नेपाली छात्र मदरसा बोर्ड परीक्षा में आवेदन करने से महरूम

- वजीफा भी नहीं मिलता
-हाल-ए-उप्र मदरसा शिक्षा परिषद

Syed Farhan Ahmad
गोरखपुर। आधार कार्ड न होने की वजह से उप्र के मदरसों में पढ़ने वाले नेपाल के छात्र उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षा में आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 10 फरवरी  है। पहले से ही सरकारी वजीफे से महरूम रहने वाले यह नेपाली छात्र अब कहां जाए उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है। सालों से गोरखपुर मंडल के गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर आदि जिलों में नेपाली छात्र ठीक-ठाक तादाद में तालीम हासिल कर रहे हैं। मदरसा मामलों के जानकार कारी नूरूलहोदा मिस्बाही के मुताबिक पूर्वांचल के मदरसों में तालीम हासिल करने वाले नेपाली छात्रों की तादाद एक हजार से अधिक है। इस बार मदरसे में पढ़ने वाले नेपाली छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के मोहम्मद आजम के मुताबिक वह नेपाली छात्र जिन्होंने परिषद से कामिल प्रथम वर्ष परीक्षा उत्तार्ण की है वह द्वितीय वर्ष की परीक्षा में आवेदन नहीं कर पा रहे। वहीं द्वितीय वर्ष उत्तीर्ण करने वाले छात्र तृतीय वर्ष की परीक्षा में आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। पिछले साल मदरसा अरबिया सईदुल उलूम एकमा डिपो लक्ष्मीपुर महराजगंज में पढ़ने वाली रुपनदेही नेपाल की किस्मतुन निशा व साबरा खातून ने कामिल तृतीय वर्ष की परीक्षा दीं थी लेकिन इस बार आधार की अनिवार्यता से अगली कक्षा में आवेदन नहीं कर पा रही है। मुंशी, मौलवी, आलिम व फाजिल परीक्षा का भी यही हाल है। टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया उप्र के महामंत्री दीवान साहेब जमां खां ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि लगभग 1,000 नेपाल के छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। भारत-नेपाल में फ्री वीजा संधि है। दोनों देशों के बीच करार हुआ था कि नेपाल के नागरिक भारत में बिना किसी वीजा के आकर पढ़ सकते हैं। नेपाल में पर्याप्त मदरसे नही हैं। वहां के लगभग 1000 छात्र उप्र के मदरसों में रहकर पढ़ रहे हैं। उन लोगों ने साल भर पढ़ाई की लेकिन अब वे लोग परीक्षा नहीं दे सकेंगे। उन्होंने इस समस्या के संबधं में उप्र मदरसा शिक्षा परिषद को पत्र लिखा है और मांग किया है कि उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के आवेदन में आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त की जायें जैसे माध्यमिक शिक्षा परिषद में की गई है।
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मदरसा शिक्षा परिषद की लापरवाही व आधार की अनिवार्यता से आवेदन घटने की संभावना!
गोरखपुर। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल, फाजिल परीक्षा में इस वर्ष आवेदन करने वालों की तादाद घटने की पूरी संभावना है। खासकर व्यक्तिगत आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में खासी कमी देखी जा रही है। मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के नवेद आलम ने बताया कि पिछली बार 600 के करीब आवेदन आए थे वहीं अबकी बार 150 के करीब आवेदन आए हैं। वही मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर के मौलाना नूरुज्जमां ने बताया कि अभी तक 50 के करीब आवेदन भरे गए हैं। पिछली बार जहां  जनपद में करीब 4604 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था। वहीं इस बार तादाद कम रहने की संभावना है। तादाद घटने का सिलसिला पिछले दो साल से चल रहा है। अगर आवेदन की अंतिम तिथि नहीं बढ़ी तो आवेदन करने वालों की संख्या बहुत कम रहने की उम्मीद हैं। पिछली बार परीक्षा में 53 मदरसे शामिल हुए थे। इस बार मदरसा पोर्टल पर अभी तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया मुकम्मल नहीं हुई है जिस वजह से कई मदरसे परीक्षा फार्म भरवाने से महरूम हो सकते हैं।

