विधायिकी लड़ने वालों की संख्या घटी, पार्टियों की संख्या बढ़ी
-जितने पिछली बार उम्मीदवार थे उतने तो अबकी नामांकन ही नहीं हुआ
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर। विधायिकी लड़ने के प्रति लोगों की दिलचस्पी घटी हैं। पिछली बार जहां मैदान में 221 उम्मीदवार थे। अबकी बार तो करीब 150 के अंदर ही पर्चा दाखिला हुआ हैं । नामांकन पत्र की जांच के बाद कुछ पर्चे खारिज भी होंगे तो कुछ नाम वापस भी लेंगे। ऐसी स्थिति में संख्या और घट सकती हैं। यह संख्या पिछली बार की तुलना में काफी घट गयी हैं। वहीं पिछले बार की तुलना में पार्टियां जरुर बढ़ गयी हैं। एक दर्जन से अधिक लोकल पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे हैं।
वर्ष 2012 के चुनाव में गोरखपुर शहर से सबसे ज्यादा 31उम्मीदवार मैदान में थे वहीं अबकी करीब 26 ने पर्चा दाखिला किया हैं। इसी तरह पिछली बार सबसे कम 16 उम्मीदवार बांसगांव सुरक्षित सीट से थे वहीं अबकी बार करीब 9 ने पर्चा दाखिला किया हैं। पिछली बार सहजनवां से 25 लोग चुनाव लड़े थे लेकिल अबकी यह संख्या 17 तक सिमट गयी हैं और यह पर्चा दाखिल करने वाले लोग हैं। संख्या और भी कम हो सकती हैं। वहीं पिपराइच में 30 लोग चुनाव लड़े थे इस बार सिर्फ 24 ने पर्चा दाखिल करने में रुचि दिखायीं। गोररखपुर ग्रामीण में जहां पिछली बार 29 ने ताल ठोंकी थी अबकी 25 ने विधायिकी चुनाव में रुचि लीं। चौरीचौरा विधानसभा में 26 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया है पिछली बार यहां 31 उम्मीदवार मैदान में थे। हालांकि 18 फरवरी को फाइनली उम्मीदवार तय हो जायेंगा कि किसे चुनाव लड़ना हैं। कम पर्चा दाखिल होने की वजह से कैंपियरगंज, बांसगांव, चिल्लूपार और खजनी में एक ही ईवीएम ही पर मतदान हो जायेगा। वहीं उक्त सीटों पर15 या उससे कम प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया है। वहीं जनपद की पांच विधानसभा सीटों गोरखपुर शहर, पिपराइच, चिल्लूपार, चौरी-चौरा, गोरखपुर ग्रामीण में मतदान के लिए दो ईवीएम लगाने की नौबत आयेगी । एक ईवीएम में अधिकतम 15 प्रत्याशियों का नाम होता है। खैर। पहले लोग शौकिया भी विधायिका लड़ जाते थे। लेकिन अब लोग जान गये हैं पार्टी के सिंबल पर लड़ने से ही फायदा हैं। वहीं प्रमुख पार्टियां सिर्फ अमीर व दमदार उम्मीदवार ही ढूढ़ती हैं। फिर भी विधायिका लड़ने के लिए काफी निर्दल मैदान में हैं और करीब दर्जन भर पार्टियों ने भी उम्मीदवार उतारे हैं।
यह पार्टियां चुनाव में हैं
सपा, भाजपा, कांग्रेस, बसपा, रालोद, भाकपा माले के अलावा पीस पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, समाजवादी जनपरिषद्, ओजस्वी पार्टी, उप्र रिपब्लिक पार्टी, लोकदल, जनअधिकार पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनाधार पार्टी, भारतीय शाक्ति पार्टी, राष्ट्रीय गणतंत्र पार्टी, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल, सत्यक्रांति पार्टी, सर्वोदय भारत पार्टी, भारत कल्याण पार्टी, देशभक्त निर्माण पार्टी, भारत कल्याण पार्टी, अम्बेडकर समाज पार्टी, विकास पार्टी, शोषित समाज दल, महान क्रांति दल, सर्व समभाव पार्टी, महाक्रांति दल आदि।
जिला - गोरखपुर
विस क्षेत्र / वर्ष 2012 में उम्मीदवार/ वर्ष 2017 में पर्चा दाखिल करने वालों की संख्या लगभग में
1. कैंपियरगंज / 23 / 14
2. पिपराईच / 30 / 24
3. गोरखपुर शहर / 31 / 26
4. गोरखपुर ग्रामीण / 29 / 25
5. सहजनवां / 24 / 17
6. बांसगांव सुरक्षित / 16 / 9
7. खजनी सुरक्षित / 18 / 12
8. चिल्लूपार / 19 / 15
9. चौरी-चौरा / 31 / 26
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