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गोरखपुर के मुफ्ती अजहर सीएए का विरोध करते हुए बोले - 'अतलसो कमख्वाब की पोशाक पे नाज़ा न हो, इस तने बेज़ान पर खाकी कफ़न रह जायेगा'

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गोरखपुर। अहमदनगर चक्शा हुसैन में शनिवार को जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। अध्यक्षता हाफिज शमसुद्दीन व संचालन हाफिज नूर मोहम्मद ने किया। मुख्य अतिथि मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा कि 1857 में जंग-ए-आजादी के अज़ीम शहीद हजरत किफायत अली काफी को जब फांसी दी जा रही थी तो उन्होंने एक शेर पढ़ा जो आज भी हर मुसलमान के दिल में महफूज है और कयामत तक महफूज रहेगा। उन्होंने पढ़ा था 'कोई गुल बाकी रहेगा न चमन रह जायेगा, पर रसूलल्लाह का दीने हसन रह जायेगा, हम सफीरों बाग में है कोई दम का चहचहा, बुलबुले उड़ जायेंगी सुना चमन रह जायेगा, नामे शाहाने जहां मिट जायेंगे लेकिन यहां, हश्र तक नामो निशाने पंजतन रह जायेगा, जो पढ़ेगा साहिबे लौलाक के ऊपर दरुद, आग से महफूज उसका तन बदन रह जायेगा, सब फना हो जायेंगे काफी, व लेकिन हश्र तक नात हजरत का जुबानों पर सुखन रह जायेगा, अतलसो कमख्वाब की पोशाक पे नाज़ा न हो, इस तने बेज़ान पर खाकी कफ़न रह जायेगा'। उन्होंने कहा कि इस मुल्क की आजादी में हमारे बुजुर्गों ने अज़ीम कुर्बानी दी है। 1757 में नवाब सिराजुद्दौला ने पलासी के मैदान में अंग्रेजों से मुकाबला किया। उनके बाद ...

दिल्ली में अमनो अमान के लिए मकतब इस्लामियात के बच्चों ने मांगी दुआ

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गोरखपुर। बुधवार को मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर चिंगी शहीद के करीब सौ बच्चों ने अपने नन्हें-नन्हें हाथ अल्लाह पाक की बारगाह में उठाकर नई दिल्ली में जारी फसाद थमने व अमनो, अमान, एकता व भाईचारा कायम रहने की दुआ मांगी। मकतब इस्लामियात के सदर मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि यह मुल्क हमारा है। यहां के लोग हमारे है। यहां अमनो अमान व भाईचारा कायम करना हम सबकी जिम्मेदारी है। मुल्क के ऐसे हालात में हर देशवासी का फर्ज है कि मुल्क की फिज़ा में अमन कायम करे। फसाद से मुल्क व आम इंसानों का नुकसान होता है। आज मकतब में बच्चों के जरिए नई दिल्ली व पूरे मुल्क में अमन शांति के लिए दुआ करवाई गई। पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि बच्चों की जुबान से निकली यह दुआ अल्लाह पाक जरुर सुनेंगे और माहौल में अमन शांति कायम होगी। जिन लोगों ने फसाद में अपनों को खोया है अल्लाह उन्हें सब्र दें और गैब से मदद करे। फसाद में जिन लोगों को माली नुकसान हुआ है उनकी मदद सरकार के साथ आम नागरिक भी करें। सरकार जान गंवाने व माली नुकसान उठाने वालों को मुआवजा दे। विभिन्न धार्मिक स्थलों व मजारों को फिर से आबाद किया जाए। फसाद के दोष...

गोरखपुर के 121 उलेमा ने सीएए के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट को लिखा खत

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गोरखपुर। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) व राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर जिले के उलेमा (मुस्लिम धर्मगुरु) बेचैन हैं। चिंता के माहौल में शहर के 121 उलेमा ने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे को खत लिख कर सीएए व एनपीआर पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। खत लिखने वालों में शहर की मस्जिद के इमाम, मोअज्जिन, कारी, हाफिज, मौलाना, मुफ्ती व मदरसा शिक्षक शामिल हैं।  खत पर हस्ताक्षर करने का सिलसिला 19 से 24 फरवरी तक चला। मंगलवार को खत स्पीड पोस्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के मुख्य न्यायाधीश को भेजा गया। उलेमा ने खत के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 (सीएए) धर्म के आधार पर बनाया गया है। सीएए भारतीय संविधान की प्रस्तावना के विरुद्ध है। सीएए के पारित होने से विभिन्न धर्म एवं जाति के मध्य नफरत का माहौल पैदा हो रहा है। जो कि देश के विकास में बाधक है। वहीं एनपीआर और एनआरसी भी जनता के खिलाफ व घातक है। देश के कई राज्यों ने सीएए, एनपीआर व एनआरसी का विरोध करते हुए ...

