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अल-हेज़न : Untold Muslim Scientist, philosophers story


अल-हेज़न

मुस्लिम वैज्ञानिक ‘अल-हेज़न दुनिया के पहले थ्योरेटिकल
फिजिसिस्ट

‘अल-हेज़न दुनिया के सबसे बडे वैज्ञानिको में शुमार किये जाते हैं। उनका असली नाम अबू अली अल हसन इब्न अल हेतहम था। उनका जन्म 965 में इराक के बसरा शहर में हुआ था। अंग्रेज़ी भाषा में ‘अल हेतहम’ को अल हेज़न के नाम से जाना जाता है। अल-हेज़न जो कि अरब से थे, उन्हें मैथमेटिक्स, एस्ट्रोनॉमी, मटीयोरोलोजी, ऑप्टिक्स से लेकर कई विषयो में महारत हासिल थी।अल-हेज़न को दुनिया का पहला थ्योरेटिकल फिजिसिस्ट भी कहा जाता है.
वैज्ञानिको का मानना है कि उनकी थ्योरी की ही मदद से ही बाद में कैमरे की तकनीक की खोज हुई. उनकी किताब ‘किताब-अल-मनाज़िर’ जिसका 12वीं या 13वीं शताब्दी में किसी गुमनाम वैज्ञानिक के ज़रिये अनुवाद किया गया, जो की मध्य युग की सबसे मशहूर किताबों में से एक थी।
अल हेज़न ऐसे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होनें कहा था कि जब तक कोई सूत्र प्रायोगिक तौर पर सही या ग़लत सिद्ध ना हो जाए उसे सही या ग़लत नहीं माना जा सकता। उन्होंने अपने जीवन में 200 से ज़्यादा पुस्तके लिखीं, जिनमें से 96 विज्ञान पर थीं। इन विषयों के बारे में उस समय के वैज्ञानिक कत्तई नहीं जानते थे।
यूनेस्को ने सन 2015 को अल हेज़न के सम्मान में मनाया जिसे “इंटरनेशनल इयर ऑफ़ लाइट” कहा गया था. यूनेस्को के पेरिस हेड-क्वार्टर से शुरू हुई इस कैंपेन का नाम “ 1001 खोजें और अल-हेज़न की दुनिया” था. अल हेज़न का निधन 1040 में काहिरा में हुआ।

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