गोरखपुर में दल बदलु विधायकों के जरिये जीत की जुगत
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर। गोरखपुर
की नौ विधानसभा सीटों पर तीन दल बदलु विधायकों की साख दांव पर लगी हैं। पाला बदलने वालों में बसपा, भाजपा व एनसीपी के विधायक हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें टिकट नहीं मिला तो पार्टी छोड़ी और तुरंत टिकट मिल भी गया। मेरी मुराद दल बदलने में माहिर चिल्लूपार से सपा के प्रत्याशी रामभुआल निषाद से हैं। वहीं शनिवार को कांग्रेस ने सपा की पूर्व प्रत्याशी चिंता यादव को पार्टी सदस्यता देकर टिकट भी दे दिया।
दलबदलुओं का अबकी बार कड़ा इम्तेहान हैं। सबसे पहले भाजपा से बगावत करने वाले गोरखपुर ग्रामीण विधायक विजय बहादुर हैं। जब भाजपा में थे तो सांसद योगी आदित्यनाथ की शान में कसीदें पढ़ते थें लेकिन पार्टी छोड़ी तो मुहंफट हो गए। योगी आदित्यनाथ पर इल्जामों की झड़ी लगा दी। जिसका इनाम सपा से टिकट के रुप में मिला। गोरखपुर ग्रामीण पर इनकी कड़ीं परीक्षा हैं। हालांकि कांग्रेस से गठबंधन थोड़ा राहत भरा हैं। भाजपा की यहां प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं। विपिन सिंह भाजपा प्रत्याशी हैं। वहीं बसपा ने राजेश पांडेय को उतारा हैं। सपा के लिए सबसे बडा सिरदर्द डा. संजय निषाद हैं जो पीस पार्टी गठबंधन से चुनाव लड़ रहें हैं। इस सीट पर निषाद वोट काफी मायने रखते हैं। अगर मुस्लिम, निषाद बंटा तो भाजपा को जीत हासिल करने में मुश्किल नहीं होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना हैं कि विजय बहादुर अगर हारते हैं तो उनके राजनीतिक कैरियर पर ग्रहण लग सकता हैं।
वहीं बात करें गोरखपुर की सबसे चर्चित सीट चिल्लूपार की तो यहां चुनावा जंग और भी दिलचस्प हैं। पत्रकार से नेता बने विधायक राजेश त्रिपाठी की प्रतिष्ठा का कड़ा इम्तेहान हैं। अबकी बार बसपा को छोड़ भाजपा से चुनाव लड़ रहे राजेश का कड़ा मुकबला उन्हीं की छोड़ी हुई पार्टी बसपा से हैं। बसपा ने हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय शंकर तिवारी को उतारा हैं। बसपा यहां से हर हाल में जीतना चाहती हैं। बाहुबली की प्रतिष्ठा का भी सवाल हैं। वहीं टिकट न मिलने से खफा भाजपा छोड़कर आये, योगी का पुतला फूंक कर आयें रामभुआल निषाद ने झट पाला बदल सपा से टिकट हासिल कर लिया और सपा के पहले घोषित प्रत्याशी पहलवान सिंह को मायूस कर दिया। कांग्रेस से गठबंधन करने वाली सपा से राजेश त्रिपाठी को भी मुकाबला करना हैं।
वहीं कैंपियरगंज की बात करें तो यहां एनसीपी छोड़ आयें फतेह बहादुर सिंह भाजपा के रथ पर सवार हैं। इन्हें अपनी सीट सुरक्षित रखने का दबाव हैं। कांग्रेस की चिंता यादव सपा की ताकत से कड़ी टक्कर दे रही हैं। बसपा ने अर्चना निषाद पर दांव लगाया हैं।
बसपा, भाजपा व सपा-कांग्रेस गठबंधन ने सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़ें कर दिए हैं। सपा 6 पर तो कांग्रेस 3 सीट पर चुनाव लड़ रही हैं। सात सीटिंग विधायक फिर से मैदान में हैं। गोरखपुर में पीस पार्टी गठबंधन, रालोद, भाकपा (माले) सहित अन्य लोकल पार्टियों ने भी प्रत्याशी उतारा हैं।
पिछले चुनाव में यहां से सपा ने 1 सीटें निकाली थीं। बसपा ने 4 व भाजपा ने 3 सीटें जीती थीं। एनसीपी ने 1 सीट जीती थीं। वहीं बसपा के पनियरा से विधायक जीएम सिंह सहजनवां से चुनाव लड़ रहे हैं ।
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गोरखपुर में बसपा के प्रत्याशी🐘
1. कैंपियरगंज -- अर्चना निषाद
2. पिपराइच -- आफताब आलम
3. गो. शहर -- जनार्दन चौधरी
4. गो. देहात -- राजेश पांडेय
