उलमा बोले, आतंकवाद को मुसलमानों से न जोड़े
साजिशों से होशियार रहकर मिशन को आगे बढ़ाएं



बरेली। इस्लामिक स्टडी सेंटर मथुरापुर में ताजुश्शरिया मुफ्ती अख्तर रजा खां अजहरी मियां ने कुल शरीफ के बाद मुल्क में अमन और कौम की तरक्की को दुआ कराई। उलमा का कहना था कि दुनिया में मसलक-ए-आला हजरत के खिलाफ साजिश रची जा रही है। इस साजिशों से होशियार रहते हुए आला हजरत से मिशन और पैगाम को आम करना है।
मंगलवार को अजहरी मियां की सरपरस्ती में 97 वां उर्स-ए-कादरी रजवी जमात के कौमी सदर शहर काजी मौलाना असजद रजा खां की अध्यक्षता में हुआ। सऊदी अरब से आए शेखुल हदीस और राज्यसभा सदस्य मौलाना गुलाम रसूल मेहमाने खुसूसी थे। तकरीरों की शुरूआत कारी मकसूद उर्रहमान ने कुरआन की तिलावत से किया। शेखुल हदीस ने कहा कि आला हजरत इमाम अहमद रजा ने कहा कि वह दुनिया-ए-इस्लाम की रहती दुनिया तक अपना दावा पेश करता है। मुफ्ती शुएब रजा कादरी ने भी अपने विचार रखे। सोमवार को शहर काजी मौलाना असजद रजा खां कादरी ने फातिहा पढ़ी। अजहरी मियां ने सलातो सलाम पढ़ने वालों में मौलाना आबिद, हाफिज मुर्तजा, हाजी नाजिम बेग, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी, इमाम माजिद खां, डॉक्टर कदीर अहमद, हज कमेटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन इब्राहीम शेख, नवेद असलम, आमिर हुसैन, दानिश रजा, हाजी मेराज मियां, यामीन राईन और दर्जा राज्यमंत्री आबिद खां आदि मौजूद रहे।




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