पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं - मुफ्ती अख्तर
- इस्लाम में शराब व प्रत्येक नशे वाली चीज हराम - मुफ्ती अजहर
-'महफिल-ए-सीरतुन्नबी' दर्स का 10वां दिन
गोरखपुर। पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षाओं पर मनन किया जाए तो दो बातें उनमें सबसे अहम हैं। पहली, पैगंबर-ए-इस्लाम की शिक्षाएं किसी एक देश या धर्म के लिए नहीं हैं। वह सबके लिए हैं। दूसरी, उनकी शिक्षाएं आज से डेढ़ हजार साल पहले जितनी प्रासंगिक थीं, वह आज भी प्रासंगिक हैं।
उक्त बातें गुरूवार को मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां पर 12 दिवसीय 'महफिल-ए-सीरतुन्नबी' दर्स के 10वें दिन कहीं।
उन्होंने कहा सारी मखलूक़ अल्लाह की रज़ा चाहती है और अल्लाह पैगंबर-ए-इस्लाम की रज़ा चाहता है और आप पर दुरुदों सलाम भेजता है। अल्लाह ने अपने नाम के साथ आपका नाम रखा, कलमा, अज़ान, नमाज़, क़ुरआन में, बल्कि हर जगह अल्लाह के नाम के साथ पैगंबर-ए-इस्लाम का नाम है। आपकी मोहब्बत के बग़ैर कोई मुसलमान नहीं हो सकता, क्योंकि आपकी मोहब्बत ईमान की शर्त है। पैगंबर-ए-इस्लाम ने जहां सबके साथ सही इंसाफ करना, यतीमों, गरीबों, मजलूमों, बेसहारों की मदद, पड़ोसियों के साथ नेक बर्ताव करना सिखाया। वहीं चोरी, फरेब, बेइमानी, झूठ, लालच, नफरत जैसी बुराइयों से दूर रहने की हिदायत दी।
मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि इस्लाम रहमत वाला धर्म है इसलिए व़ह हर एक चीज जो शरीर और इंसानियत के लिए घातक हो उसका सेवन करने से मना करता है। पैगंबर-ए-इस्लाम ने साफ तौर से कह दिया शराब व प्रत्येक नशे वाली चीज हराम है और मैं हर मादक/नशा वाली चीज से मना करता हूं। इस्लाम में शराब पीने-बेचने और सूद लेने-देने को हराम करार दिया गया है। अब यदि कोई मुसलमान ये दोनों काम करता है तो यह इस्लाम की गलती नहीं है। यह उसका अपना आचरण हैं। इस्लाम कहता है कि ‘जिसने भी किसी एक बेगुनाह का कत्ल किया, उसने पूरी इंसानियत का कत्ल किया।’ अब अगर कोई मुसलमान किसी बेगुनाह इंसान को कत्ल करता है तो इस्लाम का इससे कुछ लेना देना नहीं हैं बल्कि गुनाहगार कत्ल करने वाला है। आतंकवाद के खिलाफ उलेमा फतवा जारी कर चुके हैं।
मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि अल्लाह ने पैगंबर-ए-इस्लाम की बैअत को अपनी बैअत, आपकी इज्जत को अपनी इज्जत, पैगंबर-ए-इस्लाम की ख़ुशी को अपनी ख़ुशी, आपकी मोहब्बत को अपनी मोहब्बत, आपकी नाराजगी को अपनी नाराजगी क़रार दिया है। पैगंबर-ए-इस्लाम तमाम नबियों से अफ़ज़ल हैं, बल्कि अल्लाह के बाद आपका ही मर्तबा है। इस पर उम्मत एक राय है।
इस मौके पर शहनवाज अहमद, अहमद फराज, इकरार अहमद, अब्दुल अजीज, सैफ अली, मो. अजीम, कैश रजा, मो. इब्राहीम, कारी महबूब आलम, शाह आलम, शहादत हुसैन, रमजान, कुतबुद्दीन, मंजूर आलम सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
----------------------------------
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें