बजट पर योजनाबद्ध व समयबद्ध अमल हो तो बेहतर होंगे परिणाम


-अल्पसंख्यक समुदाय
गोरखपुर। उप्र सरकार ने वर्ष 2018-2019 का बजट शुक्रवार को विधानसभा में पेश कर दिया है। अल्पसंख्यकों  के विकास के लिए योजनाओं पर और खासकर मदरसा आधुनिकीकरण व अनुदानित मदरसों के मद में बड़ी रकम (2757+404+486+215 करोड़) खर्च करने का प्रस्ताव पेश किया है। अल्पसंख्यक समुदाय ने इस बजट को बेहतर व लोक लुभावन तो कहा है लेकिन अंदेशा भी जताया है कि जब तक यह बजट योजनाबद्ध व समयबद्ध तरीके से अमल में नहीं लाया जायेगा, तब तक किसी किस्म के फायदा अल्पसंख्यक समुदाय को नहीं मिलेगा।

अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के जिला महासचिव आसिफ महमूद ने कहा कि हर साल बजट तो आता है लेकिन मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत कार्यरत शिक्षकों को इसका लाभ समय से नहीं मिल पाता है। जिस वजह से शिक्षक भुखमरी के कागार पर पहुंच जाते है। सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण की बात तो जरूर करती है लेकिन जरूरी संसाधन मुहैया नहीं करा पाती। उम्मीद है कि इस बजट को सरकार समय से अमल में लाएगी, तभी इसका बेहतर परिणाम सामने आयेगा। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का दो साल से मानदेय नहीं मिला है। उस पर भी सरकार को गौर करना चाहिए। वहीं अल्पसंख्यक के कल्याण के लिए योजनाएं बेहद कम है। अल्पसंख्यकों को देने के लिए सरकार के पास छात्रवृत्ति व सामूहिक विवाह योजना ही है। इसके अलावा कुछ नहीं है। अल्पसंख्यकों के विकास के लिए नई योजनाओं की भी दरकार है।


दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद के इमाम व मदरसे के प्रधानाचार्य मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि मदरसे सरकारी अनुदान व चंदे पर चलते है। सरकार द्वारा जारी बजट से मदरसों को फायदा होगा व खुशहाली आयेगी, बशर्ते की नेक नियत से बजट खर्च किया जाए। सरकार को अल्पसंख्यक समुदाय के हितार्थ नई योजनाएं भी चलानी चाहिए ताकि अल्पसंख्यक समुदाय समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके। प्रदेश के प्रत्येक मदरसे को कम्यूटर व दक्ष शिक्षक मुहैया कराया जाए ताकि मदरसे के बच्चे कम्पयूटर का ज्ञान हासिल कर सके।

मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के मीडिया प्रभारी मोहम्मद आजम ने बजट का स्वागत किया है साथ ही उन्होंने सरकार से अल्पसंख्यकों के विकास एवं कल्याण के लिए संचालित रोजगार ऋण योजना, व्यवसायिक शैक्षणिक ऋण योजना, युवाओं को तकनीकी दक्ष बनाने की योजनाएं पुन: चालू करनी की मांग भी उठायी है। उन्होंने कहा कि मदरसा आधुनिकीरण के लिए इस साल के बजट में 404 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। बजट हर साल जारी होता है  लेकिन समय पर खर्च नहीं होता। वहीं अनुदानित मदरसों के लिए सरकार ने दरियादिली दिखायी है लेकिन जांच के नाम पर मदरसों का शोषण भी बंद होना चाहिए। सरकार मदरसों का बजट सही तरीके से इस्तेमाल करे तो बेहतर नतीजे मिलेंगे।


मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर गोरखनाथ के प्रधानाचार्य मौलाना नूरूज्ज़मा मिस्बाही ने बजट को अल्पसंख्यकों के लिए फायदेमंद बताया है। उन्होंने कहा कि बजट योजनाबद्ध व समयबद्ध तरीके से खर्च होगा तभी अल्पसंख्यकों को इसका फायदा होगा। मदरसा आधुनिकीकरण व मदरसा अनुदान योजना में सरकार का बजट हमेशा बेहतर रहा है।  सरकार ने मदरसों का हित ध्यान में रखकर यह बजट पेश किया है।


बजट हाईलाइट
-प्रदेश में अल्पसंख्यकों के विकास एवं कल्याण की योजनाओं के लिए 2 हजार 757 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित
-अरबी-फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण की योजना हेतु 404 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित
-अरबिया पाठशालाओं को अनुदान हेतु लगभग 486 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित
-स्थायी मान्यता प्राप्त आलिया स्तर के 246 अरबी-फारसी मदरसों को अनुदान हेतु 215 करोड़ रुपये की व्यवस्था

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