जुमा की तकरीर में बयान हुई पैग़ंबरे इस्लाम की शान
गोरखपुर। ईद मिलादुन्नबी पर्व 16 सितंबर को मुहब्बत, अदब, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा। मुस्लिम समाज की तैयारियां जारी है। मस्जिद, मदरसा व घरों पर इस्लामी झंडे लगने लगे हैं। इस्लामी माह रबीउल अव्वल शरीफ़ के पहले जुमा पर मस्जिदों में ईद मिलादुन्नबी पर विशेष तकरीर हुई। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान व फज़ीलत में क़सीदा पढ़ा गया। मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई।
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए आइडियल हैं। सारी मख्लूक़ अल्लाह की रज़ा चाहती है और अल्लाह पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रज़ा चाहता है और आप पर दरूदो-सलाम भेजता है। अल्लाह ने अपने नाम के साथ आपका नाम रखा, कलमा, अज़ान, नमाज़, क़ुरआन में, बल्कि हर जगह अल्लाह के नाम के साथ पैग़ंबरे इस्लाम का नाम है। आपकी मुहब्बत के बग़ैर कोई मुसलमान नहीं हो सकता, क्योंकि आपकी मुहब्बत ईमान की शर्त है।
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाज़ार में हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम दुनिया के लिए रहमत व नूर हैं। कयामत के दिन आप ही सबसे पहले उम्मत की शफ़ाअत फरमायेंगे, बंदों के गुनाह माफ करायेंगे, दर्जे बुलंद करायेंगे, इसके अलावा पैग़ंबरे इस्लाम की और बहुत सी खुसूसियत है जिनकी तफ़सील क़ुरआन, हदीस व उलमा-ए-अहले सुन्नत की किताबों में मौजूद है।
चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तालीमात पर अमल करके हम दीन व दुनिया की कामयाबी हासिल कर सकते हैं। क़ुरआन व शरीअत के बताये रास्ते पर चलें। हर बुराई से दूर रहने के लिए नमाज़ की पाबंदी करें। तालीम खुद भी हासिल करें और बच्चों को भी तालीम दिलाएं।
इसी तरह सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर, सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह, शाही मस्जिद तकिया कवलदह सहित तमाम मस्जिदों में पैगंबरे इस्लाम की शान बयान हुई।
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