मां-बाप की पहली प्राथमिकता हो बच्चों की अच्छी शिक्षा: मुफ्ती अजहर
- चार दिवसीय जलसा-ए-सीरतुन्नबी व दीनी तालीमी नुमाइश का आगाज
गोरखपुर। एमएसआई (मियां साहब इस्लामिया) इंटर कॉलेज बक्शीपुर में चार दिवसीय जलसा-ए-सीरतुन्नबी व दीनी तालीमी नुमाइश (प्रदर्शनी) का गुरुवार को आगाज हुआ। मुख्य अतिथि नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने जलसा-ए-सीरतुन्नबी व दीनी तालीमी नुमाइश का उद्घाटन करते हुए कहा कि दीनी तालीमी नुमाइश इस्लाम धर्म की शिक्षा व तारीख का आईना है और हम सबको इस बारे में विस्तार से जानना चाहिए।
मुफ्ती अजहर ने कहा कि पैग़बरे इस्लाम को अल्लाह ने पूरी मानवता के लिए रहमत बनाकर भेजा था। यही कारण है कि उनकी रहमत और मुहब्बत किसी विशेष वर्ग के लिए सीमित नहीं है। जात-पात, रंग-रूप, नस्ल, क्षेत्रवाद और भाषा जैसी सभी बाधाओं से ऊपर उठकर उन्होंने समाज के हित के लिए काम किया। उन्होंने एमएसआई कॉलेज की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा व संस्कार के बगैर इंसान अंधेरे में रहता है। इसलिए शिक्षा सबके लिए बहुत जरूरी है। मुफ्ती अजहर ने पश्चिमी देशों का हवाला देते हुए कहा कि वहां शिक्षा के जरिये ही तरक्की के द्वार खुले हैं। इसलिए माँ-बाप की पहली प्राथमिकता बच्चों की पढ़ाई होनी चाहिए। अध्यक्षता डॉ. मिर्जा रफीउल्लाह बेग ने किया। इस मौके पर कॉलेज के प्रबंधक महबूब सईद हारिस, प्रधानाचार्य मो. नदीमुल्लाह अब्बासी, मुख्तार अहमद, जफर अहमद खां, रिजवानुल हक, हसन जमाल उर्फ बबुआ भाई, प्रमोद श्रीवास्तव, हाजी सुब्हानल्लाह, रिजवानुल हक आदि मौजूद रहे।
नुमाइश देखने उमड़ी भीड़
दीनी तालीमी नुमाइश में पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद की सीरत, इस्लाम धर्म की तारीख, पवित्र स्थान, हस्तलिखित कुरआन की प्रतियां आकर्षक का केंद्र है। इसके अलावा तमाम बैनरों, पोस्टरों के जरिए इस्लामी शिक्षा, महिलाओं, पड़ोसियों के अधिकार बताए गए हैं। नुमाइश में पवित्र स्थानों की फोटो, भारत के मुस्लिम बादशाहों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
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आज के कार्यक्रम
शुक्रवार को सान्वी व जूनियर ग्रुप का मुकाबला होगा। सुबह 8 बजे से किरात (कुरआन पाठ), सुबह 9 बजे से साइंस क्विज व इस्लामी क्विज का लिखित मुकाबला होगा। सुबह 10 बजे से भाषण (तकरीर), दोपहर 2 बजे से इस्लामी क्विज और पेंटिंग, शाम 4:30 बजे से नातिया मुकाबला होगा। अंत में शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा।
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तालीम वरदान है जरूर हासिल करें : डॉ. आज़म बेग
एमएसआई कॉलेज में वार्षिक जलसा-ए-सीरतुन्नबी का समापन
गोरखपुर। तालीम इंसान को इंसान बनाती है। जीने का सलीका सिखाती है, रहने का ढंग बताती है तालीम हासिल करोगे तो स्वावलंबी बनोगे। यही अवाम और इस वतन के लिए जरूरी है। एक दानिश्वर ने कहा कि तालीम की सीढ़ी पर चढ़कर हम मंजिल की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। हम सभी के लिए तालीम वरदान है। ऐसे शिक्षण संस्थान अधिक से अधिक स्थापित होने चाहिए, जहां बच्चों को कम खर्च में तालीम मिल सके। बच्चों को तालीम के साथ-साथ अख्लाकी तालीम भी देनी होगी। किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए तालीम जरूरी है। तालीम जरूर हासिल करें।
