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गोरखपुर - सांसद मनोज तिवारी की यहीं हुई थी जमानत जब्त, यहां जमानत बचाना भी है मुश्किल

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-गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। गोरखपुर लोकसभा सीट का चुनाव हमेशा से टफ रहा है। इस बार का उपचुनाव भी टफ है। सबसे बड़ी बात यहां जमानत बचाने के लिए उम्मीदवारों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है उसके बावजूद दो तीन को छोड़कर किसी की भी जमानत नहीं बच पाती। यह कोई एक दो लोकसभा चुनाव से नहीं बल्कि पिछले कई लोकसभा चुनावों से होता चला आ रहा है। यहां बीजेपी को टक्कर केवल सपा का निषाद उम्मीदवार ही दे पाता है इसीलिए सपा ने बहुत सोच समझकर यहां निषाद उम्मीदवार को टिकट दिया है और निषाद पार्टी व पीस पार्टी से गठबंधन किया है। बसपा भी दो बार दूसरे व तीसरे नम्बर पर रह चुकी है। बीजेपी व सपा को छोड़कर यहां अन्य पार्टियों के लिए चुनाव लड़ना टेढ़ी खीर ही साबित हुआ है। वर्तमान में बीजेपी सांसद व सिने स्टार मनोज तिवारी मृदुल की भी इस क्षेत्र से जमानत जब्त हो चुकी है। वर्ष 2009 में गोरखपुर लोकसभा सीट पर 26 उम्मीदवारों में से दूसरे स्थान पर रहे बसपा उम्मीदवार विनय शंकर तिवारी को छोड़ बाकी के सभी 24 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। जिसमें सांसद मनोज तिवारी मृदुल भी शामिल थे। मनोज तिवारी सम...

जानिए गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के दस उम्मीदवारों की हैसियत

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गोरखपुर। सदर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में  उम्मीदवारों के शपथपत्र के मुताबिक कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. सुरहिता करीम और सर्वोदय भारत पार्टी के गिरीश नारायण  पांडेय सबसे अमीर हैं। ज्यादतर उम्मीदवार उच्च शिक्षा हासिल किए हुए है। 1. इंजीनियर प्रवीण-सपा गठबंधन- साइकिल 29 वर्षीय सपा उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद के पास महज 45 हजार तो उनकी पत्नी रीतिका साहनी के पास भी बस 32 हजार नकद है। प्रवीण के पास 1.23 लाख और रीतिका के पास 10.02 लाख रुपये की चल सम्पत्ति है। प्रवीन के पास न आवास है न गाड़ी। पैतृक संम्पत्ति भी नहीं है। उनकी पत्नी के नाम 99 हजार रुपये का इलाहाबाद बैंक का कर्ज भी है। पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं जबकि प्रवीण किसान हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में प्रौद्योगिकी स्नातक की उपाधि हासिल की है।  2. गिरीश नारायण पांडेय-सर्वोदय भारत पार्टी - कैमरा सर्वोदय भारत पार्टी से प्रत्याशी और रिटायर आयकर अधिकारी 63 वर्षीय गिरीश नारायण पांडेय भी करोड़पति हैं। लखनऊ में अलीगंज निवासी जीएन पांडेय के पास 3.20 करोड़ और पत्नी के नाम 1.81 करोड़ रुपये च...

गोरखपुर दंगा 2007 : डेमोक्रेसी के तहफ्फुज की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ेगे - परवेज़ परवाज़

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गोरखपुर। 'अभी हम हाईकोर्ट का आर्डर पढ़ रहे है। हाईकोर्ट ने क्या कहा है उसकी मंशा क्या है। अभी पूरी तरह समझ नहीं पाये है लेकिन हम इतना जरूर समझ गए है कि हमारी  याचिका खारिज हो गई है यानी हमारे सामने सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता खुल गया है। जिस इश्यू पर हम लड़ रहे है वह सच है। यह डेमोक्रेसी के तहफ्फुज (रक्षा) की लड़ाई है। रूल ऑफ लॉ कायम करने की लड़ाई है। मजलूमों को इंसाफ दिलाने की लड़ाई है। जो घटना हुई थी उसका गवाह पूरा मंडल है। हम सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ेगे और जरूरत पड़ी तो लोकतांत्रिक तरीके से सड़कों भी पर लड़ेंगे। यह कहना है गोरखपुर दंगे पर याचिका दाखिल करने वाले तुर्कमानपुर निवासी परवेज़ परवाज़ का। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद यह खास प्रतिक्रिया दी है। --गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था। आरोप है कि इस दंगे में दो लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। इस मामले में दर्ज एफ़आईआर में आरोप है कि तत्कालीन भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ, गोरखपुर के विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की तत्कालीन मेयर अंजू चौ...

