गोरखपुर मंडल के जलसों पर लगा कोरोना वायरस व लॉक डाउन का ब्रेक
गोरखपुर। मार्च-अप्रैल माह में होने वाले करीब 20 से 25 दीनी जलसों पर कोरोना वायरस व लॉक डाउन ने ब्रेक लगा दिया है। वहीं मंडल में करीब 100 से अधिक दीनी जलसे लोगों के स्वास्थय व सुरक्षा की दृष्टि से कैंसिल कर दिए गए हैं। कोरोना वायरस से बचाव के प्रति मुस्लिम समाज व मदरसों के जिम्मेदारों में काफी जागरुकता नज़र आ रही है।
23 मार्च सोमवार की रात शहीद अब्दुल्लाह नगर रसूलपुर गोरखनाथ में होने वाला 'जश्न-ए-गौसुलवरा' जलसा स्वास्थय व सुरक्षा की दृष्टि से स्थगित कर दिया गया है। जलसा संयोजक हाफिज बारकल्लाह ने बताया कि जलसे की सभी तैयारियां मुकम्मल थीं। आजमगढ़ से मुख्य अतिथि आने वाले थे। लॉक डाउन व लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखते जलसा स्थगित करना पड़ा। प्रशासन ने अनुमति भी नहीं दी। माहौल सही हो जायेगा तब जलसा किया जायेगा।
वहीं मदरसा गौसिया मानबेला खास में महिलाओं का बड़ा जलसा 'इस्लाहे मुआशरा' के नाम से 29 मार्च की सुबह होने वाला था। जिसमें गोरखपुर व बस्ती मंडल की महिला धर्मगुरु शामिल होने वाली थी। कोरोना वायरस के प्रकोप व लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर जलसा स्थगित किया गया। जलसा संयोजक हाफिज मो. हदीस ने बताया कि कोरोना का प्रकोप खत्म होने के बाद जलसा होगा।
मदरसा मजहरुल उलूम घोसीपुरवा का दो दिवसीय दस्तारबंदी का जलसा 3 व 4 अप्रैल को होने वाला था। जिसका पोस्टर छप चुका था। जलसे में पूर्व राज्यसभा सांसद ओबैदुल्लाह खान आजमी व राजस्थान के उलेमा शामिल होने वाले थे। मदरसे के शिक्षक कारी तनवीर अहमद ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए जलसा स्थगित किया गया। माहौल खुशगवार होने पर जलसे की नयी तारीख तय होगी।
मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में 4 अप्रैल को जलसा-ए-दस्तारबंदी का प्रोग्राम था। जिसमें करीब 11 बच्चों को आलिम व हाफिज की डिग्री इलाहाबाद व महराजगंज के उलेमा के हाथों दी जानी थी। कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए जलसा कैंसिल करना पड़ा। जलसे में करीब 600 लोग शिरकत करते हैं। मदरसे के प्रधानाचार्य हाफिज नजरे आलम कादरी ने कहा कि कोरोना वायरस से पूरी दुनिया व हमारा हिन्दुस्तान जूझ रहा है। हम सभी का दायित्व है कि हम कोरोना वायरस से छुटकारे के लिए हर एहतियाती कदम उठाएं। नागरिकों के स्वास्थय व सुरक्षा की दृष्टि से जलसा स्थगित किया गया है। अगर कोरोना वायरस पर जल्द नियंत्रण हो जायेगा तो जलसे की नई तिथि घोषित की जायेगी वरना ईद बाद जलसा होगा। उन्होंने अपील किया कि कोरोना से हम सब मिलकर लड़ें। सभी लोग सरकारी आदेश व साफ सफाई का पालन करें। जब जरुरत हो तो तभी घर से निकलें। अफवाहों पर ध्यान न दें। गली मोहल्लों में लोग जमा न हों। जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि सभी तक जरुरी सामान पहुंच जाए। सामानों की कालाबाजारी न होने पाए।
मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर गोरखनाथ में 6 अप्रैल को जलसा-ए-दस्तारबंदी का प्रोग्राम था। जिसमें बिहार, बनारस, कानपुर व आजमगढ़ के उलेमा शिरकत करने वाले थे। करीब 18 बच्चों को आलिम व हाफिज की डिग्री मिलने वाली थी। मदरसा के प्रधानाचार्य मौलाना नूरुज्जमा मिस्बाही ने बताया कि कोरोना वायरस व लॉक डाउन की वजह से जलसा कैंसिल करना पड़ रहा है। जलसे में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। लोगों के स्वास्थय के मद्देनजर जलसा ईद बाद करने पर विचार किया जा रहा है। इस समय कोरोना पर नियंत्रण पाना ज्यादा जरुरी है। उन्होंने अपील किया कि सभी लोग साफ-सफाई का ख्याल रखें। हमेशा बावुजू रहें। इबादत व तिलावत कर तौबा अस्तगफार करें। कोरोना से छुटकारे की दुआ मांगे। बिना जरुरत बाहर न निकलें।
अल मदीना कम्पयूटर एंड किताबत सेंटर मियां बाजार के कातिब हाफिज मो. अहमद अशरफी ने बताया कि मंडल के सभी मदरसों में रमजान से पहले सालाना जलसा होता है। कोरोना की वजह से मार्च व अप्रैल के जलसे कैंसिल हो रहे हैं। जलसों के काफी इश्तेहार मेरे सेंटर पर पेंडिंग हैं। जिले में करीब 20 से 25 व मंडल में करीब 100 से अधिक जलसे कैंसिल हो गये हैं या होने वाले हैं। कोरोना वायरस से लोग दहशत में हैं। लॉक डाउन का भी असर है। जिला प्रशासन से जलसे की अनुमति मिलना नामुमकिन है। लगता है अब मदरसों का सालाना जलसा ईद बाद ही होगा। जान है तो जहान है। जलसा तो होता रहेगा पहले कोरोना जैसी महामारी पर नियंत्रण पाना ज्यादा जरुरी है।
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