यह बातें राजस्थान के डॉ. मो. आज़म बेग (पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) ने कही। डॉ. आज़म रविवार को एमएसआई (मियां साहब इस्लामिया) इंटर कॉलेज में आयोजित चार दिवसीय जलसा-ए-सीरतुन्नबी के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने स्वयं जीवन के हर पहलू में सभी कर्तव्यों का पालन किया और अपने साथियों और सभी मुसलमानों को इसका पालन करने का निर्देश दिया, क्योंकि सामाजिक अशांति को रोकने का एकमात्र रास्ता कर्तव्यों का पालन है। अगर हर व्यक्ति सही तरह से अपना कर्त्तव्य निभाने लगे, तो दुनिया में शांति और सद्भाव कायम हो सकता है। दुनिया के किसी भी हिस्से का कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी जाति या समुदाय का हो, अगर वह पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का कलमा पढ़ता है, तो इस्लाम न केवल उसे मुसलमानों की पंक्ति में बराबरी से खड़े होने का अधिकार देता है, बल्कि उसे मस्जिद का मेम्बर और मेहराब भी सौंप देता है। उन्होंने कॉलेज प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की।
प्रबंधक महबूब सईद हारिस ने कॉलेज की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अक्षर ज्ञान के साथ हमें अपने जीवन को संवारना और निखारना है तो इसके लिए शिक्षा और संस्कार दोनों की जरूरत रहेगी। यह तालीम मदरसे में मिले चाहे किसी स्कूल में इसे सभी को हासिल करना चाहिए।
प्रधानाचार्य मो. नदीमुल्लाह अब्बासी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर ज़फ़र अहमद ख़ां, मुख्तार अहमद, अनीस अहमद, मिर्जा रफीउल्लाह बेग, रिजवानुल हक, मो. जाबिर, हसन जमाल बबुआ,
शाहिद नबी आदि मौजूद रहे।
विद्यार्थियों को मिला पुरस्कार तो खिले चेहरे
जलसे के अंतिम दिन विद्यार्थियों के बीच किरात (कुरआन पाठ), इस्लामी क्विज, तकरीर प्रतियोगिता हुई। जिसमें मो. सलीम, सफवान, अब्दुल नासिर, सलमान, हस्सान, सुहैल, अकीबुर्रहमान, युसूफ हसन, अनस, शाहिद, अ़फ़्फ़ान अहमद, अलकमा, सना तस्लीम, शहनवाज़, सरफराज अली, शाद, सादान, शाहिद, ताहिर, तौसीफ, यूसुफ हसन, हस्सान उमर, मो. सलमान, मो. आकिफ, सुफियान, अब्दुल्लाह, फरहान, मो. साहिल, युसूफ कमाल आदि ने प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने दमदार प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि डॉ. मो. आज़म बेग ने विद्यार्थियों की प्रशंसा की। मुख्य अतिथि ने विजयी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र, शील्ड व ट्राफी देकर सम्मानित किया।
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विज्ञान प्रदर्शनी में दिखी बच्चों की प्रतिभा, मिली प्रशंसा
बांटने से बढ़ता है शिक्षा और ज्ञान: अजीत सिंह
एमएसआई कॉलेज में जलसा-ए-सीरतुन्नबी का तीसरा दिन
