दिग्गजों के शहजादे जीते कुछ के हारे



सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर। उप्र विधानसभा चुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडलों से कई दिग्गजों के शहजादे चुनाव लड़े लेकिन कुछ हार गये और कुछ को जीत मिली।
जीतने वालों की बात की जायें तो नौतनवां विधानसभा सीट  से बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी के  पुत्र अमन मणि त्रिपाठी ने निर्दल चुनाव लड़ा और बहनों के प्रचार के सहारे जीत हासिल की। पत्नि सारा की हत्या के आरोपी अमन मणि को कुछ दिन पहले ही जमानत मिलीं थीं।निश्चित रुप से इस जीत से मणि परिवार की सियासी विरासत बच गयी।
 वहीं चिल्लूपार विधानसभा सीट से बाहुबली हरिशंकर तिवारी के पुत्र  विनय शंकर तिवारी ने बसपा के टिकट से पिता की सियासी विरासत संभाल लीं। कई चुनावों में हार के बाद भाजपा की सुनामी में यह जीत काबिले दाद हैं। गोरखपुर का यह सबसे कड़ा मुकाबला रहा। जहां पल-पल परिणाम बदलते रहे। अाखिरकार जीत विनय शंकर तिवारी के हिस्से में आयीं।
बांसगांव सुरक्षित विधानसभा सीट से सुभावती पासवान के पुत्र डा.  विमलेश पासवान भाजपा के टिकट से चुनाव जीत गये। भाई कमलेश पासवान इस क्षेत्र से सांसद हैं। वहीं कैंपियरगंज विधानसभा की बात करें तो उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के पुत्र फतेहबहादुर ने  भाजपा के टिकट से जीत हासिल की।
वहीं हारने वालों पर नजर डालें तो पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. मोहम्मद अय्यूब के पुत्र इं. मोहम्मद इरफान मेंहदावल से चुनाव हार गये और खुद पिता भी खलीलाबाद से चुनाव गवां बैठें।  पिपराइच विधानसभा से  मरहूम जमुना निषाद व निर्वातमान विधायिका राजमति निषाद के पुत्र अमरेंद्र निषाद हार कर तीसरे स्थान पर खिसक गये।
खड्डा से बाहुबली बालेश्वर यादव के पुत्र  विजेंद्र पाल यादव भी चुनाव हार गये। वहीं बाहुबली हरिशंकर तिवारी परिवार के गणेश शंकर पांडेय पनियरा विधानसभा से चुनाव हार गये। उन्हें बसपा ने टिकट दिया था।  इसी तरह शोहरतगढ़ विधानसभा सीट से निर्वातमान विधायिका मुन्नी सिंह के पुत्र उग्रसेन सिंह भी चुनाव हार गये। सहजनवां विधानसभा सीट से रावत परिवार के यशपाल रावत भी चुनाव हारने वालों में शामिल हैं।

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