गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा : मुस्लिम, निषाद वोट बटें न तो परिणाम चौंकाने वाले


भाजपा पर बागी विधायक व सीट सुरक्षित रखने की चुनौती

-गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा

-एआईएमआईएम,  पीस पार्टी बनी सकती हैं  बसपा, सपा, कांग्रेस का सिर दर्द

सैयद फरहान अहमद

गोरखपुर। उप्र विधानसभा चुनाव की तय तारीख के मद्देनजर  सियासी जमातों की सरगर्मियां तेज है। 4 मार्च को वोट पड़ना हैं। गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में  दिलचस्प मुकाबले के आसार हैं। अगर यहां वोट की बात करें तो यहां  393508 मतदाता है। जिसमें करीब  एक लाख मुस्लिम मतदाता है तो वहीं निषाद मतदाता 50 हजार से अधिक है। यादवों की तादाद भी 20 हजार से ज्यादा है। ऐसे में यहां जाति समीकरण अहम भूमिका रखता है। गोरखपुर ग्रामीण सीट पर मुसलमानों का वोट अहम फैसला करता है। ये अलग बात है कि इस सीट से कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं हो पाता इसकी अहम वजह वोट की तकसीम है।
इस क्षेत्र से  भाजपा बागी विधायक को हरा कर सबक भी सिखाना चाहती हैं। वहीं सीट सुरक्षित रखने का दबाव हैं। पार्टी में पन्द्रह जनवरी को टिकट घोषित होने की संभावना हैं। भाजपा बागी विजय बहादुर यादव  सपा की साइकिल पर हैं। दो बार भाजपा टिकट से सीट जीतने वाले विजय बहादुर अबकी सपा में हैं। वहीं पिछली बार बसपा से चुनाव लड़े रामभुआल भाजपा में हैं। बसपा ने राजेश पांडे को खड़ा किया हैं। वहीं पीस पार्टी व निषाद दल गठबंधन ने डा. संजय निषाद को खड़ा किया हैं। पिछले विधान सभा चुनाव की बात करें तो यहां कुल 20 उम्मीदवार थे। जिसमें 4 मुस्लिम थे। 2 निषाद थे। निषाद व मुस्लिम वोटों के बट जाने की वजह से भाजपा को जीत हासिल करने में दिक्कत नहीं हुई। भाजपा के विजय बहादुर यादव ने 58849 वोट हासिल कर सपा के जफर अमीन डक्कू को करीब 16 हजार वोटों से हराया था। तीसरे स्थान पर बसपा के राम भुआल निषाद 41338 और चौथे स्थान पर कांग्रेस की काजल निषाद को 17636 वोट मिले थे। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा से विजय बहादुर यादव चुनाव जीते थे। वहीं सपा से कमलेश पासवान दूसरी स्थान पर रहे थे।
फिलहाल हालात बदल चुके है वर्तमान विधायक विजय बहादुर सपा के टिकट से लड़ रहे है।  बसपा के राजेश पांडे भी जोर शोर से प्रचार कर रहें हैं। डा. संजय निषाद व डा. अयूब भी रोड शो व रैली कर चुके हैं। वहीं एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय सचिव भी ईद मिलन के मौके पर नौजवानों में जोश भरते नजर आयें हैं। एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की मुस्लिम नौजवानों में बढ़ती लोकप्रियता ने सपा, बसपा, कांग्रेस व पीस पार्टी  में सिरदर्द पैदा कर दिया हैं। मुस्लिम वोटों में सेंध लगाना तय हैं। निषाद वोट में भी सेंध लगने से इंकार नहीं किया जा सकता  हैं।पार्टी क्षेत्र की नौ विधानसभा पर अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी। यहां से पार्टी ने मिर्जा दिलशाद बेग को  प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन बाद में उन्हें पार्टी से निकाल दिया।
पिछले चुनाव में पीस पार्टी ने सपा के मुस्लिम वोटों में अच्छी खासी सेंध लगाकर करीब 8000 से अधिक वोट हासिल कर लिया था। अबकी बार भी पुनरावृत्ति संभव है। निषाद वोटों पर भी सबकी नजर है। ऐसे में एआईएमआईएम व पीस निषाद गठबंधन चुनाव जीते या ना जीते लेकिन सेंध जरूर लगायेंगी और भाजपा की राह हमवार करती नजर आयेंगी।

कुल मतदाता --391364
पुरुष -- 216484
स्त्री -- 174857
तृतीय लिंग -- 23

चुनाव -- छठवां चरण -- 4 मार्च / मतगणना -- 11 मार्च

इस चुनाव के उम्मीदव
सपा -- विजय बहादुर यादव
बसपा -- राजेश पांडे
पीस पार्टी गठबंधन -- डा. संजय निषाद
भाजपा टिकट दावेदार
रामभुअाल निषाद/ विपिन सिंह/रवि प्रकाश श्रीवास्तव/हरिकेश राम त्रिपाठी/  राजेश जायसवाल/ राजकुमार आल्हा/ हौंसिला सिंह/ राम शंकर जायसवाल
कांग्रेस से
14 लोग लाइन मे







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