गोरखपुर। एमएसआई (मियां साहब इस्लामिया) इंटर कॉलेज में आयोजित जलसा-ए-सीरतुन्नबी के तहत शनिवार को विद्यार्थियों के बीच जोरदार मुकाबला हुआ। साइंस क्विज, वाद-विवाद व नातिया मुकाबले के जरिए छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए जजों व उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। विज्ञान प्रदर्शनी भी लगाई गई जो आकर्षण का केंद्र रही।
मुख्य अतिथि सह जिला विद्यालय निरीक्षक अजीत सिंह ने शिक्षकों व छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि शिक्षा और ज्ञान ऐसी निधि है जो बांटने से कम नहीं होती बल्कि बढ़ती है। इसको पाकर शिक्षार्थी भी ज्ञानवान बनता है। अपना व अपने समाज का विकास करता है। कहा कि जो भी संस्थाएं निशुल्क या अल्प शुल्क में बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रही हैं वह बधाई की पात्र हैं। उनके इस कार्य से विकास के साथ ही समानता भी पैदा होगी।
विशिष्ट अतिथि सह जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि किताबों की सोहबत हमें सही तरह से जीवन जीने का रास्ता दिखाती है। किताबों का महत्व समझें, तोहफे में गुलदस्ता नहीं किताब देने का कल्चर आम करें, फैलाएं शिक्षा की रोशनी। अध्यक्षता डॉ. मिर्जा रफीउल्लाह बेग ने किया। इस मौके पर स्वामी डॉ. विनय, प्रबंधक महबूब सईद हारिस, मो. नदीमुल्लाह अब्बासी, मुख्तार अहमद, जफर अहमद खां, रिजवानुल हक, अनीस अहमद, हसन जमाल बबुआ, हफीजुल हसन, मुफ्ती दाऊद कासमी, वलीउल इकबाल, मिर्जा सलीम बेग, एहतेशाम सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।
पुरस्कृत होने वाले विद्यार्थी
साइंस क्विज मुकाबला संजीदा फातिमा, मो. हसन, पवन निषाद, जुहैब अब्दुल्लाह, उनसा समन, मो, अनस ने जीता। पेंटिंग मुकाबला अर्द्धया सैनी, तस्मिया नाज, मोइन
अख्तर, कृष्णा वर्मा, सदानंद साहनी, मो. अलहान हुसैन ने जीता। वाद-विवाद मुकाबला आरुषी सिंह, वैष्णवी पांडे, आदित्य गुप्ता, मारिया निसार, रेयाज अली, शीतल यदुवंशी, अरबाब लारी ने जीता। नातिया मुकाबला अनाया फातिमा, इरम मेराज, आलिया फलक, इसरा रियाज, हिबा जुवेरिया, आलिया के नाम रहा। विज्ञान प्रदर्शनी में अनिकेत मिश्रा, सऊद अशरफ, सोनी सिंह निगम, मौ. फैज, दिव्यांशु जायसवाल, गौरव सिंह के माडल ने जीत दिलाई। अतिथियों ने विजेताओं को पुरस्कृत किया।
समापन व पुरस्कार वितरण समारोह आज
रविवार को प्रदेश स्तरीय मुकाबले होंगे। सुबह आठ बजे से किरात (कुरआन पाठ) का, सुबह नौ बजे से इस्लामी क्विज़ की लिखित मुकाबला, सुबह 10 बजे से भाषण (तकरीरी) मुकाबला होगा। दोपहर दो बजे से इस्लामी क्विज, शाम 5:30 बजे पैग़ंबरे इस्लाम की जिंदगी व संदेश पर डॉ. मो. आजम बेग (पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) का संबोधन होगा। अंत में विजेताओं को पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र, शील्ड एवं ट्राफी अतिथियों द्वारा दी जाएगी।
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साइंस-इस्लामी क्विज, किरात, नात, भाषण, पेंटिंग मुकाबले में दिखी प्रतिभा, मिला पुरस्कार
तहजीब और तकनीक का गुलदस्ता है एमएसआई कॉलेज : डॉ. शुएब रज़ा
जलसा-ए-सीरतुन्नबी का दूसरा दिन
