गोरखपुर में सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ 'पीएम को पोस्टकार्ड भेजो' अभियान शुरु


-एक लाख पोस्टकार्ड भेजने का लक्ष्य
-पूर्वांचल सेना व भीम आर्मी का अभियान

गोरखपुर। सीएए (नागरिकता संशोधन कानून), एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ हिन्दुस्तानियों में बेहद नाराज़गी है। जिसकी वजह से नई दिल्ली से लेकर हर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन जारी है। जगह-जगह शाहीन बाग़ के रुप में शांतिपूर्ण ऐतिहासिक आंदोलन हो रहे हैं। पुलिस की दमनात्मक कार्रवाई भी जारी है। आंदोलन में दो दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जिसमें शाहीन बाग़ नई दिल्ली का चार माह का मोहम्मद जहान भी शामिल है।

गोरखपुर की अवाम में भी आक्रोश  है। जो पुलिसिया खौफ की वजह से सामने नहीं आ पा रहा है। इन सबके बीच पूर्वांचल सेना व भीम आर्मी ने गोरखपुर में सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ 'पीएम को पोस्टकार्ड भेजो' अभियान शुरू किया है। पीएम नरेंद्र मोदी को एक लाख पोस्टकार्ड भेजने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान की खासबात यह है कि यह दलित व पिछड़े वर्ग की बस्तियों में चलाया जा रहा है। हर रोज करीब 300 पोस्टकार्ड लिखे जा रहे हैं। जिसमें ग्रामीण व शहरी अवाम बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही है। 4 फरवरी को उनवल से इस अभियान की शुरुआत हुई। अबतक रानीपार, जिगिना, टेकवॉर, हरदिया पिछौरा आदि क्षेत्रों की अवाम कई सौ पोस्टकार्ड लिख चुकी है। 7 फरवरी को बीछिया पीएसी कैंप के निकट अभियान चलाया जायेगा। पोस्टकार्ड लिखने से पहले अवाम को सीएए, एनआरसी व एनपीआर की क्रोनोलॉजी समझायी जाती है। उक्त तीनों देश व संविधान के लिए कैसे खतरनाक हैं उसके बारे में विस्तार से बताया जाता है। यही नहीं देश के खराब आर्थिक हालात, शिक्षा व्यवस्था, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बदहाल स्वास्थय सेवाओं पर लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

अभियान के अगुआ हैं पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, जिलाध्यक्ष सुरेंद्र वाल्मिकी, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह गौतम, असुर संगठन के मंजेश कुमार, राधेश्याम निषाद, विजय कनौजिया, नसीम कामरेड, विवेक वर्मा, सुरेंद्र कुमार, रुपेश कुमार भारती, अमरजीत कश्यप, सुनील कुमार भारती सहित तमाम युवा। यह युवा अवाम को जागरुक कर उनमें नवचेतना का संचार कर रहे हैं। धीरेंद्र प्रताप के मुताबिक यह अभियान सीएए, एनपीआर के समाप्त होने व भविष्य में एनआरसी लागू न होने के स्पष्ट व पुख्ता प्रमाण के बाद ही समाप्त किया जायेगा। अभियान के अगले चरण के तहत चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भी सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ पोस्टकार्ड भेजा जायेगा। अभियान को अन्य जिलों में भी शुरु करने की योजना है। पोस्टकार्ड पर लिखा जा रहा है कि 'प्रधानमंत्री महोदय हमें संविधान विरोधी सीएए, मंजूर नहीं है और न ही एनआरसी व एनपीआर। लिहाजा इसे वापस लिया जाए। सीएए, एनआरसी व एनपीआर पर खर्च होने वाला पैसा और समय बेरोजगारी खत्म करने, अच्छी व मुफ्त शिक्षा, स्वास्थय सेवा, महिलाओं की सुरक्षा, किसानों की आत्महत्या रोकने, भ्रष्टाचार खत्म करने, सैनिकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में खर्च करें। देश की डूबती अर्थव्यवस्था, बिक रहे रेलवे, एयर इंडिया, एलआईसी आदि को कैसे बचाया जाये इस पर चर्चा करें और कराएं। ऐसा नहीं होने पर हमारा विरोध जारी रहेगा। हमें सरकारी विभागों का निजीकरण नहीं चाहिए। आपकी सरकार लगातार सरकारी खजानों का दुरुपयोग कर नमामि गंगे, सरदार पटेल मूर्ति, कुंभ मेला जैसे तमाम प्रोजेक्ट पर लाखों करोड़ों रुपया जो हमारे टैक्स का है बर्बाद करना बंद करे। हमें मुफ्त शिक्षा बेतहर इंफ्रास्ट्रक्चर, अच्छी स्वास्थय सेवाएं और युवाओं को रोजगार चाहिए। अभियान में युवाओं के साथ महिलाएं, बुजुर्ग भी शामिल होकर अभियान के अगुअा युवाओं का हौसला बढ़ा रहे हैं।
बतातें चलें कि संगठन ने 29 जनवरी को भारत बंद के दौरान बेतियाहाता स्थित मुंशी प्रेमचंद पार्क के पास प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सीएए, एनआरसी व एनपीआर का प्रतीकात्मक पुतला फूंका था। गोरखपुर का यह एक वाहिद संगठन है जो हर जुल्म के खिलाफ हमेशा आवाज़ बुलंद करता नज़र आता है।


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