उलमा बोले आतंकवादी मुसलमान नहीं, आईएस यहूदी संगठन
उर्स के मंच से आतंकवाद का विरोध
बरेली। उर्स-ए-रजवी के मंच से मंगलवार को आतंकवाद का खुल कर विरोध किया गया। फतवे का अधिकार रखने वाले कई उलमा ने साफ तौर पर इसके खात्मे की अपील करते हुए कहा कि आतंकवादी मुसलमान नहीं हैं। वे यहूदी हैं, जो मुस्लिम नाम से आतंक फैलाकर इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं।
आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के कुल के लिए इस्लामिया इंटर कालेज के मैदान में दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मौलाना अहसन रजा खां कादरी की सदारत में जलसा आयोजित किया गया। राज्यसभा सदस्य मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि आतंकवाद के नाम मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है। यह सब अमेरिका और इजराइल का खेल है। उन्होंने सवाल उठाया कि आतंकवादी बार-बार बार्डर पार करके कैसे आ जाते हैं, केंद्र सरकार सुन्नियों को इजाजत दे दे तो वह पाकिस्तान के पार्लियामेंट तक घुस कर झंडाफहरा देंगे। उन्होंने कहा कि जिसके दिल में खुदा का खौफ और नबी की मोहब्बत होगी, उसका दहशतगर्दी से नाता हो ही नहीं सकता। आईएस प्रमुख बगदादी यहूदी है, जो अमेरिका के लिए काम करता है।
इसी कड़ी मेें लंदन से आए मौलाना फरोग उल कादरी ने कहा कि आईएस जैसे खूंखार यहूदी आतंकवादी संगठन इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं। इसके साथ ही आला हजरत के मिशन और उनके काम की चर्चा करते हुए नोबेल पुरस्कार दिए जाने की मांग उठाई। आईएमसी मुखिया मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा कि आज मुल्क में हमारी नई युवा पीढ़ी को दहशतगर्दी के लिए गुमराह करने की साजिश रची जा रही है, इससे होशियार रहने की जरूरत है। खासतौर से उलमा की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस बात पर नजर रखें कि नौजवान लड़के भटकने न पाएं। हुकूमत भड़काऊ भाषण करने वालों पर रोक लगाए।
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