पिपराइच : कांग्रेस को 1985 के बाद तो भाजपा को 1991 के बाद नहीं मिला जनता का साथ


-पिपराइच विधानसभा क्षेत्र

-1991 में सिर्फ एक बार खिला कमल
-निर्दल ने लगातार तीन बार दर्ज की जीत

सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर। पिपराईच विधानसभा क्षेत्र में निषाद, सैथवार, मुस्लिम व यादव  वोटर बहुसंख्यक हैं। इस सीट पर किसी दल का कब्जा मुसलसल नहीं रहा हैं।  यहां वर्ष 1991 में भाजपा के लल्लन प्रसाद त्रिपाठी जीते थे। भाजपा को यहां की जनता ने केवल एक बार ही मौका दिया। वहीं कांग्रेस चार बार जीती। तीन बार निर्दल ने तो एक बार बसपा ने भी जीत हासिल की। यहां सीट कभी निर्दल तो कांग्रेस, बसपा, जेएनपी, जेडी, एसएसपी की हुई। यानी यहां की जनता बदलाव पसंद भी रही हैं।तभी तो सभी दलों को मौका दिया। पिछले  2011 से यह सीट सपा के पास हैं। पिछले चुनावों की बात करें तो पिपराइच में विगत दो बार से समाजवादी पार्टी निषाद- मुस्लिम और यादव के वोटों से चुनाव जीतती आ रही है और अभी भी ये सीट समाजवादी पार्टी के कब्जे में हैं। हालांकि सपा प्रत्याशी ने पिछली बार पति की मौत से उपजे सहानुभूति लहर का बेहतर उपयोग कर विजय हासिल की थी। शुरू से ही धनबल से चुनाव प्रभावित करने वाला क्षेत्र पिपराइच हमेशा सुर्खियों में रहा है। पहले ये क्षेत्र कई चुनावों में जितेंद्र जायसवाल उर्फ पप्पू भैया के  लिए मशहूर रहा है और हमेशा से विजयश्री उनके कदम चूमती रही थी। अब उसी तर्ज पर पिपराइच विधान सभा के विभिन्न इलाकों में इस बार धनबल के साथ भावनाओं की जंग चल रही है। यहां से घोषित बसपा प्रत्याशी आफताब आलम जहां धनबल पर चुनाव जीतने की फिराक में है तो वहीं सपा की प्रत्याशी अपने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विकास कार्यों व जनता की भावनाओ की मदद से चुनावी बेड़ा पार लगाने की कोशिश में है। इसके अलावा अन्य दलों में भाजपा का टिकट न होने से इसके स्वघोषित तीन उम्मीदवार भी मैदान में जोरदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। हत्या के अभियोग की सजा काट रहे पूर्व मंत्री जितेन्द्र कुमार जयसवाल उर्फ पप्पू भईया की पत्नि कमल चाहती हैं वहीं यहां योगी समर्थक महेन्द्र पाल समेत कई दावेदार और भी हैं। सपा खेमें की राजमति निषाद पर सीट बरकरार रखने का दबाव हैं। महिला मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं। सपा प्रत्याशी को महिला मतदाताओं से भी काफी आस हैं।

मतदाता- 386028
पुरुष - 214150
महिला - 171843
थर्ड जेंडर - 35
मतदान -  छठवां चरण -
4 मार्च
मतगणना - 11 मार्च

पिपराइच के विधायक
2012 - सपा - राजमति निषाद
2011 - सपा - बाई पोल - राजमति निषाद
2007- बसपा - जमुना निषाद
2002/1996/1993 - निर्दल - जितेन्द्र कुमार जयसवाल
1991 - भाजपा- लल्लन प्रसाद त्रिपाठी
1989 - जेडी - केदारनाथ सिंह
1985 - कांग्रेस- सैयद जावेद अली
1980- कांग्रेस (यू)- केदारनाथ सिंह
1977- जेएनपी- मधुकर दीघे
1974- बीकेडी-मधुकर दीघे
1969- एसएसपी- हरी प्रसाद शाही
1967-एसएसपी- मधुकर दीघे
1962/1957- कांग्रेस- अक्षयबर सिंह
1957 - कांग्रेस - राम सूरत

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