इतनी भीड़! शुक्र है उर्स शांति से निपट गया

ट्रेनों में रही जबरदस्त भीड़ बरेली। कुल शरीफ के साथ उर्स-ए-रजवी संपन्न होने के बाद दोपहर बाद जायरीन अपने गंतव्य के लिए लौटे। बरेली जंक्शन, सिटी रेलवे स्टेशन, इज्जतनगर रेलवे स्टेशन पर अचानक भीड़ बढ़ गई। जिससे स्टेशनों पर अफरातफरी मच गई। सिटी रेलवे स्टेशन पर आरक्षण काउंटर बंद करके चार अतिरिक्त जनरल टिकट काउंटर लगाकर जायरीन को टिकट जारी किए गए। जंक्शन पर उर्स शुरू होते ही व्यवस्थाएं चौकस थीं। जंक्शन के बाहर सहायता शिविर भी खोला गया। पुराना बस अड्डा छह घंटे ठप बरेली। रोडवेज से कोई बस छह घंटे तक नहीं चली। सभी बसें सेटेलाइट से लगाई गई थीं। शाम को छह बजे के बाद ही बस स्टेशन से गाड़ियों की रवानगी शुरू हो पाई। करीब 50 से अधिक बसों को पांच बजे के बाद भी पुराना बस अड्डा आने से मना कर दिया गया। पुलिस और प्रशासन से वार्ता के बाद एक साथ 40 गाड़ियां पुराने बस अड्डे पहुंच गई। जो आधे घंटे के अंदर यात्रियों को लेकर रवाना हुई। बरेली। उर्स के दौरान शहर में जायरीनों का सैलाबा उमड़ पड़ा। रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड, प्रमुख सड़कों, गली और मोहल्ले में उर्स का कुल संपन्न होने के बाद भीड़ ऐसी निकली कि हर तरफ जाम ही जाम लग गया। शहर के तीनों रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों के टोटे पड़ गए। बस अड्डों पर बसें नहीं रहीं, जो भी बस आकर खड़ी होती, वह तुरंत ही जायरीनों से भर जाती। लोग छतों पर बैठकर रवाना हुए। भीड़ की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो गईं, सारे चौराहे जाम हो गए। लोग थोड़ी दूर का फासला भी एक घंटे में तय कर पाए। इतनी जबर्दस्त भीड़ थी कि कहीं भी दोपहिया वाहन तो अलग, पैदल चलने वालों को निकलना मुश्किल हो गया, फिर भी शुक्र है कि सब शांति से निपट गया। इससे पुलिस एवं प्रशासनिक अमले ने राहत की सांस ली। इस्लामिया कालेज और बिहारीपुर स्थित आला हजरत दरगाह तक तिल रखने को जगह नहीं थी। इससे जुड़े सारे रास्तों पर कुल शरीफ की रस्म होने तक बेतहाशा हुजूम जुटा रहा। चौपुला चौराहा, कुतुबखाना, कोहाड़ापीर, बानखाना, आलमगिरीगंज, जिला अस्पताल रोड ही नहीं प्रेमनगर और किला क्षेत्रों में भी भीड़ ही भीड़ दिख रही थी। जैसे ही दोपहर करीब पौने तीन बजे कुल की रस्म अदा हुई, वैसे ही लाखों जायरीनों ने लौटना शुरु कर दिया। इससे सभी रास्तों पर भीड़ का रेला उमड़ पड़ा। बरेली जंक्शन, सिटी और इज्जतनगर स्टेशन तथा पुराना और सेटेलाइट रोडवेज बस अड्डों की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर ट्रैफिक पूरी तरह थम गया। सेटेलाइट के समीपवर्ती सभी रास्ते भी जाम हो गए। ्भीड़ से बचने के लिए वाहन चालकों ने खुर्रम गौटिया रोड की ओर कैंट के रास्ते निकलने की कोशिश की तो वहां भी जाम लग गया। चौपुला चौराहा से सुभाष नगर थाने के सामने जंक्शन जाने वाली सड़क भी जाम हो गई। बड़ा बाजार से साहूकारा होते हुए किला की ओर निकलने वाले रास्ते में भी ट्रैफिक कंट्रोल पुलिस से बाहर हो गया। कौहाड़ापीर से कुदैशिया तक जाने वाले रास्ते में भी वाहन घंटों फंसे रहे। यह स्थिति शहर के लगभग हर चौराहे पर देर शाम तक बनी रही। चौराहों पर लगी पुलिस भी घंटों तक जाम खुलवाने में नाकाम रही। बमुश्किल लोग जाम से तब तक नहीं निकल पाए, जब तक जायरीनों की भीड़ छंट न गई। देर रात रोडवेज बसों, ट्रेनों से जायरीन वापस रवाना हुए, तब ट्रैफिक पुलिस के नियंत्रण में आ सका। उर्स के लिए प्रशासन ने पहले से ही होमवर्क किया था। इसीलिए नौ दिसंबर को प्रस्तावित मतदान की तारीख 10 दिसंबर कराई गई थी। जिलेभर का पूरा पुलिस प्रशासन व्यवस्थाओं में जुटा रहा। सभी की मेहनत रंग लाई और सब कुछ शांतिपूर्वक निपट गया। - गौरव दयाल, डीएम उर्स को शांतिपूर्ण संपन्न कराने में हिंदू-मुस्लिम अवाम ने जिस तरह आगे बढ़कर सहयोग दिया, उसके लिए वह तारीफ के काबिल हैं। उन्होंने उर्स की सफलता के लिए दरगाह प्रमुख मोलान सुब्हान रजा खां व सुब्हानी मिया और सज्जादानशीन मोलाना अहसन रजा खां की ओर से शुक्रिया अदा किया। - मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी, उर्स प्रभारी ‘उर्स-ए-रजवी को शांतिपूर्वक निपटने के लिए पूरे सिस्टम का सहयोग रहा। पुलिस के हर जवान ने पूरी मेहनत के साथ ड्यूटी निभाई। अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभाया। आम आदमी और मीडिया ने भी सिस्टम का सहयोग किया। वह खुद कुल के वक्त पूरे समय बिहारीपुर पुलिस चौकी के पास लोगों के बीच रहे।’ धर्मवीर यादव, एसएसपी

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