गोरखपुर में भीम आर्मी ने प्रदर्शन कर आरक्षण बचाओ और सीएए-एनआरसी हटाओ का नारा बुलंद किया

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गोरखपुर। रविवार को भीम आर्मी का नगर निगम स्थित रानी लक्ष्मी बाई पार्क में पहला जोरदार विरोध प्रदर्शन शांति के साथ हुआ। भारत बंद के आह्वान पर जुलूस निकालने में भीम आर्मी कामयाब नहीं हो सकी। अप्रत्यक्ष रूप से एससी, एसटी और ओबीसी का सरकारी नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने वाले निर्णय और सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में यह विरोध प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन भीम आर्मी के भारत बंद के क्रम में हुआ। हालांकि भारत बंद का असर शहर में नज़र नहीं आया। कुछ एरिया में इक्का दुक्का दुकानें बंद रहीं। आरक्षण बचाओ, संविधान बचाओ, सीएए, एनआरसी व एनपीआर हटाओ, देश बचाओ का नारा बुलंद करते हुए भीम आर्मी ने जमकर नारेबाजी की। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रदर्शन स्थल पर ही जिला प्रशासन को सौंपा गया। जिसके जरिए मांग की गई कि संविधान विरोधी सीएए को वापस लिया जाए, एससी, एसटी व ओबीसी को नौकरियों में मिलने वाले प्रोन्नति में आरक्षण को जारी रखा जाए। एनआरसी व एनपीआर का भीम आर्मी ने जमकर विरोध किया और डीएनए आधारित एनआरसी लागू करने की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व भीम आर्मी जिलाध्यक्ष...

गोरखपुर : उर्स में पढ़ी गई संविधान की प्रस्तावना, सीएए, एनआरसी व एनपीआर वापस लेने की हुई दुआ

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गोरखपुर। तुर्कमानपुर स्थित दरगाह पर हजरत इमदाद शाह रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स-ए-पाक बुधवार को अकीदत के साथ मनाया गया। कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। उर्स-ए-पाक के मौके पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में जगह-जगह हो रहे ऐतिहासिक शाहीन बाग़ आंदोलन की कामयाबी और सीएए, एनआरसी व एनपीआर वापस लिए जाने की दुआएं मांगी गई। मुल्क में अमनो सलामती, भाईचारगी व तरक्की की भी दुआ की गई। इस मौके पर बच्चों के बीच नातिया मुकाबला हुआ। जिसमें मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार, मदरसा रज़विया मेराजुल उलूम चिलमापुर, मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर व मदरसा फ़ैजाने मुबारक खां शहीद नार्मल के बच्चों ने रसूल-ए-पाक की शान में शानदार नात-ए-पाक पढ़ी। नातिया मुकाबले के विजेता बच्चों को उलेमा-ए-किराम ने पुरस्कृत किया। इसके बाद जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। जिसमें मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी व मौलाना मो. असलम रज़वी ने अल्लाह तआला, रसूल-ए-पाक हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम, सहाबा-ए-किराम, अहले बैत व औलिया-ए-किराम की शान में तकरीर की। अंत में दरुदो सलाम पढ़कर जलसा समाप्त ह...

