योगी के गढ़ गोरखपुर में बसपा रही नं. 1 पार्टी
-बसपा ने लगातार, पिछले तीन विधानसभा चुनाव में हर बार नौ में चार सीटें हासिल की
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर । सांसद योगी आदित्यनाथ के गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर में बसपा लगातार तीन विधानसभा चुनावों से शानदार प्रदर्शन कर नम्बर एक पार्टी बनी हुई हैं । उप्र विधानसभा चुनाव वर्ष 2002, 2007 व वर्ष 2012 से बसपा लगातार चार सीटें हासिल कर रही है। वहीं भाजपा का तो वर्ष 2002 में तो खाता ही नहीं खुला था।
अबकी चुनाव में बसपा ने गोरखपुर की नौ सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिसमें दो विधायक शामिल हैं। बसपा बांसगांव (सु) व सहजनवां पर तो लगातार तीन बार से जीत रही हैं। वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कौड़ीराम (रामभुआल निषाद), सहजनवां (जीएम सिंह), धुरियापार (जय प्रकाश यादव) व बांसगांव (सु) (सदल प्रसाद) से जीत हासिल की।
बात करें वर्ष 2007 की तो बसपा ने कौड़ीराम (अम्बिका सिंह), चिल्लूपार (राजेश त्रपाठी), पिपराइच (जमुना निषाद) व बांसगांव (सदल प्रसाद) से जीत हासिल की।
वहीं बसपा वर्ष 2012 के चुनाव में बांसगांव (सु) ( डा. विजय कुमार), चौरी-चौरा (जेपी निषाद), चिल्लूपार ( राजेश त्रिपाठी) व सहजनवां (राजेन्द्र सिंह) से चुनाव जीतने में कामयाब हुई थीं।
बसपा वर्ष 2007 में यहां से चार सीटें जीत कर सत्ता हासिल करने में कामयाब हुई थी। वहीं वर्ष 2012 में चार सीटें तो मिल गयी थीं लेकिन सत्ता चली गयी थी। इस बार भी बसपा का फोकस गोरखपुर की नौ सीटों पर हैं। चौरी-चौरा के विधायक जेपी निषाद पर एतबार तो किया लेकिन सहजनवां व बांसगांव के विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं। बसपा के पनियरा से वर्तमान विधायक जीएम सिंह जो वर्ष 2002 में सहजनवां सीट जीते थे उन्हें इस बार फिर से सहजनवां की जिम्मेदारी दी गयी हैं। बसपा ने नौ सीटों में एक मुस्लिम व दो निषाद को टिकट दिया हैं। गोरखपुर की नौ सीटों पर सभी जातियों के लोगों को मौका दिया गया हैं। तवज्जों तलब बात हैं कि पिछले तीन बार से विस चुनाव में गोरखपुर में नम्बर एक रहने वाली बसपा को वर्ष 2012 में गोरखपुर-बस्ती मंडल से करीब 7 सीटों का नुकसा उठाना पड़ा था। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में 15 सीटें जीतने वाली बसपा 2012 में 8 सीटों पर सिमट गयी थी। बसपा वर्ष 2007 की रणनीति पर ही चल रही हैं। पिछले चुनाव में करीब 15 से 16 ऐसी सीटें जहां बसपा दूसरे पोजिशन पर थी, इस बार पहला मुकाम हासिल करना चाहती हैं। वहीं चिल्लूपार के विधायक राजेश त्रिपाठी व गोरखपुर देहात से चुनाव लड़ने वाले राभुआल निषाद पार्टी में नहीं है। देखना दिलचस्प होगा बसपा अपना रिकार्ड बरकरार रखेगी या सीटों में और इजाफा करेगी।
वर्ष 2012 में सीट
बसपा 04
सपा 01
कांग्रेस 00
भाजपा 03
एनसीपी 01
वर्ष 2007 में सीट
बसपा 04
कांग्रेस 01
सपा 01
भाजपा 02
निर्दल 01
वर्ष 2002 में सीट
बसपा 04
सपा 02
अखिल भारतीय हिंदू महासभा 01
अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस 01
निर्दल 01
गोरखपुर की नौ सीट पर बसपा उम्मीदवार
1. कैंपियरगंज -- आनंद निषाद का टिकट कांट कर उनकी पत्नी अर्चना निषाद को टिकट दिया गया हैं।
2. पिपराइच -- आफताब आलम
3. गो. शहर -- जनार्दन चौधरी
4. गो. देहात -- राजेश पांडे
5. सहजनवां -- जीएम सिंह
6. खजनी (सु) -- राजकुमार
7. चौरी-चौरा -- जेपी निषाद
8. बांसगांव (सु) -- धर्मेंद्र कुमार
9. चिल्लूपार -- विनय शंकर तिवारी
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