गोरखपुर के दो हजार छात्रों ने लिखा हम शाहीन बाग़ के साथ







-छात्रों की गुहार सीएए, एनआरसी, एनपीआर वापस ले सरकार

गोरखपुर। गुरुवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय के 1300 छात्र-छात्राओं ने सीएए, एनआरसी व एनपीआर वापस लेने की गुहार सरकार से की।  इसके लिए बाकायदा छात्र-छात्राओं ने पीएम को पोस्टकार्ड लिखा। छात्रों ने शाहीन बाग़ आंदोलन का समर्थन किया। दो दिन तक पोस्टकार्ड लिखे जाने का सिलसिला गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार पर चला। जिसमें करीब दो हजार छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। पूर्वांचल सेना, भीम आर्मी, अंबेडकराइट स्टूडेंट यूनियन फार राइट्स-असुर द्वारा सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ 'पीएम को पत्र लिखो' अभियान चलाया जा रहा है।

असुर छात्र संगठन के नेतृत्व में  आयोजित दो दिवसीय पोस्टकार्ड लिखो अभियान में गोरखरपुर विश्वविद्यालय के दो हजार छात्र-छात्राओं ने पोस्टकार्ड लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संविधान और मानवता विरोधी कानून सीएए वापस लेने और एनआरसी और एनपीआर की प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की।

संगठन के ईश कुमार ने कहा कि हम शाहीन बाग़ जैसे लोकतांत्रिक आंदोलनों के साथ हैं। हम असंवैधानिक और मानवता विरोधी कानून सीएए और गैर जरूरी एनआरसी व एनपीआर की प्रक्रिया के खिलाफ खड़े हैं। प्रधानमंत्री जी से आग्रह करते है कि वह इसे वापस लें और देश की मूलभूत समस्याओं के निदान हेतु काम करें।

उन्होंने बताया कि वर्तमान केंद्र सरकार जनता से अपने जिन वादों के दम पर सत्ता में आई थी उन्हें पूरा करने में पूरी तरह विफल होने के बाद लोगों बेवजह का विवाद उत्पन्न करने के लिए संविधान की मूल भावना को नष्ट करते हुए नागरिकता कानून में इस संशोधन को लेकर के आई है, हम छात्र इस बात को बखूबी समझते हैं। प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड भेजने के पीछे हमारा मकसद प्रधानमंत्री जी को बताना है कि हम युवा कहीं से भी इस बहकावे में नही आने वाले हैं। आज देश में लोकतंत्र की व्यवस्था के अनुरूप किए जाने वाले विरोध-प्रदर्शन को भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि बताने का काम केंद्र सरकार कर रही है। सरकार एक तानाशाह की तरह पुलिस-सुरक्षा बलों का दुरुपयोग कर, लोकतंत्र की मजबूती के लिए सड़कों पर उतरने वाले लोगों का दमन कर रही है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर प्रचार कर लोकतंत्र और संविधान के लिए संघर्षरत लोगो को एंटी-नेशनल साबित करने का काम किया जा रहा है ।

पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि नागरिकता कानून में संशोधन में धर्म को आधार बनाने और एक धर्म को निशाने पर लेने के बाद हमारा देश एक सांप्रदायिक राष्ट्र की ओर बढ़ चुका है। पूरी दुनिया में इसकी भर्त्सना की जा रही है । इससे देश का नाम बदनाम हो रहा है।

उन्होंने कहा कि दुनिया का हर इंसान भारत को अपना घर समझता था और उसे विश्वास था कि जब हमें कहीं शरण नहीं मिलेगी तो हम भारत में रह लेंगे। यही कारण है कि पूरी दुनिया के लोग भारत को सम्मान की नजर से देखते हैं। लेकिन सीएए आने के बाद हम भी एक कट्टरपंथी और सांप्रदायिक राष्ट्र की ओर बढ़ गए हैं और यह हमारे देश की वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति को नष्ट करता है। हम युवा इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र भेजकर उनको याद दिला रहे हैं की देश ने आपको विकास के नाम पर वोट दिया था, देशवासियों को धर्म के आधार पर बाटनें और डिटेंशन कैम्प में डालकर प्रताड़ित करने के लिए नहीं।

उन्होंने कहा जब तक की यह गैर जरूरी कानून वापस नहीं होता, हमारा विरोध जारी रहेगा।

इस दौरान मंजेश कुमार, आदित्य देव, ईश्वर कुमार, प्रियंका कुमारी, शाहिद, काजल, अनुराग निषाद, नेहा मौर्या, अमरनाथ, कुलदीप गौतम, आकाश पासवान ने महती भूमिका निभायी।

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