गोरखपुर-बस्ती मंडल की चार सीटों से हर बार जीतते मुस्लिम उम्मीदवार
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर। बसपा व सपा में मुस्लिम उम्मीदवार खड़े करने की होड़ मची हुई हैं। पिछले तीन चुनाव की अगर बात करें तो यहां कि 41 सीटों में 4 मुस्लिम उम्मीदवार जरुर जीतते हैं। डुमरियागंज सीट पर तो हर बार मुस्लिम उम्मीदवार जीतता हैं इसीलिए तो ओवैसी व पीस पार्टी की इस सीट पर खास नजर हैं। इस फेहरिस्त में खलीलाबाद, रामपुर कारखाना, मेंहदावल को भी शुमार किया जा सकता है। सपा की पिछली जारी लिस्ट के मुताबिक चार मुस्लिम उम्मीदवारों पर ही भरोसा जताया गया हैं। जिसमें दो तो पार्टी के और एक दल बदल कर आने वाले विधायक शामिल हैं। मुस्लिम उम्मीदवार में डुमरियागंज से मलिक कमाल युसुफ, पथरदेवा से शाकिर अली, फाजिलनगर से इलियास अली व रामपुर कारखाना से गजाला लारी शामिल है। वहीं सपा से बढ़कर बसपा ने दोनों मंडलों में सात मुसलमानों को मौका दिया हैं । पिपराईच से आफताब आलम, पडरौना से जावेद इकबाल, नौतनवां से एजाज अहमद खान, शोहरतगढ़ से मोहम्मद जमील सिद्दीकी, इटवा से अरशद खुर्शीद, डुमरियागंज से सैयदा खातून, खलीलाबाद से मशहूर आलम चौधरी को टिकट दिया गया हैं। कांग्रेस के टिकट कतार में भी कई मुस्लिम उम्मीदवार हैं लेकिन गठबंधन के पेंच ने सब कशमकश में हैं। वहीं पीस पार्टी व एआईएमआईएम को संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर की कई सीटों पर उम्मीद हैं। दोनों पार्टियों ने कई रैलियां भी की हैं।
उप्र की सियासत में मुसलमान अहम भूमिका में नजर आ रहा हैं तभी तो बसपा सुप्रीमों अल्पसंख्यकों से एकतरफा बसपा के पक्ष में मतदान करने को कह रही हैं। मुलायम सिंह यादव भी बयान दे चुके हैं। रालोद व एआईएमआईएम के गठबंधन की सुगबुगाहट भी हैं। माना जाता हैं कि पूर्वांचल के गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों की 41 सीटों में से 13 सीटों पर मुस्लिम वोटरों का खास प्रभाव हैं। सभी दलों की निगाहें शोहरतगढ़, बांसी, इटवा, डुमरियागंज, मेंहदावल, खलीलाबाद, पनियरा, गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच, फाजिलनगर, कुशीनगर, पथरदेवा, रामपुर कारखाना मुस्लिम बाहुल्य इलाकों पर लगी हुई है। दीगर कि 41 सीटों में पिछले तीन चुनाव में चार मुस्लिम उम्मीदवार विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहते हैं जो मुस्लिम वोटरों की संख्या देखते हुए बेहद कम हैं।
वर्ष 2002 में डुमरियागंज से सपा के कमाल युसुफ मलिक, मेंहदावल से भी सपा के अब्दुल कलाम, गौरी बाजार से सपा के शाकिर लारी व सलेमपुर से बसपा की गजाला लारी ने जीत हासिल की। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में डुमरियागंज से बसपा के तौफीक अहमद, मेहंदावल से सपा के अबुल कलाम, सलेमपुर से सपा के गजाला लारी व khesraha से बसपा के मोहम्मद ताबिश खान चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में चार मुस्लिम विधायक चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। डुमिरयागंज से पीस पार्टी के मलिक कमाल युसुफ ने जीत हासिल की थी। फिलहाल वह पार्टी छोड़ चुके है। वहीं खलीलाबाद से पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अयूब,पथरदेवा से सपा के शकिर अली व रामपुर कारखाना से सपा की चौधरी गजाला लारी ने जीत हासिल की