पूर्वांचल में विकास से इतर बहती जातिवाद की बयार

पूर्वांचल की राजनीति पर रिपोर्ट

सैयद फरहान अहमद

गोरखपुर। उप्र विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है पार्टियों में गहमागहमी तेज हो गयी है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गयी है। जिताऊ उम्मीदवार के चयन में भाजपा व कांग्रेस लगी हुई है। बसपा न कुछ सीटों पर टिकट बहुक पहले से तय किए हुए है। बसपा की फाइनल सूची जारी होनी शुरु हो गई
हैं। बसपा ने 2007 के विस चुनाव की तरह इस बार भी  मुस्लिम-दलित-ब्राहमण कार्ड खेला हैं।   सपा की तो कई लिस्ट जारी हो चुकी हैं। पूर्वांचाल में चुनावी हलचल तेज है। पूर्वांचल खास कर गोरखपुर-बस्ती मंडल का क्षेत्र महंगाई, शिक्षा, बिजली, स्वास्थय, सड़क, भ्रष्टाचार, कानून, बेरोजगारी व गरीबी से जूझ रहा है। लेकिन चुनाव में यह कभी मुद्दा नहीं बनते। गन्ना बेल्ट होते हुए बंद होती चीनी मिले, आखिरी सांसे लेता हथकरघा को कभी भी चुनाव का मुद्दा बनते देखा गया। यहां हिन्दुत्व, राममंदिर जैसे विवादित मुद्दे भी परवान नहीं चढ़ते। यहां चुनाव मुद्दे के इतर लड़े जाते है। जातीय समीकरण काफी हद तक हावी रहता है। दलित, ब्राहमण, क्षत्रिय, ठाकुर, मौर्य, निषाद, मुस्लिम बाहुल्य जातीय विविधता वाला यह क्षेत्र सभी दलों की पैनी निगाह पर रहता है। पार्टियां यहां टिकट जातीय समीकरण को ध्यान में रख कर बांटती है। इसी लिए यह क्षेत्र तरक्की की राह पर गति नहीं पकड़ सका। भाजपा ने एम्स व नया खाद कारखाना चालू कराकर कुछ हद तक पूर्वांचल को खुश करने की कोशिश की है। लेकिन यह खुशी वोट में बदलती है कहना मुश्किल है। प्रदेश में कांग्रेस के शासन काल में ही विकास की गंगा चली थी। फिर वह देखने को नहीं मिली। दोनों मंडल की 41 सीटों पर जातीय ध्रुवीकरण बेहद कारगर साबित होता है। टिकटों का उलटफेर सपा में भी जारी है। भाजपा में टिकट बटने की देर है।   वहीं टिकट दिए जाने के बाद उम्मीदवारों के परिवर्तन का भी दौर भी चल रहा है। खैर। एक नजर गोरखपुर-बस्ती विधानसभा की 41 सीटों की।

गोरखपुर-बस्ती मंडल

जिला 7

विधानसभा सीटें 41 (सुरक्षित सीटें 7)

वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की स्थिति

सपा 18

बसपा 8

भाजपा 7
कांग्रेस 5
पीस पार्टी 2

एनसीपी 1

वर्ष 2007 विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की स्थिति

सपा 15

बसपा 15

भाजपा 7

कांग्रेस 4

सिद्धार्थनगर

     जिला-विजयी पार्टी

1. शोहरतगढ़ -सपा-लालमुन्नी सिंह

2. कपिलवस्तु (सुरक्षित) -सपा-विजय कुमार

3. बांसी -भाजपा-जयप्रताप सिंह

4. इटवा -सपा-माता प्रसाद पांडेय

5. डुमरियागंज -पीस पार्टी-मलिक कमाल युसूफ(पार्टी के बागी)

बस्ती

1. हरैया -सपा-राजकिशोर सिंह

2. कप्तानगंज -बसपा-राम प्रसाद चैधरी

3. रूधौली- कांग्रेस -संजय जायसवाल ( पार्टी छोड़ चुके)

4. बस्ती सदर -बसपा-जितेन्द्र कुमार चैधरी

5. महादेवा(सुरक्षित) -सपा-रामकरन आर्या

संतकबीरनगर

1. मेंहदावल- सपा-लक्ष्मीकांत निषाद

2. खलीलाबाद -पीस पार्टी -डा. मो. अयूब

3. धनघटा -सपा-अलगू प्रसाद

महराजगंज

1. फरेंदा -भाजपा-बजरंग बहादुर

2. नौतनवां -कांग्रेस-कुंवर कौशल उर्फ मुन्ना सिंह ( सपा में गए)

3. सिसवां -सपा-शिवेंद्र सिंह

4. महराजगंज (सुरक्षित) -सपा-सुदामा प्रसाद

5. पनियरा- बसपा-जीएम सिंह

गोरखपुर

1. कैंपियरगंज -एनसीपी-फतेह बहादुर सिंह ( भाजपा में गए)

2. पिपराइच -सपा-राजमती निषाद

3. गोरखपुर सदर -भाजपा-डा. राधा मोहन दास अग्रवाल

4. गोरखपुर ग्रामीण -भाजपा-विजय बहादुर यादव ( सपा में गए)

5. सहजनवां -बसपा-राजेन्द्र सिंह

6. खजनी (सुरक्षित) -भाजपा-संत प्रसाद

7. चौरी -चौरी -बसपा-जय प्रकाश निषाद

8. बांसगांव (सुरक्षित) -बसपा-डा. विजय कुमार

9. चिल्लूपार -बसपा -राजेश त्रिपाठी ( भाजपा में गए)

कुशीनगर

1. खड्डा -कांग्रेस -विजय दूबे ( पार्टी छोड़ चुके)

2. पडरौना- बसपा -स्वामी प्रसाद मौर्या ( भाजपा में गए)

3. तमकुहीराज -कांग्रेस-अजय कुमार लल्लू

4. फाजिलनगर- भाजपा-गंगा प्रसाद कुशवाहा

5. कुशीनगर -सपा-ब्रहमशंकर

6. हाटा -सपा-राधेश्याम सिंह

7. रामकोला (सुरक्षित)- सपा पूर्णमासी देहात

देवरिया

1. रूद्रपुर -कांग्रेस-अखिलेश प्रताप सिंह

2. देवरिया -भाजपा-जन्मजेय सिंह

3. पथरदेवा -सपा-शाकिर अली

4. रामपुर कारखाना -सपा-चैधरी गजाला लारी

5. भाटपारानी -सपा-आशुतोष उपाध्याय

6. सलेमपुर (सुरक्षित) -सपा-मनबोध प्रसाद

7. बरहज -सपा-प्रेम प्रकाश सिंह

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