5. सहजनवां -- जीएम सिंह
6. खजनी -- राजकुमार
7. चौरी-चौरा -- जेपी निषाद
8. बांसगांव -- धर्मेंद्र कुमार
9. चिल्लूपार -- विनय शंकर तिवारी
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गोरखपुर में भाजपा के प्रत्याशी🌷
1. कैंपियरगंज — फतेहबहादुर सिंह
2. पिपराइच — महेंद्र पाल सैंथवार
3. गो. शहर — डा. राधा मोहन दास अग्रवाल
4. गो. देहात — विपिन सिंह
5. सहजनवां — शीतल पांडेय
6. खजनी (सु) — संत प्रसाद
7. चौरी-चौरा — संगीता यादव
8. बांसगांव (सु)– विमलेश पासवान
9. चिल्लूपार — राजेश त्रिपाठी
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गोरखपुर में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी🚲+✋
1. पिपराइच – अमरेन्द्र निषाद
2. गोरखपुर ग्रामीण – विजय बहादुर यादव
3. सहजनवां — यशपाल रावत
4. चौरी-चौरा — मनुरोजन यादव
5. बांसगांव (सु) — शारदा देवी
6. चिल्लूपार- रामभुआल निषाद
7. कैंपियरगंज - चिंता यादव (कांग्रेस)✋
8. खजनी (सु) - कमल किशोर कमांडों (कांग्रेस)✋
9. गोरखपुर शहर - राणा राहुल सिंह (कांग्रेस)✋
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वर्ष 2012 के गोरखपुर में विस चुनाव विनर
🐘बसपा से जीते
1. चिल्लूपार में राजेश त्रिपाठी (भाजपा में हैं )
2. बांसगांव में डा. विजय कुमार
(टिकट कट गय)
3. चौरी चौरा में जय प्रकाश निषाद
(दोबारा टिकट पाने में कामयाब)
4. सहजनवां राजेन्द्र सिंह
(टिकट कट गय)
🌷भाजपा से जीते
1. गोरखपुर शहर – डा. राधा मोहन दास अग्रवाल (दोबारा टिकट)
2. गोरखपुर ग्रामीण – विजय बहादुर यादव (सपा में हैं )
3. खजनी (सु) — संत प्रसाद(दोबारा टिकट)
🚲सपा से जीते
पिपराइच – राजमति निषाद(पुत्र चुनाव लड़ रहा हैं)
एनसीपी से जीते
कैंपियरगंज - फतेहबहादुर सिंह ( इस बार भाजपा से प्रत्याशी)
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गोरखपुर। गोरखपुर
की नौ विधानसभा सीटों पर तीन दल बदलु विधायकों की साख दांव पर लगी हैं। पाला बदलने वालों में बसपा, भाजपा व एनसीपी के विधायक हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें टिकट नहीं मिला तो पार्टी छोड़ी और तुरंत टिकट मिल भी गया। मेरी मुराद दल बदलने में माहिर चिल्लूपार से सपा के प्रत्याशी रामभुआल निषाद से हैं। वहीं शनिवार को कांग्रेस ने सपा की पूर्व प्रत्याशी चिंता यादव को पार्टी सदस्यता देकर टिकट भी दे दिया।
दलबदलुओं का अबकी बार कड़ा इम्तेहान हैं। सबसे पहले भाजपा से बगावत करने वाले गोरखपुर ग्रामीण विधायक विजय बहादुर हैं। जब भाजपा में थे तो सांसद योगी आदित्यनाथ की शान में कसीदें पढ़ते थें लेकिन पार्टी छोड़ी तो मुहंफट हो गए। योगी आदित्यनाथ पर इल्जामों की झड़ी लगा दी। जिसका इनाम सपा से टिकट के रुप में मिला। गोरखपुर ग्रामीण पर इनकी कड़ीं परीक्षा हैं। हालांकि कांग्रेस से गठबंधन थोड़ा राहत भरा हैं। भाजपा की यहां प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं। विपिन सिंह भाजपा प्रत्याशी हैं। वहीं बसपा ने राजेश पांडेय को उतारा हैं। सपा के लिए सबसे बडा सिरदर्द डा. संजय निषाद हैं जो पीस पार्टी गठबंधन से चुनाव लड़ रहें हैं। इस सीट पर निषाद वोट काफी मायने रखते हैं। अगर मुस्लिम, निषाद बंटा तो भाजपा को जीत हासिल करने में मुश्किल नहीं होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना हैं कि विजय बहादुर अगर हारते हैं तो उनके राजनीतिक कैरियर पर ग्रहण लग सकता हैं।
