मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं होंगी यूपी बोर्ड के तर्ज पर
गोरखपुर
मदरसा बोर्ड ने भी इस बार नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए कमर कस लिया है। मदरसा बोर्ड की परीक्षा यूपी बोर्ड की तर्ज पर कराई जाएगी। परीक्षार्थियों को कोडिंग की हुई कापी मिलेगी। यही नहीं मुंशी/मौलवी और आलिम, कामिल की कापियां भी अलग-अलग होंगी।
उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से संचालित मुंशी/मौलवी, आलिम, कामिल व फाजिल की बोर्ड परीक्षाएं 16 अप्रैल से दो पालियों में शुरु होगी। इस बार की परीक्षा को नकल विहीन कराने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए परिषद ने काफी तैयारी की है। पहले सभी स्तर की कापियां एक ही होती थीं, लेकिन इस बार हर स्तर की परीक्षा के लिए अलग-अलग कापी मिलेंगी। इसके अलावा परीक्षार्थी को कोडिंग की हुई कापी दी जाएगी। इससे नकल माफिया में हड़कंप मचा है।
10 कॉलेज को बनाया गया है परीक्षा केन्द्र
जनपद के 10 इंटर कॉलेजों को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। इस बार एक भी मदरसा परीक्षा केंद्र नहीं बन सका है। क्योंकि मदरसा बोर्ड ने सीसीटीवी लगे और वित्त पोषित मदरसों को ही केन्द्र बनाने को कहा था, लेकिन जिले का एक भी एडेड मदरसा सीसीटीवी लगाने को राजी नहीं हुआ। इसके चलते इंटर कॉलेजों को ही केन्द्र बनाया गया है। हालांकि अधिकांश कॉलेज पर ऊर्दू के अध्यापक नहीं होंगे वहां केन्द्र व्यवस्थापक को दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा।
हर केन्द्र पर तैनात किए जाएंगे स्टेटिक मजिस्ट्रेट
मदरसा परिषद ने हर परीक्षा केन्द्र पर एक सह केन्द्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए जाने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अन्य विभागों से संपर्क साधा है। इसके अलावा परीक्षा केन्द्रों को सेक्टर और जोनल स्तर में बांट कर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाएगी।
एडेड मदरसों के शिक्षक ही बनेंगे कक्ष निरीक्षक
बोर्ड परीक्षा के दौरान अनुदानित मदरसों के शिक्षक ही कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी करेंगे। अगर इसके बाद भी कक्ष निरीक्षक की कमी होगी तो मदरसों में आधुनिक विषय पढ़ाने वाले अध्यापकों को नियुक्त करने का आदेश है। जिन अध्यापकों की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक के रुप में लगेगी, उनका परिचय पत्र विभाग बनाएगा। बिना विभागीय परिचय पत्र के ड्यूटी करने वालों को केन्द्र से बाहर कर दिया जाएगा।
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