गोरखपुर से 262 खुशनसीब जायेंगे मुकद्दस हज यात्रा पर


सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर।  मुकद्दस हज यात्रा के लिए कुर्रा अंदाजी (लाॅटरी) में गोरखपुर से 262 लोगों का नाम आया हैं। हज यात्रियों की  खुशी का ठिकाना नहीं है और ऐसा हो भी क्यों ना अल्लाह के घर का दीदार करने का मौंका जो मिल रहा है। हर मुसलमान की यह ख्वाहिश होती है कि वह हज यात्रा पर जायें और इस्लाम का अहम रूक्न (रस्म) की अदायगी कर सकें।
गौरतलब है कि हज कुरा-2017 (हज यात्रियों के चयन के लिए कम्प्यूटरीकृत ड्रा) 21 मार्च को इन्दिरा गाँधी प्रतिष्ठान लखनऊ  में हुआ। जनपद गोरखपुर से  लगभग 600 लोगों ने 250 कवर द्वारा हज के लिए आवेदन किया था। जिसमें से 109 कवर पर 262 लोगों का चयन हुआ है।  पिछली बार  वर्ष 2016 में भी जनपद से कुल 230 लोग हज यात्रा पर गये थें।
गोरखपुर से हज यात्रा पर जाने के लिए कुर्रा अंदाजी में पहला नाम  अजीजुर्हमान अंसारी का निकला है। इस पर वह बेहद खुश है और अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे है। बातचीत में  कहते है कि जब से उन्हें मोबाइल एसएमएस द्वारा सूचना मिली है तब से उनके घर में खुशी का माहौल है। दूर-दराज के रिश्तेदार जहां फोन द्वारा मुबारकबाद पेश कर रहे है वहीं पास वाले घर आकर हमारी खुशियों में ना सिर्फ शमिल हो रहे है बल्कि अपने लिए दुआं की दरख्वास्त कर रहे है। वहीं तुर्कमानपुर के अली अहमद राईनी का नाम छठें नम्बर पर हैं। अली अहमद के साथ कुल चार लोग हज पर जा रहे है जिनमें उनकी पत्नी मदीना खातून, पुत्र सेराज अहमद व बहन अमीना खातून शामिल है। सेराज अहमद कहते हैं पिछले साल भी एप्लाई किया था लेकिन नाम नहीं आया। अबकी बहुत दुआ की थीं।
पहाड़पुर के रहने वाले  सुहेल अहमद  हज यात्रा के लिए कुर्रा में नाम आने के बाद अपनी खुशी को बयां नहीं कर पा रहे है। इनका कहना है कि पहली बार में ही नाम आ गया, जिसके लिए वह अल्लाह के शुक्रगुजार है कि उसने यह अपने घर की जियारत करने के लिए बुला लिया है।  यात्रा  के लिए अभी से तैयारी शुरू कर हो गयी है।
मोहम्मद इदरीश के  खुशी का ठिकाना नहीं है। इन्होंने हज यात्रा के लिए पहले भी आवेदन किया था लेकिन मायूसी हाथ लगी थीं।
इस बार नाम आने पर अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे हैं। लोगों ने मुबारकबाद देनी शुरु कर दी हैं। बहुत अच्छा लग रहा हैं कि खुदा का घर और रौजा-ए-रसूल की जियारत होगी।तैयारी भी शुरु कर दूंगा कल से।
जाहिदा परवीन, अख्तर हुसैन, मुस्ताक अहमद, साजिद अली, राशिद, एजाज  ने कहा कि खुशी की बात  है कि हमारा नाम आ गया। पूरे घर में खुशी का माहौल है।

मुफ्ती अख्तर हुसैन ने बताया कि हज इस्लाम का आखिरी फरीजा है जिसे अल्लाह ने सन् 9 हिजरी में फर्ज फरमाया। जो मालदारों पर फर्ज है और वह भी जिंदगी में सिर्फ एक बार । अल्लाह तआला का इरशाद है कि अल्लाह तआला की रजा के लिये लोगों पर हज फर्ज है जो उसकी इसतिताअत रखे। (कुरआन)





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