हाफिज-ए-मिल्लत का पैगाम - इत्तेहाद व इत्तेफाक से मिलेगा अमन

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-उर्स-ए-पाक गोरखपुर। नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां पर शनिवार को दीनी तालीम के लिए एशिया में अलग पहचान रखने वाली अरबी यूनिवर्सिटी अलजामियतुल अशरफिया के संस्थापक हाफिज-ए-मिल्लत हजरत शाह अब्दुल अजीज अलैहिर्रहमां का 43वां उर्स-ए- पाक अदबो एहतराम के साथ मनाया गया। चादरपोशी व कुल शरीफ की रस्म अदा कर  लंगर बांटा गया। इस मौके पर उलेमाओं ने हाफिज-ए-मिल्लत की दीनी व दुनियावी खिदमात पर रौशनी डाली। मौलाना असलम रज़वी ने कहा कि हाफिज-ए-मिल्लत पूरे तौर पर शरीयत के आमिल थे। लोगों को शरीयत समझाने वाले थे और अमल कराने वाले भी थे। अपनी पूरी जिंदगी अल्लाह और इंसानों की सेवा में गुजार कर दीन और दुनिया दोनों में अपना नाम रौशन कर लिया। आपका पैगाम था कि " जमीन के ऊपर काम, जमीन के नीचे आराम" यानी जब तक इंसान जिंदा रहे मजहब, मुल्क व इंसानियत की सेवा कर नेक अमल करता रहे ताकि मौत के बाद कब्र में चैन व सुकून हासिल हो सके। कारी शराफत हुसैन ने कहा कि हाफिज-ए-मिल्लत ने कौम की दीनी और दुनियावी रहनुमाई की। मदरसा मिस्बाहुल उलूम को अरबी यूनिवर्सिटी अलजामियतुल अशरफिया का रूप दिया...

छह चुनाव दो महिलाएं, तीसरी डॉ. सुरहिता करीम, क्या जनता करेगी कबूल!

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-गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव syed farhan ahmad गोरखपुर। वर्ष 1996 से लेकर वर्ष 2014 तक गोरखपुर लोकसभा चुनाव में केवल दो महिलाओं ने चुनाव लड़ा है। यह तीसरा मौका है जब इस क्षेत्र से डॉ. सुरहिता करीम चुनाव लड़ेगी। वर्ष 1996 के चुनाव में  सर्वाधिक 37 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। जिसमें एक भी महिला नहीं थी। वर्ष 1998 के चुनाव में दस उम्मीदवार थे। जिसमें एक भी महिला  शामिल नहीं थी। वर्ष 1999 के चुनाव में 10 उम्मीदवार थे। जिसमें एक मात्र महिला पुष्पा देवी निर्दल खड़ी हुई। जिन्हें महज 2049 वोट मिला। वर्ष 2004 के चुनाव में 7 उम्मीदवारों में एक भी महिला नहीं थी। वर्ष 2009 के चुनाव में 26 उम्मीदवार थे। जिसमें कोई महिला नहीं थी। इस चुनाव में सपा के टिकट पर अभिनेता  मनोज तिवारी लड़े। जिन्हें 83059 वोट ही मिला। गोरखपुर की जनता ने उन्हें सिरे से खारिज कर दिया। वहीं 16वीं लोकसभा के वर्ष 2014 के चुनाव में सपा ने दरियादिली दिखा कर जमुना निषाद की पत्नी राजमति निषाद को टिकट दिया। जिन्होंने 226216 वोट हासिल कर दूसरा स्थान हासिल किया। गोरखपुर लोकसभा के इस उपचुनाव में यह दूसरा मौका है जब किसी ...