गोरखपुर। एमएसआई (मियां साहब इस्लामिया) इंटर कॉलेज बक्शीपुर में वार्षिक जलसा-ए-सीरतुन्नबी के तहत शुक्रवार को सानवी व जूनियर ग्रुप के छात्रों के बीच किरात (कुरआन पाठ), भाषण (तकरीर), इस्लामिक क्विज़, साइंस क्विज व नातिया मुकाबला हुआ। पेंटिंग प्रतियोगिता भी हुई।तमाम छात्रों ने एक से बढ़कर एक पेंटिंग बनाई। पेंटिंग में प्रकृति के विभिन्न आयाम व रंग देखने को मिले। छात्रों ने सभी प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। पहला, दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को मेहमानों ने पुरस्कृत किया। दूसरी तरफ कॉलेज परिसर में लगी दीनी तालीमी नुमाइश देखने को लोगों की भीड़ उमड़ी।
मुख्य अतिथि एनआईओएस के अस्सिटेंट डायरेक्टर डॉ. शुएब रज़ा ने छात्रों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि जिले में कुछ कॉलेज आज़ादी से पहले खुले तो कुछ आज़ादी के बाद। इन दोनों तरह के कॉलेजों में काफी अंतर है। आज़ादी से पहले खुले कॉलेजों का एक मकसद यह भी था कि हमारी तहजीब के हिसाब से देश कैसे आगे बढ़े, इस दृष्टि से एमएसआई इंटर कॉलेज का अहम स्थान है। तहजीब और तकनीक का गुलदस्ता यह कॉलेज। उन्होंने यह भी कहा कि इल्म वह नहीं जो आपने उससे सीखा है बल्कि इल्म वह है जो अमल और किरदार से जाहिर होता है।
विशिष्ट अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. अमरकांत सिंह ने कहा कि देश की संस्कृति, एकता और तहजीब ही भारत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाती है, लेकिन पारंपरिक ज्ञान के साथ आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी साथ लेकर चलने की जरूरत है और एमएसआई इंटर कॉलेज ने दोनों को मिलाकर खूबसूरत गुलदस्ता पेश किया है जो एक उदाहरण है।
इस दौरान कॉलेज के प्रबंधक महबूब सईद हारिस, प्रधानाचार्य मो. नदीमुल्लाह अब्बासी, ज़फ़र अहमद ख़ां, मुख्तार अहमद, अनीस अहमद, रिजवानुल हक, मुफ्ती मतीउर्रहमान कासमी, मिर्जा रफीउल्लाह बेग, सुब्हानल्लाह, हसन जमाल बबुआ, शाहिद नबी सहित शिक्षक, छात्र व परिजन आदि मौजूद रहे।
इन्हें मिला पुरस्कार
किरात मुकाबले में असदुल्लाह, मो. अ़फ़्फ़ान अमानी, मो. हारिस, करीमा बानो, मो. ऐमन, मो. शहनवाज, जिक्रा अफरोज, अंजलना अंसारी, भाषण (तकरीर) मुकाबले में फहद शाहिद, आयरा, गौसिया सिद्दीकी, सुफ्फा कौसर, आरुश फातिमा, मो. शान व इस्लामिक क्विज मुकाबले में मो. मंजर, मारिया निसार, अब्दुल कलीम, अलीना सेराज, मो. यमीन, मो. अली अज़हान को मुख्य अतिथि डॉ. शुएब रज़ा व विशिष्ट अतिथि डॉ. अमरकांत सिंह ने पुरस्कारों से नवाजा। इसके अलावा कॉलेज के होनहार छात्रों को गजाधर प्रसाद मेमोरियल एकडेमिक एक्सीलेंस अवार्ड, सैयद हामिद अली एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया।
आज का कार्यक्रम
शनिवार की सुबह आठ बजे से साइंस क्विज, सुबह नौ बजे से वाद-विवाद का मुकाबला होगा। सुबह दस बजे से विज्ञान प्रदर्शनी लगाई जाएगी। शाम चार बजे से पुरस्कार वितरण किया जाएगा। शाम 5:30 बजे से प्रदेश स्तरीय नातिया मुकाबला होगा।
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पैग़ंबरे इस्लाम को अल्लाह ने पूरी मानवता के लिए रहमत बनाकर भेजा : नायब काजी
