योगी के मंदिर गोरक्षनाथ में 35 सालों से बिना यासीन अंसारी के नहीं रखी जाती नींव में एक भी ईंट
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर. महंत से सीएम बने योगी आदित्यनाथ का फेस भले ही एंटी मुस्लिम के रूप में विख्यात हो पर सच्चाई इससे इतर है. आपको जानकार ताज्जुब होगा कि पिछले 35 सालों से यदि गोरक्षनाथ मंदिर या इस संस्था का एक भी निर्माण कार्य होता है और उसकी नींव में यदि एक भी ईंट रखी जाती है तो वह मोहम्मद यासीन अंसारी की देखरेख में ही रखी जाती है. यहाँ तक कि निर्माण कार्य का एक रुपये से लेकर लाखों, करोड़ों का भी भुगतान यासीन की ही अनुमति पर होता है.
-यासीन कहते हैं कि छोटे महराज यानी महंत आदित्यनाथ कहीं से भी मंदिर में आते हैं तो सबसे पहले उनसे मिलते हैं और निर्माण कार्य और अन्य की जानकारी लेते हैं.
-वे किचेन से लेकर बेडरूम तक आते-जाते हैं और साथ बैठकर खाना भी खाते हैं लेकिन उन्हें योगी के अन्दर कभी भी एंटी मुस्लिम छवि नहीं दिखी.
-योगी को झूठ बोलने से बेहद नफरत है वे ईमानदार हैं और दूसरों से उसी की अपेक्षा करते हैं.
-यासीन कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ गरीब दुखियो की मदद खुलकर करते हैं. अब उस गरीब में मुसलमान हो या हिन्दू दलित.
बड़े अब्बा सबसे पहले आये थे मंदिर
-मोहम्मद यासीन अंसारी ने बताया कि उनके बड़े अब्बा वली मोहम्मद सबसे बड़े महंत ब्रह्मलीन दिग्विजयनाथ के समय में पीपीगंज, गोरखपुर से मंदिर आये थे.
-भण्डार उन्हीं के जिम्मे था.
-सास हमीदा बेगम राशन भण्डार कक्ष में रहती थी और गेहूं-चावल आदि साफ़ सफाई की जिम्मेदारी देखती थीं.
-ससुर स्व. जग्गन माली थे.
मई 1977 में मंदिर से जुड़े यासीन अंसारी
-मोहम्मद यासीन अंसारी योगी आदित्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के समय में मई 1777 में मंदिर से जुड़े.
-1977-83 से यासीन मंदिर में बतौर कैशियर रहे.
-1983 से लेकर आज तक वे मंदिर के सुपरवाईजर के पद पर हैं.
-मंदिर परिसर में मंदिर का निर्माण हो या भवन का सौंदर्यीकारण, या फिर कोई अन्य भवन यदि उसकी एक ईंट भी रखी जाती है तो वह इनकी निगरानी में रखी जाती है.
शादी-व्याह में करते हैं मदद रहते हैं मौजूद
- मोहम्मद यासीन अंसारी पहले मंदिर में ही एक कमरे में रहते थे लेकिन जिम्मेदारी बढ़ने के साथ ही मकान छोटा पड़ने लगा.
-गोरखनाथ मंदिर के पीछे रसूलपुर मोहल्ले में उन्होंने अपना घर बनवा लिया है.
-यहाँ वे पत्नी सलीमुन्निशा, बेटे अब्दुल करीम अंसारी, मोहम्मद सलीम अंसारी, दो बहुएं अजरा निशात और अर्शी बेटियों जरीना और फरजाना खातून के साथ रहते हैं.
-यासीन कहते हैं कि उनके यहाँ योगी जी शादी व्याह और अन्य अवसरों पर न सिर्फ आर्थिक मदद करते हैं बल्कि एक दो घंटे मौजूद भी रहते हैं.
गोरखनाथ मंदिर के पहले इंजीनियर निसार
- यासीन ने बताया कि मंदिर के पहले सिविल इंजीनियर तिवारीपुर, गोरखपुर के निसार अहमद थे.
-वे महाराणा प्रताप पालीटेक्निक के प्रिंसिपल भी थे लेकिन अब रिटायर हो गए हैं साथ ही काफी बुजुर्ग भी हो गए हैं. गोरखनाथ मंदिर में साधना भवन, यात्री निवास, हिन्दू सेवाश्रम, मंदिर की दुकाने, अस्पताल की न्यू बिल्डिंग, सस्कृति विद्यालय, राधा-कृष्ण मंदिर, शंकर मंदिर, हनुमान मंदिर, विष्णु मंदिर सहित दर्जनों मंदिर और भवन इंजीनियर की नहीं इन्हीं कि डिजाइन पर बने हैं.
-मोहम्मद यासीन ने बताया कि गौशाला में गोवंशियों की देखरेख मान मोहम्मद करता है.
-मंदिर और उसकी तीन दर्जन से अधिक संस्थाओं से सैकड़ों मुस्लिम परिवार जुड़कर अपने घर का चूल्हा जला रहे हैं.