थीं। पिछले चुनाव में दोनों मंडलों की सात ऐसी सीटें भी थी जहां मुस्लिम उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे थे। अन्य दलों के साथ पीस पार्टी, एआईएमआईएम की इन्हीं सीटों पर पैनी निगाह हैं। यहीं से दोनों पार्टियाें के लिए सीट निकलने की उम्मीद है। हालांकि पीस पार्टी ने गोरखुपर ग्रामीण दो छोटे दलों से गठबंधन कर डा. संजय निषाद को प्रत्याशी बनाया है। पिछले बार इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा था। कुछ इसी तरह की स्थिति अन्य मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में बनती नजर आ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी ने दोनों मंडलों में दो सीट ही नहीं निकाली बल्कि सपा व बसपा के वोटों में सेंधमारी भी की। कुछ सीटों पर सपा जीती हुई बाजी भी हार गयी।
पिछले विधानसभाचुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडल की सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों की स्थिति
1. गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा जफर अमीन डक्कू सपा दूसरा स्थान
2. पिपराइच दिलदार हुसैन बसपा चौथा स्थान
3. शोहरतगढ़ मुमताज अहमद बसपा दूसरा स्थान
4. बांसी मोहम्मद सरवर पीस पार्टी चौथा स्थान
5. इटवा मोहम्मद मुकीम कांग्रेस तीसरा स्थान
6. डुमरियागंज सैयदा खातून बसपा दूसरा स्थान
7. मेंहदावल मो. तैयब बसपा तीसरा स्थान
8. खलीलाबाद मशहूर आलम चौधरी बसपा तीसरा स्थान वहीं सपा के अबुल कलाम चौथे स्थान पर रहे
9. पनियरा तलत अजीज कांग्रेस चौथा स्थान
10. फाजिलनगर कमालुद्दीन बसपा दूसरा स्थान
11. कुशीनगर जावेद इकबाल बसपा दूसरा स्थान
12. पथरदेवा नियाज खान निर्दल तीसरा स्थान
गोरखपुर। बसपा व सपा में मुस्लिम उम्मीदवार खड़े करने की होड़ मची हुई हैं। पिछले तीन चुनाव की अगर बात करें तो यहां कि 41 सीटों में 4 मुस्लिम उम्मीदवार जरुर जीतते हैं। डुमरियागंज सीट पर तो हर बार मुस्लिम उम्मीदवार जीतता हैं इसीलिए तो ओवैसी व पीस पार्टी की इस सीट पर खास नजर हैं। इस फेहरिस्त में खलीलाबाद, रामपुर कारखाना, मेंहदावल को भी शुमार किया जा सकता है। सपा की पिछली जारी लिस्ट के मुताबिक चार मुस्लिम उम्मीदवारों पर ही भरोसा जताया गया हैं। जिसमें दो तो पार्टी के और एक दल बदल कर आने वाले विधायक शामिल हैं। मुस्लिम उम्मीदवार में डुमरियागंज से मलिक कमाल युसुफ, पथरदेवा से शाकिर अली, फाजिलनगर से इलियास अली व रामपुर कारखाना से गजाला लारी शामिल है। वहीं सपा से बढ़कर बसपा ने दोनों मंडलों में सात मुसलमानों को मौका दिया हैं । पिपराईच से आफताब आलम, पडरौना से जावेद इकबाल, नौतनवां से एजाज अहमद खान, शोहरतगढ़ से मोहम्मद जमील सिद्दीकी, इटवा से अरशद खुर्शीद, डुमरियागंज से सैयदा खातून, खलीलाबाद से मशहूर आलम चौधरी को टिकट दिया गया हैं। कांग्रेस के टिकट कतार में भी कई मुस्लिम उम्मीदवार हैं लेकिन गठबंधन के पेंच ने सब कशमकश में हैं। वहीं पीस पार्टी व एआईएमआईएम को संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर की कई सीटों पर उम्मीद हैं। दोनों पार्टियों ने कई रैलियां भी की हैं।