-यह है आवेदन घटने की अहम वजह
उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा सत्र-2017 की परीक्षा में की गई बड़ी लापरवाहियां आवेदन घटने की बड़ी वजह बनकर सामने आयी है। परीक्षा वर्ष-2017 की परीक्षा में परिषद ने कई लापरवाहियां की, जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को हुआ। अप्रैल-मई में हुई परीक्षा का रिजल्ट जुलाई में आया। रिजल्ट में पूरी परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को बड़ी संख्या में अनुपस्थित दिखा कर अनुत्तीर्ण कर दिया गया। परिणाम सही कराने में काफी वक्त लग गया। परीक्षार्थी मदरसे के चक्कर लगाते रहे। परिषद को अंकपत्र भेजने में कई माह लग गए। जिस वजह से छात्र उच्च शिक्षण संस्थान में प्रवेश पाने से चूक गए। वहीं अंकपत्र आते-आते नया साल आ गया। वह भी भारी खामियों के साथ। कामिल परीक्षा का अंक पत्र इस माह आया वह भी गलतियों  के साथ। सत्र 2018 की परीक्षा में आवेदन की अंतिम तिथि 10 फरवरी है और अभी तक परिषद की खामियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।
वहीं इस बार आवेदन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता ने भी आवेदन की तादाद घटा दी है। यहां यह सवाल अहम है कि जहां यूपी बोर्ड परीक्षा में आधार कार्ड की अनिवार्यता स्थगित कर दी गई है वहीं उप्र मदरसा शिक्षा परिषद ने अभी तक आधार कार्ड की अनिवार्यता स्थगित करने के लिए कोई आदेश क्यों नहीं दिया। संस्थागत व व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को हर हाल में आवेदन के साथ आधार कार्ड लगना है। बहुत से आवेदन करने के इच्छुक छात्र-छात्राओं के पास अभी तक आधार कार्ड नहीं बन सका है। वहीं जिनके पास आधार कार्ड है उनको भी दिक्कतें आ रही हैं। आधार कार्ड व पिछली कक्षा के अंक पत्र में जन्मतिथि भिन्न होने को लेकर भी परेशानियां सामने आयीं है।
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इस मदरसे में सन् 1958 से नेपाली छात्र शिक्षा हासिल कर रहे हैं। यहां 25-30से ज्यादा नेपाली छात्र पढ़ते हैं। नेपाली छात्र इस बार आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। इन छात्रों को वजीफा भी नहीं मिलता है। आधार कार्ड की अनिवार्यता ने इन छात्रों के भविष्य पर पानी फेर दिया है। आधार की अनिवार्यता से सामान्य छात्रो को भी परेशानी हो रही है। मदरसा शिक्षा परिषद की लापरवाही किसी से ढ़की छुपी नहीं है। व्यक्तिगत आवेदन में भी कमी आयी है। आधार कार्ड की अनिवार्यता स्थगित कर आवेदन तिथि बढ़ायी जाए।
मौलाना सैयद अली निजामी
प्रधानाचार्य
मदरसा अरबिया सईदुल उलूम एकमा डिपो लक्ष्मीपुर महराजगंज
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इस मदरसा में पिछले कई वर्षों से कई नेपाली छात्र पढ़ रहे हैं। आधार कार्ड ने इनके सामने  समस्याएं उत्पन्न कर दी है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद इसका सीधा जिम्मेदार है। पहले वजीफे से महरूम नेपाली छात्र अब परीक्षा से भी महरूम कर दिए गए। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए।
मौलाना बरकत हुसैन मिस्बाही
प्रधानाचार्य
जामिया कमालिया कोल्हई महराजगंज
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सन् 1973 से इस मदरसे में नेपाल के छात्र तालीम हासिल कर रहे हैं। इस बार भी एक दर्जन नेपाली छात्र आवेदन करने वाले थे लेकिन आधार की अनिवार्यता से आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। पहले से ही इन छात्रों को वजीफा नहीं मिलता था अब यह छात्र परीक्षा से भी वंचित हो जायेंगे। वहीं सामान्य छात्रों के आवेदन में भी कमी आयी है।
मौलाना मतलूब अहमद
प्रधानाचार्य
दारूल उलूम अहले सुन्नत असातुल इस्लाम परतावल महराजगंज
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हमारे मदरसे में बड़ी संख्या में  नेपाल के छात्र तालीम हासिल करते हैं। इन छात्रों के परीक्षा फॉर्म नहीं भरे जा सके हैं। अगर ये छात्र परीक्षा नहीं दे पाए तो उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।
मौलाना बेलाल अहमद
जामिया अहले सुन्नत इसातुल इस्लाम सिद्धार्थनगर
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सांकेतिक फोटो मदरसे की

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