गोरखपुर के दो हजार छात्रों ने लिखा हम शाहीन बाग़ के साथ

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-छात्रों की गुहार सीएए, एनआरसी, एनपीआर वापस ले सरकार गोरखपुर। गुरुवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय के 1300 छात्र-छात्राओं ने सीएए, एनआरसी व एनपीआर वापस लेने की गुहार सरकार से की।  इसके लिए बाकायदा छात्र-छात्राओं ने पीएम को पोस्टकार्ड लिखा। छात्रों ने शाहीन बाग़ आंदोलन का समर्थन किया। दो दिन तक पोस्टकार्ड लिखे जाने का सिलसिला गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार पर चला। जिसमें करीब दो हजार छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। पूर्वांचल सेना, भीम आर्मी, अंबेडकराइट स्टूडेंट यूनियन फार राइट्स-असुर द्वारा सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ 'पीएम को पत्र लिखो' अभियान चलाया जा रहा है। असुर छात्र संगठन के नेतृत्व में  आयोजित दो दिवसीय पोस्टकार्ड लिखो अभियान में गोरखरपुर विश्वविद्यालय के दो हजार छात्र-छात्राओं ने पोस्टकार्ड लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संविधान और मानवता विरोधी कानून सीएए वापस लेने और एनआरसी और एनपीआर की प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की। संगठन के ईश कुमार ने कहा कि हम शाहीन बाग़ जैसे लोकतांत्रिक आंदोलनों के साथ हैं। हम असंवैधानिक और मानवता विरोधी कानून सीए...

गोरखपुर : आप की जीत व शाहीन बाग़ के सम्मान में चढ़ायी चादर

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गोरखपुर। नई दिल्ली के विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बम्पर जीत और सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ   शाहीन बाग़, जामिया, एएमयू, घंटाघर में चल रहे आंदोलन के सम्मान में मंगलवार को नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद में चादर चढ़ा कर सीएए, एनआरसी व एनपीआर से निज़ात की दुआ मांगी गई। चादर चढ़ाने वाले युवाओं ने कहा कि नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में देश तोड़ने वालों के खिलाफ जनता ने जमकर वोट किया। देश में नफरतों की राजनीति करने वाले सियासी दल व महिलाओं के आंदोलन पर बदजुबानी करने वाले नेताओं को जनता ने अपने वोट की ताकत से नकार दिया। आम आदमी पार्टी की जीत हिन्दुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब व विकास की जीत है। शाहीन बाग़ में आंदोलन कर रही महिलाओं व छात्रों पर अनापशनाप आरोप लगाने वाले लोग दूषित मानसिकता के लोग हैं। मुस्लिम महिलाओं पर व उनके बुर्के पर तंज करने वाले मनोरोगी है। हमारी यही दुआ है कि सीएए, एनआरसी व एनपीआर का जल्द खात्मा हो। देश में मौजूद तमाम शाहीन बाग़ों में बैठी महिलाओं को जल्द इंसाफ मिले। जामिया, एएमयू, जेेएनयू के छात्रों पर जुल्मों सितम रुक जाये। गार्गी कालेज की लड़किय...

गोरखपुर में सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ 'पीएम को पोस्टकार्ड भेजो' अभियान शुरु

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-एक लाख पोस्टकार्ड भेजने का लक्ष्य -पूर्वांचल सेना व भीम आर्मी का अभियान गोरखपुर। सीएए (नागरिकता संशोधन कानून), एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ हिन्दुस्तानियों में बेहद नाराज़गी है। जिसकी वजह से नई दिल्ली से लेकर हर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन जारी है। जगह-जगह शाहीन बाग़ के रुप में शांतिपूर्ण ऐतिहासिक आंदोलन हो रहे हैं। पुलिस की दमनात्मक कार्रवाई भी जारी है। आंदोलन में दो दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जिसमें शाहीन बाग़ नई दिल्ली का चार माह का मोहम्मद जहान भी शामिल है। गोरखपुर की अवाम में भी आक्रोश  है। जो पुलिसिया खौफ की वजह से सामने नहीं आ पा रहा है। इन सबके बीच पूर्वांचल सेना व भीम आर्मी ने गोरखपुर में सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ 'पीएम को पोस्टकार्ड भेजो' अभियान शुरू किया है। पीएम नरेंद्र मोदी को एक लाख पोस्टकार्ड भेजने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान की खासबात यह है कि यह दलित व पिछड़े वर्ग की बस्तियों में चलाया जा रहा है। हर रोज करीब 300 पोस्टकार्ड लिखे जा रहे हैं। जिसमें ग्रामीण व शहरी अवाम बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही है। 4 फरवरी को उनवल से इस अभियान की शुरुआत हुई...