वहीं बात करें गोरखपुर की सबसे चर्चित सीट चिल्लूपार की तो यहां चुनावा जंग और भी दिलचस्प हैं। पत्रकार से नेता बने विधायक राजेश त्रिपाठी की प्रतिष्ठा का कड़ा इम्तेहान हैं। अबकी बार बसपा को छोड़ भाजपा से चुनाव लड़ रहे राजेश का कड़ा मुकबला उन्हीं की छोड़ी हुई पार्टी बसपा से हैं। बसपा ने हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय शंकर तिवारी को उतारा हैं। बसपा यहां से हर हाल में जीतना चाहती हैं। बाहुबली की प्रतिष्ठा का भी सवाल हैं। वहीं टिकट न मिलने से खफा भाजपा छोड़कर आये, योगी का पुतला फूंक कर आयें रामभुआल निषाद ने झट पाला बदल सपा से टिकट हासिल कर लिया और सपा के पहले घोषित प्रत्याशी पहलवान सिंह को मायूस कर दिया। कांग्रेस से गठबंधन करने वाली सपा से राजेश त्रिपाठी को भी मुकाबला करना हैं।
वहीं कैंपियरगंज की बात करें तो यहां एनसीपी छोड़ आयें फतेह बहादुर सिंह भाजपा के रथ पर सवार हैं। इन्हें अपनी सीट सुरक्षित रखने का दबाव हैं। कांग्रेस की चिंता यादव सपा की ताकत से कड़ी टक्कर दे रही हैं। बसपा ने अर्चना निषाद पर दांव लगाया हैं।
बसपा, भाजपा व सपा-कांग्रेस गठबंधन ने सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़ें कर दिए हैं। सपा 6 पर तो कांग्रेस 3 सीट पर चुनाव लड़ रही हैं। सात सीटिंग विधायक फिर से मैदान में हैं। गोरखपुर में पीस पार्टी गठबंधन, रालोद, भाकपा (माले) सहित अन्य लोकल पार्टियों ने भी प्रत्याशी उतारा हैं।
पिछले चुनाव में यहां से सपा ने 1 सीटें निकाली थीं। बसपा ने 4 व भाजपा ने 3 सीटें जीती थीं। एनसीपी ने 1 सीट जीती थीं। वहीं बसपा के पनियरा से विधायक जीएम सिंह सहजनवां से चुनाव लड़ रहे हैं ।
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गोरखपुर में बसपा के प्रत्याशी🐘
1. कैंपियरगंज -- अर्चना निषाद
2. पिपराइच -- आफताब आलम
3. गो. शहर -- जनार्दन चौधरी
4. गो. देहात -- राजेश पांडेय
5. सहजनवां -- जीएम सिंह
6. खजनी -- राजकुमार
7. चौरी-चौरा -- जेपी निषाद
8. बांसगांव -- धर्मेंद्र कुमार
9. चिल्लूपार -- विनय शंकर तिवारी
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गोरखपुर में भाजपा के प्रत्याशी🌷
1. कैंपियरगंज — फतेहबहादुर सिंह
2. पिपराइच — महेंद्र पाल सैंथवार
3. गो. शहर — डा. राधा मोहन दास अग्रवाल
4. गो. देहात — विपिन सिंह
5. सहजनवां — शीतल पांडेय
6. खजनी (सु) — संत प्रसाद
7. चौरी-चौरा — संगीता यादव
8. बांसगांव (सु)– विमलेश पासवान
9. चिल्लूपार — राजेश त्रिपाठी
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गोरखपुर में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी🚲+✋
1. पिपराइच – अमरेन्द्र निषाद
2. गोरखपुर ग्रामीण – विजय बहादुर यादव
3. सहजनवां — यशपाल रावत
4. चौरी-चौरा — मनुरोजन यादव
5. बांसगांव (सु) — शारदा देवी
6. चिल्लूपार- रामभुआल निषाद
7. कैंपियरगंज - चिंता यादव (कांग्रेस)✋
8. खजनी (सु) - कमल किशोर कमांडों (कांग्रेस)✋
9. गोरखपुर शहर - राणा राहुल सिंह (कांग्रेस)✋
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वर्ष 2012 के गोरखपुर में विस चुनाव विनर
🐘बसपा से जीते
1. चिल्लूपार में राजेश त्रिपाठी (भाजपा में हैं )
2. बांसगांव में डा. विजय कुमार
(टिकट कट गय)
3. चौरी चौरा में जय प्रकाश निषाद
(दोबारा टिकट पाने में कामयाब)
4. सहजनवां राजेन्द्र सिंह
(टिकट कट गय)
🌷भाजपा से जीते
1. गोरखपुर शहर – डा. राधा मोहन दास अग्रवाल (दोबारा टिकट)
2. गोरखपुर ग्रामीण – विजय बहादुर यादव (सपा में हैं )
3. खजनी (सु) — संत प्रसाद(दोबारा टिकट)
🚲सपा से जीते
पिपराइच – राजमति निषाद(पुत्र चुनाव लड़ रहा हैं)
एनसीपी से जीते
कैंपियरगंज - फतेहबहादुर सिंह ( इस बार भाजपा से प्रत्याशी)
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