आजम खां के फैसले से मदरसों में उठे विरोध के सुर
उ. प्र. मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं राजकीय स्कूलों में कराये जाने से नाराजगी
24 फरवरी को लिया गया फैसला
मदरसो के प्रधानाचार्याे व प्रबंधकों की बैठक 29 फरवरी को
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड द्वारा संचालित परीक्षाएं अब प्रदेश में स्थित राजकीय इण्टर कालेजों और राजकीय हाई स्कूलों को परीक्षा केन्द्र बनाकर वहीं संचालित की जायेंगी। यह निर्णय 24 फरवरी को विधान भवन में प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खाँ की अध्यक्षता में आयोजित माध्यमिक शिक्षा परिषद तथा मदरसा शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों की बैठक में लिया गया।
उक्त फैसले के विरोध में सुर उठने लगे है। कई जिलों में बैठके हुई है। आल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया गोरखपुर शाखा के तत्वावधान में मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया इमामबाड़ा दीवान बाजार में 29 फरवरी को अपराह्न 1 बजे से बैठक होगी। जानकारी देते हुए एसोसिएशन के जिला महासचिव हाफिज नजरे आलम कादरी ने बताया कि बैठक में जनपद के समस्त अनुदाानित, गैर अनुदानित एवं आलिया स्तर के मान्यता प्राप्त मदरसों के प्रधानाचार्य एवं प्रबधंक भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि मदरसों के साथ यह नाइंसाफी है। इस फैसले से मदरसा इंतेजामिया में आक्रोश है। एसोसिएशन इसकी मजम्मत करता है। आज तक कभी भी परीक्षाएं मदरसें के बाहर नहीं हुई तो अब क्यों। जहां तक नकल रोकने का सवाल है तो क्या उप्र शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में नकल नहीं होती है। नकल रोकने के और भी उपाय है।
नजरे आलम ने कहा कि आजम खाँ का बयान जिसमें उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं को साफ-सुथरा बनाये रखने और मदरसों को उन पर लगने वाले इल्जामों से निजात दिलाने के लिये यह कदम उठाया गया है। यह व्यवस्था इसी वर्ष से मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं पर लागू की जायेगी। मदरसों पर सवालिया निशान है। मदरसों में परीक्षाएं साफ सुथरे तरीके से वा नकल विहीन होती है।
बतातें चले कि उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड द्वारा संचालित परीक्षाएं मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल, फाजिल 4 अप्रैल को प्रस्तावित है। जिसमें जनपद से करीब 6000 से अधिक छात्र-छात्राएं परीक्षा में बैठेंगे। कल्याण मंत्री ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक अमर नाथ वर्मा, मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुमताज अहमद सिद्दीकी, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक फैजुर्रहमान व अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे बैठकर आपस में इस व्यवस्था की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श कर लें और माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं के समाप्त होते ही मदरसा बोर्ड परीक्षायें सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में आयोजित करायें जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें।
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