‘या रसूल सलाम अलैका’ की सदा से गूंजा गोरखपुर
गोरखपुर। पैगंबर-ए-इस्लाम की विलादत (जन्मदिवस) का जश्न ईद मिलादुन्नबी पर्व के रूप में शनिवार को अदबो-एहतराम के साथ मनाया गया। 12 रबीवल अव्वल शरीफ यानी जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुसलमानों के सिरों पर इस्लामी टोपियां सजी नजर आयीं। हाथों में इस्लामी परचम व जुंबा पर नार-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर, नार-ए-रिसालत या रसूलल्लाह, हुजूर की आमद मरहबा, या नबी सलाम अलैका, या रसूल सलाम अलैका, मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम की सदाएं चारों तरफ गूंजती रहीं । हर एक मुसलमान का चेहरा खिला हुआ, बच्चों से लेकर बड़ों में खुशियां थीं बेहिसाब। अलसुबह परचम कुशाई के बाद लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर दी मुबारकबाद। सड़कों पर जुलूस-ए-मोहम्मदी का काफिला देर रात तक गुजरता रहा। लोगों ने जगह-जगह जुलूसों का खैर मकदम किया। घरों, मस्जिदों, मदरसों, दरगाहों पर ईद मिलादुन्नबी की महफिल सजायी गयी। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में जश्न का माहौल रहा। बेहतरीन किस्म के खाने बनाये गये। खुद भी खाया और गरीबों, यतीमों, पड़ोसियों में तकसीम भी किया गया। यह नजारा देर रात तक जारी रहा। इस पूरे माह जगह-जगह जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के जलसों का एहतमाम किया जायेगा।
--इन मस्जिदों में हुई परचम कुशाई
सुबह लोगों ने गुस्ल किया। नये कपड़े पहने। खुशबू लगायी। इसके बाद कदम मस्जिदों की तरफ बढ़ चले। फज्र की नमाज अदा करने के बाद परचम कुशाई की रस्म अदा की गई। ईद मिलाद का प्रोग्राम शुरू हुआ। मोहल्ला गाजीरौजा स्थित गाजी मस्जिद में बाद नमाज फज्र परचम कुशाई मुफ्ती अख्तर हुसैन व पेश इमाम हाफिज रेयाज अहमद ने की। नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना असलम रज़वी व मुफ्ती अजहर शम्सी, गौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद, दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल में मौलाना मकसूद आलम, मोहल्ला सौदागार सुन्नी मस्जिद में हाफिज व कारी मो. मोहसिन बरकाती, खुर्शीद, जफर, सगीर, अब्दुल माबूद, वारिस कमेटी मियां बाजार में अब्दुल कादिर, नूर मोहम्मद दानिश, अली हसन, मारुफ, रहमतनगर जामा मस्जिद में मौलाना अली अहमद, सब्जपोश मस्जिद जाफरा बाजार में हाफिज रहमत अली निजामी, खादिम हुसैन मस्जिद तिवारीपुर में हाफिज व कारी अफजल बरकाती, मस्जिद सुभानिया में मौलाना जहांगीर अजीजी, मक्का मस्जिद मेवातीपुर में कारी अंसारुल हक, मस्जिद हसनैन में हाफिज रज्जब ने परचम कुशाई की। इसके अलावा शहर की अन्य मस्जिदों में भी परचम कुशाई की रस्म अदा की गयीं। खूनीपुर चौक पर विभिन्न मुहल्लों द्वारा सामूहिक परचम कुशाई फज्र की नमाज के बाद हुई। अहमद नगर चक्शा हुसैन स्थित नूरी जामा मस्जिद में भी परचम कुशाई हुई।
--शान से निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी
गाजी रौजा में परचम कुशाई के बाद मिलाद का प्रोग्राम हुआ। इसके बाद मुफ्ती अख्तर हुसैन ने पैगंबर-ए-इस्लाम के फजायल बयान किये। सलातो-सलाम पढ़ा गया। इसके बाद जुलूस निकाला गया। जिसमें एक दर्जन बग्घी, दो दर्जन फ्लैक्स बोर्ड जिन पर इस्लामी पैगाम दिए जा रहे थे आकर्षण का केंद्र रहे। इस दौरान मोहम्मद आजम, हाजी मोहम्मद शब्बीर, जकी सिद्दीकी, औरंगजेब, मोहम्मद दबीर, हनीफ, उबैद, मौलाना अयाज अहमद, जमालुद्दीन, नन्हे, जाहिद अली, लियाकत, काजी इनामुर्रमान, शिराज, शहबाज, ताबिश सिद्दीकी, फहीम, फैज