गोरखपुर. महंत से सीएम बने योगी आदित्यनाथ का फेस भले ही एंटी मुस्लिम के रूप में विख्यात हो पर सच्चाई इससे इतर है. आपको जानकार ताज्जुब होगा कि पिछले 35 सालों से यदि गोरक्षनाथ मंदिर या इस संस्था का एक भी निर्माण कार्य होता है और उसकी नींव में यदि एक भी ईंट रखी जाती है तो वह मोहम्मद यासीन अंसारी की देखरेख में ही रखी जाती है. यहाँ तक कि निर्माण कार्य का एक रुपये से लेकर लाखों, करोड़ों का भी भुगतान यासीन की ही अनुमति पर होता है.
-यासीन कहते हैं कि छोटे महराज यानी महंत आदित्यनाथ कहीं से भी मंदिर में आते हैं तो सबसे पहले उनसे मिलते हैं और निर्माण कार्य और अन्य की जानकारी लेते हैं.
-वे किचेन से लेकर बेडरूम तक आते-जाते हैं और साथ बैठकर खाना भी खाते हैं लेकिन उन्हें योगी के अन्दर कभी भी एंटी मुस्लिम छवि नहीं दिखी.
-योगी को झूठ बोलने से बेहद नफरत है वे ईमानदार हैं और दूसरों से उसी की अपेक्षा करते हैं.
-यासीन कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ गरीब दुखियो की मदद खुलकर करते हैं. अब उस गरीब में मुसलमान हो या हिन्दू दलित.
बड़े अब्बा सबसे पहले आये थे मंदिर
-मोहम्मद यासीन अंसारी ने बताया कि उनके बड़े अब्बा वली मोहम्मद सबसे बड़े महंत ब्रह्मलीन दिग्विजयनाथ के समय में पीपीगंज, गोरखपुर से मंदिर आये थे.
-भण्डार उन्हीं के जिम्मे था.
-सास हमीदा बेगम राशन भण्डार कक्ष में रहती थी और गेहूं-चावल आदि साफ़ सफाई की जिम्मेदारी देखती थीं.
-ससुर स्व. जग्गन माली थे.
मई 1977 में मंदिर से जुड़े यासीन अंसारी
-मोहम्मद यासीन अंसारी योगी आदित्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के समय में मई 1777 में मंदिर से जुड़े.
-1977-83 से यासीन मंदिर में बतौर कैशियर रहे.
-1983 से लेकर आज तक वे मंदिर के सुपरवाईजर के पद पर हैं.
-मंदिर परिसर में मंदिर का निर्माण हो या भवन का सौंदर्यीकारण, या फिर कोई अन्य भवन यदि उसकी एक ईंट भी रखी जाती है तो वह इनकी निगरानी में रखी जाती है.
शादी-व्याह में करते हैं मदद रहते हैं मौजूद
- मोहम्मद यासीन अंसारी पहले मंदिर में ही एक कमरे में रहते थे लेकिन जिम्मेदारी बढ़ने के साथ ही मकान छोटा पड़ने लगा.
-गोरखनाथ मंदिर के पीछे रसूलपुर मोहल्ले में उन्होंने अपना घर बनवा लिया है.
-यहाँ वे पत्नी सलीमुन्निशा, बेटे अब्दुल करीम अंसारी, मोहम्मद सलीम अंसारी, दो बहुएं अजरा निशात और अर्शी बेटियों जरीना और फरजाना खातून के साथ रहते हैं.
-यासीन कहते हैं कि उनके यहाँ योगी जी शादी व्याह और अन्य अवसरों पर न सिर्फ आर्थिक मदद करते हैं बल्कि एक दो घंटे मौजूद भी रहते हैं.
गोरखनाथ मंदिर के पहले इंजीनियर निसार
- यासीन ने बताया कि मंदिर के पहले सिविल इंजीनियर तिवारीपुर, गोरखपुर के निसार अहमद थे.
-वे महाराणा प्रताप पालीटेक्निक के प्रिंसिपल भी थे लेकिन अब रिटायर हो गए हैं साथ ही काफी बुजुर्ग भी हो गए हैं. गोरखनाथ मंदिर में साधना भवन, यात्री निवास, हिन्दू सेवाश्रम, मंदिर की दुकाने, अस्पताल की न्यू बिल्डिंग, सस्कृति विद्यालय, राधा-कृष्ण मंदिर, शंकर मंदिर, हनुमान मंदिर, विष्णु मंदिर सहित दर्जनों मंदिर और भवन इंजीनियर की नहीं इन्हीं कि डिजाइन पर बने हैं.
-मोहम्मद यासीन ने बताया कि गौशाला में गोवंशियों की देखरेख मान मोहम्मद करता है.
-मंदिर और उसकी तीन दर्जन से अधिक संस्थाओं से सैकड़ों मुस्लिम परिवार जुड़कर अपने घर का चूल्हा जला रहे हैं.
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