नसीरुद्दीन मुहक्किकी तूसी ( 1202 ई० 1275 ई.) : Untold Muslim Scientist, philosophers story


 


नसीरुद्दीन मुहक़्क़िक़ी तूसी का पूरा नाम अबु अब्दुल्ला नसरुद्दीन मुहम्मद बिन तूसी है। आप इस्लामी युग के प्रसिद्ध वैज्ञानिक गुज़रे हैं। नसीरुद्दीन का जन्म ईरान के शहर तूस में हुआ इस कारण आपके नाम में तूसी लगा हुआ था।

वह 1227 ई० में कोहिस्तान के इस्माईली गवर्नर नसीरुद्दीन के दरबार से जुड़ गये। 1235 में उन्होंने अपनी पुस्तक ‘अख्लाके नसीरी’ गवर्नर के नाम अर्पित की। 1256 तक वह नसीरुद्दीन और उसके उत्तराधिकारी के साथ रहे और 1256 में अलमौत राज्य के पतन के साथ ही तूसी मंगोल शासक हलाकू ख़ान के मंत्री बन गये। वह गणित व खगोल शास्त्र के पंडित माने जाते थे। आपने इन विद्याओं पर कई पुस्तकें लिखीं और ख्याति प्राप्त की। उनका सबसे बड़ा कारनामा यह है कि उन्होंने हलाकू जैसे कबाइली और उजड् शासक से मराग़ा के मैदान में वैद्यशाला बनवाई, जहाँ से वह ग्रहों और तारों की गति का निरीक्षण करते थे। नसीरुद्दीन तूसी ने दूर-दूर से शोधकर्ताओं और खगोलशास्त्रियों को एकत्रित कर वैद्यशाला में काम पर लगा दिया। आपने शोध के लिए बड़े क़ीमती यंत्र बनवाए और अंतरिक्ष की खोज का कार्य शुरू किया।

इसके अलावा तूसी ने वैद्यशाला के साथ एक बड़ा पुस्तकालय भी क़ायम किया और पूरे इस्लामी जगत में घोषणा करा दी कि जो व्यक्ति इस्लामी पुस्तकालय के लिए पुस्तक लाएगा उसे उचित इनाम दिया जाएगा। फिर क्या था देखते-देखते चार लाख पुस्तकें जमा हो गईं। किताबों की इतनी बड़ी संख्या को देखकर पता चलता है कि इस्लामी जगत उस समय प्रगति के किस शिखर पर था और उस युग में कितनी पुस्तकें लिखी जाती थीं। इस्लामी युग की जो पुस्तकें हम तक पहुँची हैं वह इसी पुस्तकालय की देन हैं। इस महान कार्य के लिए हमें नसीरुद्दीन तूसी का आभारी होना चाहिए।

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