सहित तमाम लोग मौजूद रहे। परचम कुशाई के बाद जुलूस-ए-मोहम्मदी निकलना शुरू हुआ जो देर रात तक जारी रहा। जुलूस में विभिन्न मोहल्लों से निकलने वाली रस्म चैकियां आकर्षण का केंद्र रही। मोहल्ला मियां बाजार से वारिस कमेटी की जानिब से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। जिसका नेतृत्व नूर मोहम्मद दानिश ने किया। जुलूस में मारुफ, अली हसन, अब्दुल कादिर, जावेद, सफीक, वसीम आदि लोग शामिल रहे। इसी तरह मुहल्ला रहमतनगर से मगरिब की नमाज के बाद भव्य जुलूस निकाला गया। जिसमें घोड़े, बघ्घी, बोर्ड, इस्लामी परचम व रस्म चौकी आकर्षण का केंद्र रही। जुलूस में गजनफर, मुजफ्फर, तौसीफ अहमद, आसिफ, इमरान मौजूद रहे। दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल से बाद नमाज जोहर जुलूस निकाला गया। जिसमें कुरआन व हदीस के पैगाम से लोगों को जागरूक किया जा रहा था। सामूहिक रूप से नौजवानों द्वारा की जा रही नात ख्वानी लोगों को सुब्हानल्लाह कहने पर मजबूर कर रही थी। अंत में महफिल-ए-सीरतुन्नबी हुई। जुलूस में मौलाना मकसूद आलम, इकरार अहमद, मंजूर आलम आदि मौजूद रहे। रसूलपुर से नसरूद्दीन व गोरखनाथ से रईस अहमद के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया। जगह-जगह जुलूस-ए-मोहम्मदी का स्वागत हुआ। जाफरा बाजार में समाजसेवी आदिल अमीन ने जुलूस का स्वागत किया। जुलूस का मुख्य केंद्र नखास चैराहा रहा। जुलूस के मार्गों पर जगह-जगह स्वागत द्वारा बनाये गये। जिसे गुब्बारों व झालरों से सजाया गया। जगह-जगह जुलूसों का स्वागत कर बिस्किट, केक, इमरती आदि बांटी गयी। इसके अलावा अन्य मोहल्लों से भी जुलूस-ए-मोहम्मदी निकला। उत्कृष्ट जुलूसों को सम्मानित भी किया गया।मस्जिद हसनैन घासीकटरा से भी जुलुस निकला।
--मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार से निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी
मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार की ओर से जुलूस-ए-मोहम्मदी हाजी सैयद तहव्वर हुसैन के नेतृत्व में निकाला गया। जुलूस में इस्लामिक परचम के साथ मदरसे के छात्र-छात्राओं के हाथों में झण्डियों व बैनर थे। जिन पर इस्लाम धर्म की शिक्षाएं लिखी थी। बच्चे नात-ए-पाक व इस्लामी नारों की सदाएं बुलंद करते हुए चल रहे थे। जुलूस समाप्ति के बाद ईद मिलाद की महफिल हुई। जिसमें मुफ्ती अख्तर हुसैन ने पैगंबर-ए-इस्लाम की जिदंगी पर प्रकाश डाला। कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम ने पूरी दुनिया को मानवता, एकता, भाईचारा, अमन का पैगाम दिया। आपकी तालीमात व किरदार की ही देन है कि इस्लाम धर्म सिर्फ 23 साल की तब्लीग (प्रचार प्रसार) से पूरी दुनिया में फैल गया और उनके इंसाफ की वजह से अपने और पराये सब कद्र करने पर मजबूर हुए। इसके बाद मुल्क में अमनों-अमान की दुआएं मांगी गयी। दुआ के बाद शीरनी तकसीम की गयी। इस मौके पर हाफिज नजरे आलम कादरी, मोहम्मद आजम, नवेद आलम, हिमायतुल्लाह, मो. सरफुद्दीन, कासिम, अनीसुल हसन, इस्माईल, हाशिम, वकील अहमद, हाफिज रेयाज अहमद, मो नसीम खान, गौसिया, शबाना बेगम, सैयद जफर हसन सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
--मूए मुबारक की हुई जियारत
छोटे काजीपुर व बड़े काजीपुर में बाद नमाज जोहर अकीदतमंदों को मुए मुबारक (पैगंबर साहब के पवित्र बाल) की जियारत करायी गयी। मिलाद का प्रोग्राम हुआ। बक्शीपुर थवई पुल के पास स्थित मकाम-ए-कदम रसूल पर भी अकीदतमंदों की भीड़ लगी रही। लोगों ने दरूद व सलाम पेश किया।
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