गोरखपुर स्लाटर हॉउस मामले में सुनवाई आज, हाईकोर्ट में दाखिल है रिट



गोरखपुर। जिले में मार्डन स्लॉटर हाउस खोलने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल रिट की सुनवाई 9 फरवरी को होगी। 16 वर्षों से शहर में न्यायालय का आदेश होने के बावजूद स्लाटर हॉउस का निर्माण नहीं कराया गया है। पिछले साल स्लाटर हॉउस निर्माण के लिए गोरखपुर से दिलशाद अहमद व 12 अन्य ने राज्य तथा नगर निगम आदि के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट (सं. 15664/2017) दाखिल की हुई है। बतातें चलें कि स्लाटर हाउस न होने के कारण गोरखपुर में बड़ा जानवर (भैंस) काटने व उसका मीट बेचने पर पूरी तरह पाबंदी लगी हुई हैं। पिछले वर्ष मार्च से शहर में बूचड़खाने बंद हैं।     प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद बड़े जानवर के मीट कारोबारियों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कोई रिक्शा चलाने को तो कोई फल, सब्जी बेचने व मजदूरी करने को मजबूर है। जिंदगी तंग हो चुकी है। इस व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों के घर का निजाम बिगड़ चुका है। मीट कारोबारियों की मानें तो उन्हें हर दिन लाखों का नुकसान हो रहा है। इस पेशे से जुड़े लोगों का कहना है कि यह हमारा पुश्तैनी कारोबार है, इस पर रोक लगाकर प्रदेश सरकार ने हम लोगों के साथ नाइंसाफी की हैं। अभी तक स्लाटर हॉउस न बनाकर नगर निगम ने अपना गैर जिम्मेदाराना रवैया ही साबित किया है।
कारोबारियों का कहना हैं कि वर्ष 2001 में जब स्लाटर हॉउस बंद किया गया, तब हम लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उस समय हाईकोर्ट ने 3 सप्ताह के अंदर स्लाटर हॉउस बनवाने के लिए नगर निगम को आदेश दिया था। नगर निगम ने वैकल्पिक व्यवस्था शहर से 27 किलोमीटर दूर भटहट बाजार में अस्थाई स्लाटर हाउस के रूप में कर दी थी। जिसके बाद उस समय के डीएम ने नगर आयुक्त के साथ बातचीत की लेकिन उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। निगम ने अपना अड़ियल रवैया अपनाते हुए कहा कि जब तक भटहट नहीं जाओगे तब तक तुम लोगों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। वहीं उस समय के एसएसपी ने कहा था कि आप लोग अपने दुकान में काटकर और साफ-सफाई के साथ अपना धंधा कर सकते हैं, जब तक इस समस्या का हल न हो जाए। उसके बाद वर्ष 2002 से आज तक लोगों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया गया। मीट कारोबारियों का कहना है कि अगर सरकार को कार्यवाही करनी ही थीं तो पहले वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी। स्लाटर हॉउस खोल कर वैध लाइसेंस उपलब्ध करवाना चाहिए था।
बड़े का मीट बेचने वाले होटलों का कारोबार पिछले मार्च से मंदा है। इन्हीं सब परेशानियों के मद्देनजर बड़े के मीट कारोबारियों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल कर स्लाटर हॉउस खोलने की मांग की। इस बाबत जनवरी में कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया था। कोर्ट सरकार को कई बार फटकार भी लगा चुकी है। उसके बावजूद इस मसले पर सरकार खामोशी अख्तियार किए हुए है।

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