आज देखा जाएगा माहे सफ़र का चांद, मनाया जाएगा आला हज़रत का उर्स

गोरखपुर। दीन-ए-इस्लाम के दूसरे माह सफ़र‌ का चांद सोमवार 5 अगस्त को देखा जाएगा। अगर चांद नज़र आ गया तो मंगलवार 6 अगस्त से माहे सफ़र का आगाज़ होगा वहीं अगर चांद नहीं दिखा तो बुधवार 7 अगस्त से माहे सफ़र शुरू होगा। माहे सफ़र में देश-विदेश की अज़ीम मुक़द्दस हस्तियों जैसे सहाबी-ए-रसूल हज़रत सैयदना सलमान फारसी रदियल्लाहु अन्हु, हज़रत सैयदना इमाम हसन रदियल्लाहु अन्हु, अल्लामा फज़ले हक़ खैराबादी, आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी, हज़रत मुजद्दिदे अल्फे सानी इमाम शैख़ अहमद सरहिंदी फारूकी आदि का उर्स-ए-पाक मोहब्बत, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाता है। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर के इमाम मौलाना महमूद रज़ा क़ादरी ने बताया कि हम हर साल मुक़द्दस हस्तियों का उर्स-ए-पाक तो मना लेते हैं लेकिन उनके अज़ीम कारनामों व तालीम से नवाकिफ रहते हैं, इसलिए इस बार मुक़द्दस हस्तियों की याद में महफिल सजाकर उनके अज़ीम कारनामों व तालीमात पर रोशनी डाली जाए। उर्स-ए-पाक की महफिलों के जरिए मुक़द्दस हस्तियों की ज़िन्दगी, खिदमात व तालीमात से अवाम को रू-ब-रू करवाया जाए। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार के इमाम हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने बताया कि अवाम में यह गलतफहमी है कि माहे सफ़र में कोई अच्छा काम नहीं करना चाहिए मसलन शादी नहीं करनी चाहिए, किसी से रिश्ते की बात नहीं करनी चाहिए, नया कारोबार नहीं शुरु करना चाहिए और कोई नई चीज़ भी नहीं खरीदनी चाहिए यह सब जिहालत है। माहे सफ़र को बुरा या मनहूस मानना जिहालत है। माहे सफ़र में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें। मुक़द्दस हस्तियों की तारीख़ पढ़ें। इसाले सवाब कर खिराजे अकीदत पेश करें। मुक़द्दस हस्तियों के उर्स-ए-पाक पर मस्जिद में महफिल सजाएं, क़ुरआन ख़्वानी, फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी करें। माहे सफ़र की इन तारीखों में मनाया जाएगा उर्स-ए-पाक पहली सफ़र को हज़रत हाजी सैयद वारिस अली शाह अलैहिर्रहमां, तीन सफ़र को हज़रत इमाम अबू अब्दुल्लाह मुहम्मद हाकिम मुहद्दिस निशापुरी अलैहिर्रहमां, पांच सफ़र को उम्मुल मोमिनीन हज़रते सैयदा मैमूना रदियल्लाहु अन्हा, छह सफ़र को हज़रत अल्लामा शरीफुल हक़ अमज़दी अलैहिर्रहमां, दस सफ़र को हज़रत अबुल फैज़ सौबान जुन्नून इब्ने इब्राहीम अल मिस्री अलैहिर्रहमां, 11 सफ़र को सहाबी-ए-रसूल हज़रत सैयदना सलमान अल फ़ारसी रदियल्लाहु अन्हु, 12 सफ़र को हज़रत शाह अब्दुर्रहीम मुहद्दिस देहलवी अलैहिर्रहमां, जंगे आज़ादी के अज़ीम मुजाहिद हज़रत शाह अल्लामा फज़ले हक़ खैराबादी अलैहिर्रहमां, 13 सफ़र को हज़रत इमाम अहमद इब्ने शोएब अन नसाई अलैहिर्रहमां, 14 सफ़र को हज़रत ख़्वाजा मालिक बिन दीनार अलैहिर्रहमां, 15 सफ़र हज़रत अल्लामा अरशदुल क़ादरी अलैहिर्रहमां, 18 सफ़र को हज़रत अबू हसन सैयद अली हुजवेरी दाता गंज बख्श अलैहिर्रहमां, 23 सफ़र को हज़रत मखदूम शाह मीना मुहम्मद लखनवी अलैहिर्रहमां, 25 सफ़र को मुजद्दिदे आज़म आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी अलैहिर्रहमां, 27 सफ़र को हज़रत सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी अलैहिर्रहमां, हज़रत इमाम बदरुद्दीन महमूद अल ऐनी अलैहिर्रहमां, 28 सफ़र को हज़रत सैयदना इमाम हसन मुज्तबा रदियल्लाहु अन्हु, हज़रत मुजद्दिदे अल्फे सानी इमाम शैख़ अहमद सरहिंदी फारूकी अलैहिर्रहमां का उर्स-ए-पाक मोहब्बत, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा।

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