वोटरों ने पूछा - आखिर हाईकमान कब करेगा प्रत्याशी घोषित

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-चुनावी गुफ्तगू -गोरखपुर लोकसभा चुनाव गोरखपुर। लोकसभा उपचुनाव की सरगर्मियां शुरू हो चुकी है। नामांकन की प्रक्रिया भी जारी है। कांग्रेस के अलावा अभी तक किसी राजनीतिक दल ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। जिसकी वजह से मतदाताओं में फिलहाल कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है।  सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद खाली हुई इस सीट पर देश दुनिया की भी नजर है। हालांकि इस तरह की चर्चा थी कि गैर भाजपाई दल महागठबंधन बनाकर प्रत्याशी उतारेंगे लेकिन कांग्रेस ने 'दोस्ती' का हक अदा न करते हुए शुक्रवार को देर शाम अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। कभी यह क्षेत्र कांग्रेस के लिए जरखेज (उपजाऊ) हुआ करता था लेकिन पिछले छह लोकसभा चुनावों से जमानत जब्त हो रही है। प्रत्याशियों और मौजूदा सियासत को लेकर देश का भविष्य युवा क्या सोच रहा है। इस बाबत कुछ युवाओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी है- वहीं सभी दलों से सवाल भी किया है कि कब होगा प्रत्याशी घोषित? --सोशल मीडिया पर घोषित व बदला जा रहा प्रत्याशी मतदान में 22 दिन शेष है। शनिवार की सुबह कांग्रेस प्रत्याशी के बारे में पता चला। सपा व भाजपा के प...

बजट पर योजनाबद्ध व समयबद्ध अमल हो तो बेहतर होंगे परिणाम

-अल्पसंख्यक समुदाय गोरखपुर। उप्र सरकार ने वर्ष 2018-2019 का बजट शुक्रवार को विधानसभा में पेश कर दिया है। अल्पसंख्यकों  के विकास के लिए योजनाओं पर और खासकर मदरसा आधुनिकीकरण व अनुदानित मदरसों के मद में बड़ी रकम (2757+404+486+215 करोड़) खर्च करने का प्रस्ताव पेश किया है। अल्पसंख्यक समुदाय ने इस बजट को बेहतर व लोक लुभावन तो कहा है लेकिन अंदेशा भी जताया है कि जब तक यह बजट योजनाबद्ध व समयबद्ध तरीके से अमल में नहीं लाया जायेगा, तब तक किसी किस्म के फायदा अल्पसंख्यक समुदाय को नहीं मिलेगा। अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के जिला महासचिव आसिफ महमूद ने कहा कि हर साल बजट तो आता है लेकिन मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत कार्यरत शिक्षकों को इसका लाभ समय से नहीं मिल पाता है। जिस वजह से शिक्षक भुखमरी के कागार पर पहुंच जाते है। सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण की बात तो जरूर करती है लेकिन जरूरी संसाधन मुहैया नहीं करा पाती। उम्मीद है कि इस बजट को सरकार समय से अमल में लाएगी, तभी इसका बेहतर परिणाम सामने आयेगा। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का दो साल से मानदेय नहीं मिला है। उस पर भी सरकार को गौर करना चा...

बुनकर बजट पर बोले जब-जब दवा दी मर्ज बढ़ता गया

अशफाक अहमद/फरहान गोरखपुर। बुनकरों ने बजट पर जो प्रतिक्रिया दी है वह तवज्जो के लायक है। बुनकारों का कहना है बीमारी बहुत थी दवा मिली ही नहीं और जब-जब दवा दी मर्ज में इजाफा होता गया। उप्र सरकार ने  वर्ष 2018-2019 के बजट में पॉवरलूम के बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली देने का वादा  करते हुए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। एक अन्य योजना के मद में 50 करोड़ रुपया देने की व्यवस्था की है। बुनकर इसे नाकाफी बता रहे है। पुश्तैनी बुनकरी से जुड़े नौरंगाबाद के मसीउल्लाह अंसारी ने कहा कि बुनकरों को सब्सिडी का पैसा बैंक खाते में देने का फैसला सही नहीं है। अब हम लोगों को भी गैस सब्सिडी की तरह आफिस का  चक्कर काटना पडे़गा। बजट से निराशा हुई है। हजारों की संख्या में रोजी-रोटी की जद्दोजहद कर रहे बुनकरों की मुट्ठी फिर खाली ही रही। गोरखनाथ के मौलाना ओबेदुर्रहमान नदवी ने कहा कि बजट से आम बुनकरों को कोई लाभ नहीं मिल पायेगा। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत बुनकरों का बिजली कनेक्शन दूसरे के नाम पर है। किसको सब्सिडी का लाभ मिलेगा समझ से परे है। बजट से बुनकरों को बहुत आस थी जो अब निराशा में बदल ग...

