उम्माहातुल मोमिनीन (मोमिनीनों की माएं) : उम्महातुल मोमिनीन (ईमान वालों की माएं) के फ़ज़ाइले मुबारका, हयाते मुक़द्दसा पर New Seerat Series "फ़ैज़ाने उम्महातुल मोमिनीन" "MOTHERS of the BELIEVERS" Faizan-e-Hazrat Khadija tul Kubra Radi'Allahu Anha Part 001
वह खुशनसीब ख़्वातीन जिन्हें पैगंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने शरफे ज़ौजियत से नवाज़ा, कुरआने करीम ने उन्हें मोमिनों की माएं करार दिया है। छह उम्महातुल मोमिनीन कुरैश के ऊंचे घरानों की चश्मो चराग थीं।
जिनके अस्माए गिरामी यह हैं - हज़रते ख़दीजा बिन्ते ख़ुवैलिद, हज़रत आयशा बिन्ते अबू बक्र सिद्दीक, हज़रते हफ़्सा बिन्ते फ़ारूक़, हज़रते उम्मे हबीबा बिन्ते अबू सुफियान, हज़रते उम्मे सलमा बिन्ते अबू उमय्या, हज़रते सौदा बिन्ते ज़मअ़ा।
चार का ताल्लुक कबीला-ए-कुरैश से नहीं था बल्कि अरब के दूसरे कबाइल से ताल्लुक रखती थीं, वह यह हैं - हज़रते ज़ैनब बिन्ते जहश, हज़रते मैमूना बिन्ते हारिस, हज़रते ज़ैनब बिन्ते ख़ुज़ैमा, हज़रते ज़ुवैरिया बिन्ते हारिस।
और एक गैर अरबिया थीं, बनी इस्राईल से ताल्लुक था। वह हज़रते सफ़िया बिन्ते हय्य हैं। आप कबीला-ए-बनी नुजैर से थीं।
इन 11 में से दो अज़वाजे मुतहहरात हज़रते ख़दीजा बिन्ते ख़ुवैलिद और हज़रते ज़ैनब बिन्ते ख़ुज़ैमा तो रसूले करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की हयाते जाहिरी में ही दौरे आखि़रत को कूच कर गई थीं जब कि बकिया अज़वाजे मुहहरात ने रसूले करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के बाद इंतकाल फरमाया। अल्लाह तआला ने अज़वाजे मुतहहरात को बहुत बुलंद मर्तबा अता फरमाया है।
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