औवेसी टोपी के साथ इण्डोनेशिया व तुर्की टोपी की धूम

सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। रमजान माह बरकतों का खजाना लिये हुये है। जिसका फैज हर किसी को मिलता है। इस माह बंदा खुदा की इबादत में तल्लीन रहते है। जहाॅं इबादत का जिक्र होता है वहाॅ टोपी का जिक्र भला कैसे छुट सकता है। रमजान माह हर एक बंदे के सर पर ताज के रूप में टोपी जरूर पायेंगे। रमजान मंे टोपियों की बिक्री बढ़ जाती है। अब तक बाजार में लाखों टोपियों की बिक्री हो चुकी है। फैशन के इस दौर में टोपियां भी पीछे नहीं है। बाजार में एक से एक बेहतर स्टाइलिस टोपियों मौजूद है। जो बरबस ही हमें अपने ओर आकर्षित करती हैं। बाजार में इस समय इण्डोनेशियाइ, कोरिया, व चाइना टोपियां छायी हुई है। इसके अलावा तमाम तरह की रंग बिरंगी, सादी टोपियां बाजार में मौजूद है। वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा पहने जाने वाली टोपी का क्रेज नौजवानांे के सर चढ़ कर बोल रहा है। इसकी कीमत 45 रूपया है। सबसे सस्ती टोपी बर्फी 5रू. मंे तो वही सबसे महंगी टोपी बरकाती गोल 1200रू. में बाजार में उपलब्ध है। टोपी के विक्रेता अख्तर ने बताया कि हर माह की तुलना में इस माह टोपियों की बिक्री बढ़ जाती है। अब तक 4 से 5 लाख टोपियों की बिक्री हो चुकी है। बाजार में इण्डोनेशियाइं टेापी 15-50 रू., जरवी टोपी 40 रू., टोपी फाम 20 रू., टोपी मोतीवाली 25-60रू., बांग्लादेशी 30-60रू., टोपी चाइना 45रू., टोपी बर्फी 5रू., टोपी चिमकी 10रू., मखमल 25 रू., चिकन 30 रू., टोपी लम्बी बरकाती 15-30 रू., पचकली 40रू., कोरिया 30-60रू., टोपी बरकाती गोल 150-1200रू., रामपुरी टोपी 30-60रू., टोपी चांद तारा 35रू में बाजार में उपलब्घ है। श्री अख्तर ने बताया कि सबसे ज्यादा डिमाण्ड इण्डोनेशियाई, जरवी, टोपी चाइना, बर्फी, कोरियाइ की होती है। उन्होंने आगे बताया कि अन्य माह में जहां एक हजार से पांच हजार टोपियों की बिक्री होती है वही रमजान माह में छ से सात लाख टोपियां बिक जाती है। सबसे ज्यादा टोपी की बिक्री चांद रात वाले दिन होती है। इस दिन टोपी, इ़़त्र, अरबी रूमाल की काफी डिमाण्ड रहती है। उन्होंने आगे बताया कि पिछले दो तीन सालों से टोपियों के दामों में उछाल आया है । इसकी वजह उन्होंने महंगाई, धागे की दामों मंे वृद्धि व परिवहन के साधन का महंगा किराया को बताया। उन्होंने बताया कि उनके यहाॅं टोपियां कलकत्ता, मुम्बई व रामपुर से आती है। रमजान में जहाॅं टोपियों का क्रेज काफी बढ़ जाता है। वही इबादत करने वालों के सरों की रौनक यह टोपियां बनती है। लाखों में इनकी बिक्री होना लाजिमी है। ईद चंद दिनों के फासले पर है ऐसे में टोपियों की बिक्री और जोर पकड़ेगी। छोटे से लेकर बड़ों के सर पर टोपिया ताज के रूप में सुशोभित नजर आयेंगी।

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