गोरखपुर - 6 बार जीत हासिल करने वाली कांग्रेस की पिछले 6 चुनावों से हो रही जमानत जब्त

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-डा. सुरहिता करीम को कांग्रेस ने बनाया उ म्मीदवार -गोरखपुर संसदीय उपचुनाव सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। कांग्रेस पार्टी ने गोरखपुर संसदीय उपचुनाव लड़ने का मन बना लिया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष डा. सैयद जमाल के मुताबिक डा. सुरहिता करीम को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। डा. सुरहिता करीम इससे पहले वर्ष 2012 में मेयर का चुनाव लड़ चुकी है और डा. सत्या पांडेय से शिकस्त खा चुकी है। खैर। गोरखपुर संसदीय सीट पर कांग्रेस का रिकार्ड फिफ्टी-फिफ्टी का रहा है। कांग्रेस यहां से 6 बार चुनाव जीत चुकी है लेकिन पिछले 6 लोकसभा चुनाव से कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद शर्मनाक रहा है। यहां से वर्ष 1996 (11वीं लोकसभा) में हरिकेश बहादुर ने चुनाव लड़ा और मात्र 14549 (2.60 प्रतिशत) वोट ही हासिल कर जमानत जब्त करा बैठे। वर्ष 1998 (12वीं लोकसभा) में हरिकेश बहादुर को 22621 (3.59 प्रतिशत) वोट मिला और उनकी जमानत जब्त हो गई। वर्ष 1999 (13वीं लोकसभा) में वर्तमान जिलाध्यक्ष डा. सैयद जमाल चुनाव लड़े। उन्हें 20026 (3.08 प्रतिशत) वोट मिला। उनकी भी जमानत जब्त हो गई। वर्ष 2004 (14वीं लोकसभा) में शरदेन्दु पांडेय ने चुनाव लड़ा, उन...

गोरखपुर लोकसभा संसदीय उपचुनाव - सपा महागठबंधन से ही दे सकती है भाजपा को टक्कर

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-विधानसभा, नगर निगम व नगर पंचायतवार लेखा-जोखा -गोरखपुर संसदीय उपचुनाव सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। गोरखपुर संसदीय उपचुनाव में भाजपा को टक्कर देना का माद्दा  समाजवादी पार्टी में ही नजर आ रहा है, अगर बसपा, कांग्रेष, निषाद पार्टी व पीस पार्टी मिल गई तो भाजपा मुश्किल में फंस सकती है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सपा 'निषाद' समाज से ही प्रत्याशी उतारेगी। ऐसा संकेत मिल रहा है कि एक क्षेत्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पुत्र के नाम पर सपा ने मोहर लगा दी है। जिनकी निषाद समाज में मजबूत पकड़ है। बस घोषणा होना बाकी है। अगर ऐसा हुआ तो निषाद वोटों में बिखराव नहीं होगा। वहीं उक्त क्षेत्रीय पार्टी व उसको समर्थन देने वाली पीपा का भी समर्थन सपा को मिलेगा। सपा 'दलित-निषाद-मुस्लिम-यादव' वोटों के जरिए चौकाने वाला नतीजा दे सकेगी। बसपा ने चुनाव नहीं लड़ने का संकेत दिया है। बसपा अगर सपा को समर्थन देने का ऐलान कर दे तो दलित वोट सपा को मिल जायेगा। इस क्षेत्र में दलित मतदाताओं की अच्छी दखल है। वहीं  कांग्रेस अगर अकेले चुनाव लड़ती है तो उसे कुछ भी फायदा नहीं होगा। सपा को समर्थन देन...

गोरखपुर - भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर, गैर भाजपा दलों की एकजुटता से होगा जबरदस्त मुकाबला

