हर रात इबादत में गुजारने का आसान नुस्खा

हर रात इबादत में गुजारने का आसान नुस्खा अल्लाह की खुशनुदी के ख्वाहिशमंदों ! हो सके तो सारा साल हर रात में कुछ न कुछ नेक अमल जरूर कर लेना चाहिए। कि न जाने कब शबे कद्र हो जाए। हर रात में दो फर्ज नमाजें आती है। मगरिब इशा कम अज कम इन दोनों नमाजों की जमाअत का तो खूब ही एहतिमाम होना चाहिए। कि अगर शबे कद्र में इन की जमाअत नसीब हो गई तो बेड़ा पार है। बल्कि रोजना ऐशा फज्र की जमाअत भी खुसूसियत के साथ आदत डाल लीजिए। सही मुस्लिम शरीफ की हदीस में है कि पैगम्बर साहब का फरमान है जिसने ऐशा की नमाज बा जमात पढ़ी उसने गोया आधी रात कियाम किया। और जिसने फज्र की नमाज बा जमाअत अदा की गोया पूरी रात कियाम किया। अल्लाह की रहमत के मतलाशियो! अगर तमाम साल यही आदते जमाअत रही तो शबे कद्र में भी इन दोनों नमाजों की जमात नसीब हो जायेगी। और रात भी सोए रहने के बावजूद भी शबे कद्र मेंतमाम रात इबादत करने का सवाब मिल जाएगा।

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