प्रोफेसर अफरोज व मुफ्ती अब्दुल हकीम सब्जपोश अवॉर्ड से सम्मानित
अल्लाह व रसूल की मुहब्बत सभ्य समाज का निर्माण करती है : प्रो. अफरोज
गोरखपुर। गुरुवार को सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार के मैदान में मोहसिन-ए-आज़म कांफ्रेंस हुई। मशहूर धर्मगुरु, शिक्षक व लेखक प्रोफेसर मोहम्मद अफरोज कादरी, वरिष्ठ मुफ्ती व लेखक अब्दुल हकीम नूरी व महराजगंज की संस्था तंजीमुल मकातिब व मदारिस को दीनी शिक्षा में अहम योगदान देने के लिए ’सब्जपोश अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। सम्मानित जनों को फूल, सम्मान पत्र व शील्ड पेश किया गया। मकतब इस्लामियात जाफरा बाज़ार के बच्चों को कांफ्रेंस में विशेष प्रदर्शन करने पर ईनाम दिया गया। संयोजक हाफिज रहमत अली निजामी ने सभी मेहमानों का इस्तकबाल किया।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर मो. अफरोज कादरी ने कहा कि अल्लाह व रसूल की मुहब्बत ज़िंदगी है और नफ़रत मौत। नफ़रत समाज को तोड़ती है और अल्लाह व रसूल की मुहब्बत सभ्य समाज का निर्माण करती है। नफरत आग लगाती है अल्लाह व रसूल की मुहब्बत उस आग को बुझाने का काम करती है। इस्लाम धर्म का संदेश मुहब्बत है। फैसला आपको करना है कि आप इस्लाम धर्म के साथ हैं या नहीं। आज के माहौल में पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं पर अमल करके हम न सिर्फ अपने प्यारे देश बल्कि पूरे संसार में शांति स्थापित कर सकते हैं।
अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती अब्दुल हकीम नूरी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम व पैग़बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं पर पूरी संजीदगी व जिम्मेदारी के साथ हम सभी अमल करें। अगर हम इस पर अमल नहीं करते तो हमारा मुहब्बत का दावा कमजोर है। हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम तालीम हासिल करने पर खूब जोर दें। आपसी रिश्तों को मजबूत करें। मां-बाप, रिश्तेदार, भाई बहन, पड़ोसी के हक़ अदा करें। साफ सफाई का ध्यान रखें।
कुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी शरफुद्दीन मिस्बाही ने की। नात-ए-पाक कासिद रजा इस्माईली, कैसर रज़ा, मौलाना महमूद रज़ा ने पेश की। अंत में सलातो सलाम पढ़ कर दुआ मांगी गई। कांफ्रेंस में मुफ्ती अख़्तर हुसैन, मुफ्ती मो. अज़हर, मुफ्ती मेराज अहमद, कारी मो. अनस, हाफिज अशरफ रज़ा, सैयद जव्वाद सब्जपोश, कारी मो. अजीमुद्दीन, मौलाना रमज़ान अली अमजदी, मौलाना दानिश रज़ा, आरिफ सामानी, तारिक सामानी, हाफिज सद्दाम हुसैन, मौलाना मकसूद, हाफिज आमिर हुसैन, इरफ़ान अहमद, एहसान, अफसर अली, आसिफ अहमद, युसूफ, हाजी रफीउल्लाह, मो. जैद, मो. शहनवाज आलम, मो. यूसुफ, मो. आकिब आदि ने शिरकत की।
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