ोसियों में तकसीम भी किया गया। यह नजारा देर रात तक जारी रहा। इस पूरे माह जगह-जगह जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के जलसों ...

गोरखपुर नगर निगम में मुस्लिम पार्षदों की संख्या बढ़कर हुई 16, 25 महिलाएं भी बनी पार्षद

सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। नगर निकाय चुनाव के नतीजे शुक्रवार को घोषित हुए। गोरखपुर नगर निगम के 70 वार्डों में से 16 में मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की हैं। जबकि 2012 के चुनाव में सिर्फ 11 सीटों पर कामयाबी हासिल हुई थीं। इस चुनाव के नतीजे इस मायने में खास हो गये है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के अलावा अन्य कई वार्डों में भी मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। कुछ वार्ड ऐसे भी है जिन पर पहले भाजपा का कब्जा था लेकिन इस बार मुस्लिम उम्मीदवार कामयाब हुए है।  पुराना गोरखपुर वार्ड 68 से भाजपा पिछले दो चुनाव से जीत दर्ज करती चली आ रही थी लेकिन इस बार उसे निर्दल उम्मीदवार नादरा खातून ने  शानदार कामयाबी हासिल की। तिवारीपुर वार्ड नं. 58, जाफरा बाजार वार्ड नं. 49, वार्ड नं. 41, उवर्रक नगर वार्ड नं. 44, वार्ड नं. 13 शिवपुर साहबगंज  भाजपा की सीट थीं लेकिन 2017 के निकाय चुनाव में भाजपा को इर सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा है।  वार्डों में जीत दर्ज कराने वाले मुस्लिम उम्मीदवार 1. वार्ड नं. 13 शिवपुर साहबगंज - मो. अफरोज गब्बर (निर्दल)  2. वार्ड नं. 25 तु...

पैगंबर-ए-इस्लाम के विलादत की खुशियां सारी कायनात मनाती है - मुफ्ती अजहर

-'महफिल-ए-सीरतुन्नबी' दर्स का 11वां दिन गोरखपुर। नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां पर 12 दिवसीय 'महफिल-ए-सीरतुन्नबी' दर्स के 11वें दिन शुक्रवार को  मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि 'मिलाद' अरबी लफ़्ज है जिसका अर्थ विलादत या पैदाइश होता हैं। पैगंबर-ए-इस्लाम  की सीरत, सूरत, किरदार, व्यवहार, बातचीत व अन्य क्रियाकलाप, मेराज, मोजजों का बयान ही  मिलाद-ए-पाक में बयान होता  है। पैगंबर-ए-इस्लाम की विलादत (जन्मदिवस) की ख़ुशी मनाना ये सिर्फ इंसान की ही खासियत नहीं है बल्कि तमाम कायनात उनकी विलादत की खुशी मनाती है बल्कि खुद रब्बे क़ायनात मेरे मुस्तफा जाने रहमत का मिलाद पढ़ता है। पूरा क़ुरआन ही मेरे आका की शान से भरा हुआ है। अल्लाह कुरआन में इरशाद फरमाता है "वही है जिसने अपना रसूल हिदायत और सच्चे दीन के साथ भेजा" दूसरी जगह अल्लाह इरशाद फरमाता है "बेशक तुम्हारे पास तशरीफ़ लायें तुममे से वो रसूल जिन पर तुम्हारा मशक़्क़त में पड़ना गिरां है तुम्हारी भलाई के निहायत चाहने वाले मुसलमानों पर कमाल मेहरबान"। पहली आयत में अल्लाह उन्हें भ...

अल्लाह की अज़ीम नेमत हैं पैगंबर-ए-इस्लाम - मुफ्ती अख्तर

गोरखपुर। मोहल्ला गाजी रौजा मरहूम काजी नईमुर्रहमान के आहाता में पैगंबर-ए-इस्लाम के यौम-ए-विलादत (जन्मदिवस) की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को रात्रि नमाज बाद जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का आयोजन हुआ। जिसमें मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि अल्लाह इरशाद फरमाता है "बेशक अल्लाह का बड़ा एहसान हुआ मुसलमानो पर कि उनमें उन्हीं में से एक रसूल भेजा जो उन पर उसकी आयतें पढ़ते हैं और उन्हें पाक करते हैं और उन्हें किताब और हिक़मत सिखाते है। अल्लाह ने हमें लाखों-करोड़ों नेमत दी लेकिन एहसान नहीं जताया। कसम है उस रब्बे क़ायनात की पूरा क़ुरआन उठाकर देख लीजिए कि क्या कहीं उसने अपनी किसी नेमत पर एहसान जताया हो अगर जताया है तो अपने महबूब को जब बन्दों के दरमियान भेजा तब जताया है। अब बताइए क्या जिस नेमत को देने पर वो खुद फरमा रहा है कि "मैंने एहसान किया बन्दों पर" ज़रा सोचिये कि कैसी ही अज़ीम नेमत है मेरे मुस्तफ़ा की विलादत। जब हजरत आदम अलैहिस्सलाम की तखलीक हुई तो हर जुमा ईद हो गयी। तो जो आदम का भी नबी है, उसके पैदा होने पर तो पूरे साल खुशियां मनानी चाहिए। अल्लाह अपनी दी हुई नेमतों का चर्चा करने का हुक्म ...

गोरखपुर नगर निगम में मुस्लिम पार्षदों की संख्या बढ़कर हुई 16

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सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। नगर निकाय चुनाव के नतीजे शुक्रवार को घोषित हुए। गोरखपुर नगर निगम के 70 वार्डों में से 16 में मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की हैं। जबकि 2012 के चुनाव में सिर्फ 11 सीटों पर कामयाबी हासिल हुई थीं। इस चुनाव के नतीजे इस मायने में खास हो गये है कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के अलावा अन्य कई वार्डों में भी मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। कुछ वार्ड ऐसे भी है जिन पर पहले भाजपा का कब्जा था लेकिन इस बार मुस्लिम उम्मीदवार कामयाब हुए है। पुराना गोरखपुर वार्ड 68 से भाजपा पिछले दो चुनाव से जीत दर्ज करती चली आ रही थी लेकिन इस बार उसे निर्दल उम्मीदवार नादरा खातून ने  शानदार कामयाबी हासिल की। तिवारीपुर वार्ड नं. 58, जाफरा बाजार वार्ड नं. 49, वार्ड नं. 41, उवर्रक नगर वार्ड नं. 44, वार्ड नं. 13 शिवपुर साहबगंज  भाजपा की सीट थीं लेकिन 2017 के निकाय चुनाव में भाजपा को इर सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा है। जीतने वालों में छह महिलाएं शामिल हैं। वहीं वार्ड नं. 44 से बसपा की बेबी ने महज एक वोट से जीत हासिल की हैं। वार्डों में जीत दर्ज कराने वाले मुस्लिम उम्मीदवार ...