उप्र की सियासत में मुसलमान अहम भूमिका में नजर आ रहा हैं तभी तो बसपा सुप्रीमों अल्पसंख्यकों से एकतरफा बसपा के पक्ष में मतदान करने को कह रही हैं। मुलायम सिंह यादव भी बयान दे चुके हैं। रालोद व एआईएमआईएम के गठबंधन की सुगबुगाहट भी हैं। माना जाता हैं कि पूर्वांचल के गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों की 41 सीटों में से 13 सीटों पर मुस्लिम वोटरों का खास प्रभाव हैं। सभी दलों की निगाहें शोहरतगढ़, बांसी, इटवा, डुमरियागंज, मेंहदावल, खलीलाबाद, पनियरा, गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच, फाजिलनगर, कुशीनगर, पथरदेवा, रामपुर कारखाना मुस्लिम बाहुल्य इलाकों पर लगी हुई है। दीगर कि 41 सीटों में पिछले तीन चुनाव में चार मुस्लिम उम्मीदवार विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहते हैं जो मुस्लिम वोटरों की संख्या देखते हुए बेहद कम हैं।
वर्ष 2002 में डुमरियागंज से सपा के कमाल युसुफ मलिक, मेंहदावल से भी सपा के अब्दुल कलाम, गौरी बाजार से सपा के शाकिर लारी व सलेमपुर से बसपा की गजाला लारी ने जीत हासिल की। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में डुमरियागंज से बसपा के तौफीक अहमद, मेहंदावल से सपा के अबुल कलाम, सलेमपुर से सपा के गजाला लारी व khesraha से बसपा के मोहम्मद ताबिश खान चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में चार मुस्लिम विधायक चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे। डुमिरयागंज से पीस पार्टी के मलिक कमाल युसुफ ने जीत हासिल की थी। फिलहाल वह पार्टी छोड़ चुके है। वहीं खलीलाबाद से पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अयूब,पथरदेवा से सपा के शकिर अली व रामपुर कारखाना से सपा की चौधरी गजाला लारी ने जीत हासिल की थीं। पिछले चुनाव में दोनों मंडलों की सात ऐसी सीटें भी थी जहां मुस्लिम उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे थे। अन्य दलों के साथ पीस पार्टी, एआईएमआईएम की इन्हीं सीटों पर पैनी निगाह हैं। यहीं से दोनों पार्टियाें के लिए सीट निकलने की उम्मीद है। हालांकि पीस पार्टी ने गोरखुपर ग्रामीण दो छोटे दलों से गठबंधन कर डा. संजय निषाद को प्रत्याशी बनाया है। पिछले बार इस सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा था। कुछ इसी तरह की स्थिति अन्य मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में बनती नजर आ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी ने दोनों मंडलों में दो सीट ही नहीं निकाली बल्कि सपा व बसपा के वोटों में सेंधमारी भी की। कुछ सीटों पर सपा जीती हुई बाजी भी हार गयी।
पिछले विधानसभाचुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडल की सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों की स्थिति
1. गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा जफर अमीन डक्कू सपा दूसरा स्थान
2. पिपराइच दिलदार हुसैन बसपा चौथा स्थान
3. शोहरतगढ़ मुमताज अहमद बसपा दूसरा स्थान
4. बांसी मोहम्मद सरवर पीस पार्टी चौथा स्थान
5. इटवा मोहम्मद मुकीम कांग्रेस तीसरा स्थान
6. डुमरियागंज सैयदा खातून बसपा दूसरा स्थान
7. मेंहदावल मो. तैयब बसपा तीसरा स्थान
8. खलीलाबाद मशहूर आलम चौधरी बसपा तीसरा स्थान वहीं सपा के अबुल कलाम चौथे स्थान पर रहे
9. पनियरा तलत अजीज कांग्रेस चौथा स्थान
10. फाजिलनगर कमालुद्दीन बसपा दूसरा स्थान
11. कुशीनगर जावेद इकबाल बसपा दूसरा स्थान
12. पथरदेवा नियाज खान निर्दल तीसरा स्थान
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