-एक व नेक बनने का मिला पैग़ाम
-चार दिवसीय जलसा-ए-सीरतुन्नबी व दीनी तालीमी नुमाइश का आगाज़
गोरखपुर। एमएसआई (मियां साहब इस्लामिया) इंटर कॉलेज बक्शीपुर में चार दिवसीय जलसा-ए-सीरतुन्नबी व दीनी तालीमी नुमाइश का आगाज़ गुरुवार से हुआ। मुख्य अतिथि नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने जलसा-ए-सीरतुन्नबी व दीनी तालीमी नुमाइश का उद्घाटन करते हुए कहा कि जलसा व दीनी तालीमी नुमाइश इस्लाम धर्म की शिक्षा व तारीख़ का आइना है। इस तरह के आयोजन समाज में जागरूकता लाते हैं।
मुफ्ती अज़हर ने कहा कि पैग़बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को अल्लाह ने पूरी मानवता के लिए रहमत बनाकर भेजा है। यही कारण है कि उनकी रहमत और मुहब्बत किसी विशेष वर्ग के लिए सीमित नहीं है। जात-पात, रंग-रूप, नस्ल, क्षेत्रवाद और भाषा जैसी सभी बाधाओं से ऊपर उठकर उन्होंने सभी से समान रूप से खिताब किया और अल्लाह की रहमत से लाभान्वित होने का अवसर सभी को समान रूप से प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि समाज सिर्फ शिक्षा व संस्कार से ही तरक्की पा सकता है। शिक्षा व संस्कार एक रौशनी है। शिक्षा व संस्कार के बगैर इंसान अंधेरे में रहता है। सभी को इस्लाम धर्म की शिक्षाओं का महत्व समझकर और उसे अपनाकर आत्मविश्वास के साथ मानवीय संबंधों को मजबूत करना चाहिए और समाज में न्याय व प्रेम की भावना बढ़ानी चाहिए। इस्लाम धर्म का संदेश है सबको गले लगाओ। एक बनें, नेक बनें। इस्लाम धर्म व पैगंबरे इस्लाम की शिक्षाएं सभी को मुहब्बत का पैग़ाम देती हैं। भारत दुनिया का खूबसूरत देश है। जहां पर सभी धर्म के लोग मिलकर व एक दूसरे का सम्मान करते हुए भाईचारे के साथ रहते हैं।
मुख्य अतिथि ने कॉलेज के होनहार छात्रों को पुरस्कार से सम्मानित किया।
नुमाइश देखने उमड़े लोग
दीनी तालीमी नुमाइश में पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम) की सीरत, इस्लाम धर्म की तारीख़, पवित्र स्थान, हस्तलिखित कुरआन की प्रतियां, इस्लाम के विशेषता तमाम तरह के पोस्टर व बैनर के जरिए बताई जा रही है जो बेहद आकर्षक है। इसके अलावा तमाम बैनरों, पोस्टरों के जरिए इस्लामी शिक्षा, महिलाओं, पड़ोसियों के अधिकार बताए गए हैं। नुमाइश में पवित्र स्थानों की फोटो, भारत के मुस्लिम बादशाहों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
इस मौके पर कॉलेज के प्रबंधक महबूब सईद हारिस, प्रधानाचार्य मो. नदीमुल्लाह अब्बासी, मुख्तार अहमद, जफ़र अहमद खां, रिजवानुल हक, हसन जमाल उर्फ बबुआ भाई, शफकत अली खान, शाहिद नबी आदि मौजूद रहे।
आज का कार्यक्रम
शुक्रवार को सान्वी व जूनियर ग्रुप का मुकाबला होगा। सुबह 8 बजे से किरात (कुरआन पाठ), सुबह 9 बजे से साइंस क्विज व इस्लामी क्विज का लिखित मुकाबला होगा। सुबह 10 बजे से भाषण (तकरीर), दोपहर 2 बजे से इस्लामी क्विज और पेंटिंग, शाम 4:30 बजे से नातिया मुकाबला होगा। अंत में मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा।
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