अमीनाबाद सरीखा नजारा शाहमारूफ बाजार गोरखपुर
गोरखपुर।
रमजान माह हर तरफ नूरानी शमां लिये आता है। यह नूरानियत ईद तक बदस्तूर जारी रहती है। रमजान की आमद पर जहां इबादतगाहें गुलजार होती है और खुदा की रजा में बंदे लगे रहते है। उसी तरह ईद की खुशियां मनाने के लिए भी खासा ऐहतमाम किय जाता है। क्योंकि ईद खुशी का पैगाम लाती है। वैसे तो रमजान के आमद से ही खरीदारी शूरू हेा जाती है। कुर्ता पैजामा, शर्ट पैंट, सलवार सूट के कपड़े पहले से खरीद लिये जाते है। क्योंकि दर्जीयों के पास इतना ज्यादा आर्डर आ जाता है। की समय से कपड़ा मिलना मुश्किल हो जाता हैं । इसलिए रमजान शुरू होते ही कपड़े सीलने के लिए दे दिये जाते है। 15 रमजान के बाद तो दर्जी कपड़ा लेने से मना कर देते हे। लेकिन रेडीमेड कपडों की बिक्री चांद रात तक चलती रहती है। आइये हम लिये चलते है उन जगहों पर जो रमजान की खरीदारी के लिए मशहूर है जहाॅं हर रेंज वैराइटी व बजट में फिट आने वाली चीजें मिल जायेंगी।
लखनऊ के अमीनाबाद सरीखा जैसा नजारा जनपद के शाहमारूफ बाजार मे 20वीं रमजान से शुरू हो जाता है। अगर इस बाजार को हम गोरखपुर का अमीनाबाद कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। रेतीरोड मदीना मस्जिद से लगायत शाहमारूफ, धंटाघर, गीता प्रेस एक दूसरे से सटे हुये। ईद की ज्यादातर खरीदारी लोग यहीं से करना पसंद करते है। क्योंकि यहां गोलघर की अपेक्षा कपड़े सस्ते व बजट में मिल जाते है। अब हम बात करते है शाहमारूफ बाजार की जहाॅ हमेशा चहलपहल बनी रहती है लेकिन रमजान की आमद पर यहां का नजारा देखते ही बनता है। 20वीं रमजान के बाद यहां लगने वाला बाजार बरबस ही लोगों को अपनी ओर अकर्षित करता है। हर किस्म की दुकानें रेडीमेड कुर्ता पैजामा से लेकर बर्तन तक आपकों उचित रेट में मिल जायेगा। शाम होते यह मार्केट खचाखच भीड़ से पट जाता है। तिल रखने की जगह नहीं बचती है। ऐसा महसूस होता कि अमीनाबाद में आ गये है। इस मार्केट खास तौर पर ईद के लिये सजाया जाता है। लेकिन यहां हर मजहब, अमीर गरीब की यह पसंदीदा मार्केट बन जाती है। सभी कुछ ने कुछ खरीदना चाहते है। मार्केट में रेडीमेड कपड़े, जूता चप्पल, प्लास्टिक के बर्तन,शीशे के सामान, टोपी, इत्र, आटोफिशियल ज्वैलरी, बेल्ट, चश्मा, चूड़ी, सजावट के लिये प्लास्टिक के फूल उचित मूल्य पर मिल जायेगें। दुकानदार भी इस दिन का इंतेजार करते है कि अपना बचा स्टाक खत्म कर लिया जाये।
सुबह दुकान खुुलती है तो देर रात तक चलती रहती है ।
चांद रात वाले दिन तो यहाॅं की फिजा ही बदली बदली रहती है। सारे सामानों के दामों काफी छुट मिलती है।दुकानदार अपना सारा सामान निकालने के चक्कर में रहते है। पूरी रात यह सिलसिला चलता रहता है। पता ही नहीं चलता है कि रात कब खत्म हो गयी। इसी तरह का नजारा जाफरा बाजार, गोरखनाथ, छाया टाकीज के पास नजर आता है। वहाॅं भी खरीददारों की भीड़ लगी रहती है। ईद की आमद बस होने वाली है। ऐसे में उक्त बाजारों की रौनक बढ़ गयी है।
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