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-11 मार्च को चुनाव, 14 को परिणाम -गोरखपुर लोकसभा सीट उपचुनाव सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव की घोषणा हो गई है। 11 मार्च को उपचुनाव होगा और 14 मार्च को परिणाम आयेगा। इस उपचुनाव में एक तरफ भाजपा है तो दूसरी तरफ सपा, कांग्रेस, बसपा, पीस पार्टी, निषाद पार्टी आदि है। चर्चा है कि निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पुत्र को सपा टिकट दे सकती है। सपा की मंशा है कि सभी गैर भाजपाई दलों का समर्थन हासिल कर भाजपा को मात दी जाए। ओबीसी आर्मी के सम्मेलन में यह एकजुटता बनती नजर भी आयी। कुल मिलाकर इस सीट पर सपा जातिगत समीकरण सहेज लेती है तो आश्चर्यजनक परिणाम आ सकते है। निषाद, मुसलमान व यादव मतदाताओं के बदौलत भी जीत हासिल की जा सकती है। गोरखपुर के जीतिगत समीकरण की बात करें तो यहां पिछड़े और दलित मतदाताओं की बहुलता है। मुस्लिम समाज की भी व्यापकता इस लोकसभा क्षेत्र में है। गोरखपुर लोकसभा सीट में सबसे ज्यादा निषाद मतदाता है जिनकी संख्या करीब 04 लाख है। पिपराइच और गोरखपुर ग्रामीण में सबसे ज्यादा निषाद मतदाता हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस लोकसभा क्षेत्र में करीब 1,50,000 मुस्लिम...

गोरखपुर स्लाटर हॉउस मामले में सुनवाई आज, हाईकोर्ट में दाखिल है रिट

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गोरखपुर। जिले में मार्डन स्लॉटर हाउस खोलने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल रिट की सुनवाई 9 फरवरी को होगी। 16 वर्षों से शहर में न्यायालय का आदेश होने के बावजूद स्लाटर हॉउस का निर्माण नहीं कराया गया है। पिछले साल स्लाटर हॉउस निर्माण के लिए गोरखपुर से दिलशाद अहमद व 12 अन्य ने राज्य तथा नगर निगम आदि के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट (सं. 15664/2017) दाखिल की हुई है। बतातें चलें कि स्लाटर हाउस न होने के कारण गोरखपुर में बड़ा जानवर (भैंस) काटने व उसका मीट बेचने पर पूरी तरह पाबंदी लगी हुई हैं। पिछले वर्ष मार्च से शहर में बूचड़खाने बंद हैं।     प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद बड़े जानवर के मीट कारोबारियों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कोई रिक्शा चलाने को तो कोई फल, सब्जी बेचने व मजदूरी करने को मजबूर है। जिंदगी तंग हो चुकी है। इस व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों के घर का निजाम बिगड़ चुका है। मीट कारोबारियों की मानें तो उन्हें हर दिन लाखों का नुकसान हो रहा है। इस पेशे से जुड़े लोगों का कहना है कि यह हमारा पुश्तैनी कारोबार है, इस पर रोक लगाकर प्रदेश सरकार ने हम लोग...

छह माह में भी दुरुस्त नहीं हो सका त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल

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-नए सत्र की परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 फरवरी -उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की लापरवाही गोरखपुर। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की एक और लापरवाही सामने आयी है। वर्ष 2017 की मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल व फाजिल परीक्षा का त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल अभी तक दुरुस्त नहीं हो सका है। वहीं वर्ष 2018 की परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 फरवरी है। मदरसा संचालक व छात्र लखनऊ तक चक्कर लगाने को मजबूर है। पीड़ित छात्र शहबाज सिद्दीकी व मोहम्मद फहीम अली ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उन्होंने मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार से कामिल द्वितीय वर्ष की मुकम्मल परीक्षा दी थी। जब परीक्षाफल आया तो उन्हें अंग्रेजी विषय में अनुपस्थित दिखा कर अनुत्तीर्ण कर दिया गया। परीक्षाफल दुरूस्त करवाने के लिए समय से आवेदन किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। उसके बाद उपस्थिति पंजीका सहित तमाम कागज इकट्ठा किया और मदरसे के प्रधानाचार्य हाफिज नजरे आलम कादरी को साथ लेकर 29 जनवरी को परिषद के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता से फरियाद भी लगायी लेकिन उसके बावजूद भी कुछ नहीं हुआ। कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। परिषद की लापरवाही से साल व मे...

गोरखपुर के अनुदानित मदरसों में नहीं है सीसीटीवी कैमरा, परीक्षा केंद्र बनने से हो सकते है महरूम!

