गोरखपुर की छह सीटों पर चार से नौ प्रतिशत वोट तय करते हार जीत का फैसला


सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर। जनपद की नौ विधानसभा सीटों में छह सीटें ऐसी हैं जहां महज चार से नौ फीसदी वोट हार जीत का फैसला करते हैं। यह आकड़े कहते हैं। बसपा ने गोरखपुर से सर्वाधिक चार सीटें निकाली थी। भाजपा ने तीन, सपा व एनसीपी ने 1-1 सीट निकालने में कामयाब हुई थी।

पिछले विस चुनाव में कैम्पियरगंज सीट पर एनसीपी के फतेह बहादुर सिंह ने सपा की चिंता यादव को 4.56 फीसद यानी 8958 वोटों से हराया था। सपा ने चिंता यादव पर दोबारा भरोसा जताया हैं वहीं भाजपा से फतेह बहादुर टिकट की उम्मीद लगाये हुए हैं। वहीं बसपा ने आनंद निषाद का टिकट काट उनकी पत्नी अर्चना निषाद को प्रत्याशी बनाया हैं। पीस पार्टी गठबंधन ने मोहम्मद मोईनुद्दीन उर्फ चांद भाई को टिकट दिया।

बात करते हैं चिल्लूपार की तो यहां से बसपा के राजेश त्रिपाठी ने सपा के सीपी चंद को 5.57 फीसदी यानी 11153 वोटों से पराजित किया था। इस बार वर्तमान विधायक ने दल बदल लिया हैं। भाजपा से टिकट की आस हैं।वहीं सपा से राजेन्द्र सिंह पहलवान मैदान में हैं। बसपा ने विनय शंकर तिवारी को उतारा हैं वहीं तीसरे स्थान पर रही हरिशंकर तिवारी की पार्टी ने बसपा का समर्थन करने का ऐलान किया हैं। पीस पार्टी गठबंधन ने योगेश मणि तिवारी को उतारा हैं।

बांसगांव(सु)  से बसपा के डा. विजय कुमार ने सपा की शारदा देवी को 5.54 फीसद यानी 8346 वोटों से मात दी थीं। बसपा ने डा. विजय का टिकट काट धर्मेंद्र कुमार तो सपा के अखिलेश गुट ने शारदा देवी और शिवपाल गुट सुमन पासवान को मैदान में उतारा हैं। कांग्रेंस व बसपा के पत्ते खुलने बाकी हैं।

सहजनवां विधानसभा क्षेत्र से बसपा के राजेन्द्र  ने भाजपा के अश्वनी को 7.05 फीसद यानी 12691 वोटों  से चित किया था। बसपा ने राजेन्द्र का टिकट काट पनियरा के जीएम सिंह को टिकट दिया। वहीं सपा ने यशपाल रावत को टिकट दिया।कांग्रेस व भाजपा अभी खामोश हैं। पीस पार्टी गठबंधन ने एडवोकेट शिवाजी सिंह को टिकट दिया हैं।

खजनी में भाजपा के संत प्रसाद ने बसपा के रामसमुझ को 5.72 फीसद यानी 9436 वोटों से हराया था। इस बार बसपा ने राजकुमार, सपा ने रुपावती बेलदार को उतारा हैं।

मुस्लिम-निषाद बाहुल्य गोरखपुर ग्रामीण में भाजपा के विजय बहादुर यादव ने सपा के जफर अमीन डक्कू को 9.04 फीसद यानी 16985 वोटों से मात दी थी।इस बार विजय बहादुर यादव भाजपा को बॉय करके सपा से टिकट हासिल कर चुके हैं। बसपा ने राजेश पांडे तो पीस पार्टी गठबंधन ने डा. संजय निषाद को मैदान में उतारा हैं।

चौरी चौरा में बसपा के जेपी निषाद ने सपा के अनूप कुमार पांडे को 12.14 फीसद यानी 20601 वोटों से हराया था। बसपा ने जेपी पर दोबारा भरोसा जताया है। वहीं सपा के अखिलेश गुट ने मनुरोजन यादव व शिवपाल गुट ने ने दुर्गेश यादव को उम्मीदवार बनाया हैं। पीस पार्टी गठबंधन ने देवेंद्र प्रताप सिंह को उतारा हैं।

गोरखपुर शहर में भाजपा के डा. राधा मोहन दास ने सपा की राजकुमारी देवी को 28.76 फीसद यानी 47454 वोटों से हराया था। डा. राधा मोहन ने गोरखपुर-बस्ती में सर्वाधिक मार्जिन से वोट जीतने वाले प्रत्याशी बने थे। सपा ने राहुल गुप्ता तो बसपा ने जनार्दन चौधरी को उतारा हैं।भाजपा से डा. राधा मोहन को चौथी बार टिकट मिलना तय हैं।

पिपराईच विधानसभा क्षेत्र से सपा की राजमति ने बसपा के जितेन्द्र को 17.82 फीसद यानी 35635 वोटों से हराया था। राजमति गोरखपुर-बस्ती मंडल पर सर्वाधिक वोट प्राप्त करने वाली प्रत्याशी बनी थी। सपा ने तीसरी बार उन पर भरोसा जताया वहीं बसपा ने आफताब आलम को मौका दिया हैं।

आंकड़ों के मद्देनजर यह कहा जा सकता हैं कि गोरखपुर की नौ विधानसभा सीट की छह सीट ऐसी हैं जहां लड़ाई कड़ी होती हैं। जीत हार का मार्जिन कम होता हैं। इस बार के चुनाव में काफी फेरबदल हुआ हैं। भाजपा के गो.ग्रामीण विधायक सपा में तो वहीं बसपा के चिल्लूपार से विधायक भाजपा में हैं। बसपा ने सहजनवां व बांसगांव के विधायकों का टिकट काट दिया हैं। बसपा के पनियरा के  विधायक को सहजनवां से चुनाव लड़ाया जा रहा हैं। एनसीपी के कैंपियरगंज के विधायक भाजपा खेमे में हैं।  भाजपा के पत्ते खुलने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो जायेगी कि किस पार्टी में है दम सीट निकालने। किस के बीच होगी सत्ता की असली जंग।

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