दुनिया के बहुत से देशों में सुना गया उर्स-ए-रजवी का लाइव प्रोग्राम

बरेली। उर्स-ए-रजवी के तीनो दिनों के सभी प्रोग्राम का इस्लामिया ग्राउंड से लाइव(ऑडियो) प्रसारण किया गया। दरगाह आला हजरत के आईटी सेल प्रमुख मोहम्मद ज़ुबैर रजा खां ने बताया कि इस साल उर्स के प्रोग्राम को दुनिया के बहुत से देशों से लोगों ने सुना। इसमें यूजर के लिए चैट का ऑप्शन भी दिया गया था। जिससे लोग चैट रूम में लगातार अपने कमेन्ट्स भेज रहे थे। चैट के जरिये ही नारों के जवाब भी ऑनलाइन आ रहे थे। उर्स-ए-रजवी के लाइव प्रोग्राम को मॉरीशस, सऊदी अरब, दुबई, इंग्लैण्ड, अमेरिका, अफ्रीका आदि देशों में बहुत पसंद किया गया। मॉरिशस के नौशाद ज्यौटा ने बताया कि मैं हर साल उर्से रज़वी के प्रोग्राम में पहुंचता हूं। मजबूरी से इस बार नहीं पहुंच सका, मगर लाइव प्रोग्राम से मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसा मैं इस्लामिया ग्राउंड में ही हूं। मैंने अपने कं प्यूटर को लाउडस्पीकर से जोड़ लिया था लाइव प्रोग्राम का ज्यादा फायदा महिलाओं को हुआ, क्योेंकि उर्स-ए-रजवी में औरतोें के आने की मनाही रहती है। महिलाएं उर्स में नहीं पहुंच पाती हैं, उन्होंने घर बैठे ही उर्स के सभी प्रोग्राम सुने। बरेली। उर्स-ए-रजवी के आखरी रोज आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के कुल की रस्म अपने रिवायती अंदाज और अकीदत भरे माहौल में मंगलवार को पूरी की गई। इसमें शिरकत करने के लिए रजा के दीवानों का सैलाब उमड़ पड़ा था। जिस तरफ नजर जाती सिर ही सिर नजर आ रहे थे। दरगाह से उर्स स्थल इस्लामिया कालेज के मैदान तक समुंदर की लहरों जैसा मंजर नजर आ रहा था। साथ ही इससे जुड़े रास्ते चौपुला से कुतुबखाना व इस्लामियां रोड से नावल्टी, अय्यूब खां चौराहा और उधर जिला अस्पताल रोड तक जायरीन से भरा रहा। इधर दरगाह और आसपास की तमाम गली कूंचे जायरीन की भीड़ से पटे पड़े थे। इसमें महिलाओं की तादात कम नहीं थी। इसी जोश भरे माहौल के बीच उर्स स्थल इस्लामिया इंटर कालेज के मैदान पर आला हजरत के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। दरगाह शरीफ के नजारे की बात करें तो यहां सुबह से हाजरी देने वालों का रेला चल रहा था। यहां की संकरी गलियों में लोग एक पर एक थे। पैर रखना मुश्किल था, इसी बीच अकीदतमंदों की भीड़ चादरें भी ले कर पहुंचती रही। शाम तक पेश की गईं हजारों चादरों के बीच दरगाह की चौखट से लेकर वहां दर-ओ-दीवार तक चूमते और आंसू बहाते नजर आए। यहां की दर-ओ-दीवार से क्या मांग रहे थे ये तो पता नहीं पर हां ...या रजा और ...मेरे सरकार जैसे शब्द जरूर सुनाई दे रहे थे। दरगाह पर पेश की चादर बरेली। उर्स के मौके पर दरगाह आला हजरत पर शहर के तमाम इलाकों और संगठनों की ओर से चादरें पेश की गईं। इसमें ग्राह टाह प्यारी नवादा के अकीदतमंदों ने 35 किलोमीटर पैदल रास्ता दरगाह तक चल कर 97 मीटर लंबी चादर पेश की। चादर में अलीम उद्दीन, शकील उद्दीन, अकील उद्दीन, नईम, मतलूब के साथ सैकड़ों लोग शामिल थे। इसी तरह मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड की ओर से जिला उपाध्यक्ष हकीम आहिद हुसैन, रजा एक्शन कमेटी की ओर से शाही के नगर अध्यक्ष जुनेद खां, जन मानस सेवा समिति के मंडल सचिव शारिक नूरी की ओर से भी चादरें पेश की गईं। अदनान रजा खां ने बांटे कंबल बरेली। रजा एक्शन कमेटी की ओर से युवा अध्यक्ष मौलाना अदनान रजा खां ने उर्स के दौरान जरूरतमंदों को कंबल बांटे। इसके बाद उनके नेतृत्व में दरगाह शरीफ पर चादर पेश की गई। इससे पहले कमेटी के ख्वाजा कुतुब स्थित कार्यालय पर विभिन्न इलाकों से चादरें एकत्र हुई। इसमें नवाबगंज, सेंथल, हाफिजगंज, रिठौरा, लभेड़ा, कलारी, रजपुरा, मुटिया, भगवंतापुर, बिथरी चैनपुर, सबजीपुर खाता से 97 मीटर और बिशारतगंज से 135 मीटर की चादर पेश की गई। उर्स पर बांटा रिक्शा बरेली। आला हजरत उर्स के मौके पर रजा एकेडमी मुंबई के चैयरमैन मौलाना सईद नूरी ने रिक्शों का वितरण किया। उन्होंने यह रिक्शा 50 जरूतमंदों को बांटा। इस दौरान उनेक साथ नासिर कुरैशी भी मौजूद रहे। इनका सहयोग बरेली। उर्स के मौके पर नागरिक सुरक्षा संगठन के मुजीब हुसैन ने अपने साथियों के साथ यातायात व्यवस्था के साथ ही पुलिस प्रशासन को शांति व्यवस्था बनाने में सहयोग किया। इसमें चंगेज खां, जावेद खुसरो, वसीम बेग, मोहम्मद हनीफ, मिस्वा उल इस्लाम आदि साथ रहे।

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