गोरखपुर दंगा - एसीजेएम कोर्ट में सुनवाई शुरू, अगली तारीख 7 मई
गोरखपुर। हाईकोर्ट के आर्डर के बाद शहर में 2007 में हुए दंगों पर ए0सी0जे0एम कोर्ट में शनिवार को सुनवाई शुरू हुई। शनिवार को सुनवाई का विषय था कि कोर्ट के ज़रिए सभी मुल्ज़िमों पर मुक़दमा चलाने के लिए आरोप का निर्धारण करना। जिसमें सभी मुल्ज़िमों की हाज़िरी बेहद जरुरी थी लेकिन मुलजिमान अदालत में हाज़िर नहीं हुए। मुक़दमे की आर्डर शीट नक़ल के लिए नक़लखाने गयी हुई है। इसलिए कोर्ट ने ऑर्डर किया कि - वाद पेश हुआ। आर्डर शीट नक़ल के लिए नक़लखाने गयी है, इसलिए आर्डर शीट को तलब किया जाए। अगली सुनवाई 7 मई को निर्धारित की गयी।
--क्या है मामला
वादी रशीद खान की तहरीर के मुताबिक़ गोरखपुर में साल 2007 के दंगे के दौरान 27 जनवरी 2007 की सुबह के वक़्त तत्कालीन सदर सांसद ने अपने सैकड़ों समर्थको के साथ दरगाह पर हमला किया मज़हबी किताबें व झंडा जलाया। दरगाह में आग लगा दी। गुल्लक के पैसों को लूट लिया । पुलिस ने इस घटना गम्भीरता से लिया था और आधा दर्जन लोगों के खिलाफ़ नेशनल सेक्योरिटी एक्ट के तहत कार्यवाही भी की थी। चूंकि पुलिस ने अपनी तफ्तीश में आई0पी0सी0 की धारा '153 ए' का अपराध होना भी कारित पाया था इसलिए मुक़दमा चलाने की हुकूमत से इजाज़त मांगी थी। जो मिल जाने के बाद अदालत में मुक़दमा शुरू हो गया था, लेकिन मुक़दमे के एक नामज़द मुल्ज़िम महेश खेमका ने पुलिस की चार्जशीट के खिलाफ रिवीजन दाखिल करके ग़लत तथ्यों के आधार पर यह आर्डर पा लिया था की धारा '153 ए' के तहत हुकूमत से मुक़दमा चलाने की मिली इजाज़त में ख़ामी है, इसलिए मुकदमा का परिक्षण रुक गया। फिर वादी रशीद खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिवीज़नल कोर्ट के आर्डर के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने मुक़दमे का परिक्षण की इजाज़त दी थी और इसी आर्डर के तहत ही सुनवाई शुरू हुई है। अगली सुनवाई 7 मई को होगी।
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