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गोरखपुर। जिले में दस अनुदानित मदरसे है लेकिन उनमें किसी में भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा हुआ है। इस वजह से जिले के दसों अनुदानित मदरसे उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मुंशी, मौलवी, आलिम, व फाजिल वर्ष 2018 की परीक्षा में परीक्षा केंद्र बनने से महरूम हो सकते है। परिषद ने केंद्र निर्धारण हेतु जो शर्ते लगायी है उनमें परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी कैमरा होना भी जरूरी है। ऐसे में सीसीटीवी कैमरा न होने की वजह से अनुदानित मदरसों का इस वर्ष परीक्षा केंद्र बनना थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है। वर्ष 2017 की परीक्षा में राम जतन यादव इंटरमीडिएट कालेज भटहट को छोड़कर शेष छह परीक्षा केंद्र अनुदानित मदरसे में ही बनाये गए थे। शहर क्षेत्र में 4 व ग्रामीण क्षेत्र में 3 परीक्षा केंद्र बने थे। वर्ष 2016 में 12 परीक्षा केंद्र बने थे। जिसमें एक भी मदरसा नहीं था। बतातें चलें कि इस वर्ष परिषद की परीक्षा मार्च-अप्रैल में प्रस्तावित है। परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया सुस्त रफ्तार से चल रही है। 10 फरवरी आवेदन की अंतिम तिथि है। परिषद ने परीक्षा केंद्र निर्धारण हेतु प्रक्रिया शुरू कर दी है।  परिषद ने एक सप्ता...

10 तक मदरसा वेब पोर्टल पर पंजीकरण का आखिरी मौका

गोरखपुर। शासन ने मदरसों को वेब पोर्टल पर पंजीकरण का आखिरी मौका 10 फरवरी तक दिया है। इस बाबत 1 फरवरी को संयुक्त सचिव उप्र शासन भवेश रंजन ने उप्र मदरसा शिक्षा परिषद को चिट्ठी लिख पंजीकरण की अंतिम तिथि 10 फरवरी तक करने का निर्देश दे दिया है। पंजीकरण तिथि बढ़ाने की  वजह मदरसों में अध्ययनरत छात्रों के भविष्य को लेकर सामने आयी है। अभी तक कई मदरसों ने वेब पोर्टल पर पंजीकरण नहीं किया है। जिस वजह से उक्त मदरसे में अध्ययनरत छात्र मदरसा बोर्ड की परीक्षा का फार्म नहीं भर सके है। 10 फरवरी तक वेब पोर्टल फाइनली  लॉक कर दिया जायेगा। जिले में करीब 168 मदरसे मान्यता प्राप्त है। वेब पोर्टल पर 222 मदरसों ने पंजीकरण करवाया था। जिसमें से अधिकतर मदरसों ने संपूर्ण सूचनाएं वेब पोर्टल पर दर्ज करवा दी थी। कुछ मदरसे पंजीकरण नहीं करा पाये थे  या जिन्होंने डाटा अपलोड में किसी प्रकार की त्रुटि की थी उन्हें शासन ने एक और मौका  दिया है। जिला स्तर पर मदरसों की जांच प्रक्रिया तेज है। पिछले बार मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षा में 53 मदरसों ने हिस्सा लिया था। जिले में केवल दस अनुदानित मदरसे है।

अल्पसंख्यक शादी अनुदान योजना शुरू, गरीब बेटियों की शादी में मिलेगा बीस हजार रूपया

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--योगी सरकार ने पूर्व अखिलेश सरकार की योजना पर लगायी सहमति की मोहर -अभी जिले में बजट नहीं अाया है गोरखपुर। अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध, पारसी, जैन) के निर्धन/गरीब अभिभावकों को बेटियों की शादी के लिए अनुदान फिर से मिलेगा। अनुपूरक बजट में पैसा मिलने से यह योजना फिर से जीवित हो गई है। पूर्व अखिलेश सरकार की अल्पसंख्यक शादी अनुदान योजना पर वर्तमान योगी सरकार के सहमति की मोहर लगा चुकी है। इस बाबत विगत 25 जनवरी को प्रमुख सचिव उप्र शासन मोनिका गर्ग ने आदेश जारी कर दिया है। वर्ष 2016 में जारी शासनादेश के मुताबिक ही योजना चलेगी।  यानी अब अल्पसंख्यक समुदाय के अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अभिभावकों की बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता के रूप में 20, 000 रूपया मिलेगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में भी प्रमुख सचिव का पत्र आ गया है। पेडिंग पड़े आवेदनों की सत्यापन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।  हालांकि योजना के लिए अभी जिले में बजट नहीं अाया है। वर्ष 2016-17 में जिले के 304 आवेदकों को लाभान्वित किया गया था।  जिले में 150 से अधिक आवेदन अधर में पड़े...