कुरआन और अहले बैत का दामन थाम लो गुमराह नहीं होगे

गोरखपुर। मस्जिद गाजी रौजा मंे जिके्र शोहदाए करबला मजलिस में मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि नबीए करीम ने एक अहम खुत्बा हज्जतुल विदा मंे अर्फा के दिन हजारों साहाबा (पैगम्बर साहब के साथी) के सामने बयान फरमाया था जिसे सुनने तिर्मिजी हदीस की मशहूर किताब में रिवायत किया गया है कि पैगम्बर साहब ऊंट कसवा पर खुत्बा पढ़ रहे थे। आपको फरमाते सुना ऐ लोगों मैंने तुममें वह चीज छोड़ी है कि जब तक तुम उनको थामे रहोगे, गुमराह न होगे। अल्लाह की किताब और मेरी इतरत यानी अहले बैत (पैगम्बर के घर वाले)। इस हदीस पाक में भी सरकारे दो आलम ने खुद इरशाद फरमाया कि अगर तुम हिदायत चाहते हो और गुमराही और जलालत से अपने आपकों दूर रखना चाहते हो तो अहले बैत का दामन थाम लो, कभी गुमराह नहीं होगें। मस्जिद के पेश इमाम हाफीज रेयाज अहमद ने मजलिस की शुरूआत कुरआन पाक की तिलावत से की तत्पश्चात् नात शरीफ हाफीज रहमत अली ने पेश की। हाफीज रेयाज ने बताया कि एक हदीस मे है कि पैगम्बर साहब ने इरशाद फरमाया कि जो शख्स अहले बैत से बुग्ज रखता है वह मुनाफिक है। और इरशाद फरमाया कोई बन्दा-ए-मोमिने कामिल नहीं हो सकता यहां तक कि मैं उसको उसकी जान से ज्यादा प्यारा ना हो जाऊं और मेरी औलाद उसको अपनी जान से ज्यादा प्यारी ना हो जाये और मेरे अहले उसको अपने अह्ल से ज्यादा महबूब न हों और मेरी उम्मत उसको अपनी जात से ज्यादा महबूब ना हो। पैगम्बर साहब ने फरमाया अपनी औलाद को तीन बातें सिखाओ। अपने नबी की उल्फ़त व मुहब्बत। अह्ले बैत अतहार की उल्फत व मुहब्बत। कुरआने करीम की किऱ्अत। एक और हदीस में इरशाद फरमाया पैगम्बरे खुदा ने कसम है उस जात की जिसके दस्ते कुदरत में मेरी जान है जिसने मेरे अह्ले बैत से बुग़्ज रखा खुदावन्द उसको दोजख में डालेगा। एक जगह इरशाद फरमाया जो लोग हौजे कौसर पर पहले आएंगे वह मेरे अह्ले बैत होंगे। जब तक मुसलमानेां के हाथों में कुरआन हकीम और अह्ले बैत अतहार का दामन रहा वह कभी गुमराह और रूसवा नहीं हुए बल्कि हमेशा फतह व कामरानी उनके कदम चूमती रही। लेकिन जैसे ही मुसलमानों ने उन दोनों के दामन से अपनी वाबस्तगी छोड़ी हर जगह जिल्लत व रूसवाई उनके सामने आते चली गयी। मजलिस में ताबिश सिद्दीकी, दबीर सिद्दीकी, सेराज अहमद, शहबाज अहमद, मोहम्मद जकी, खुर्शीद अहमद, अशरफ राइनी, औंरगजेब सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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