गोरखपुर - 8 नहीं 6 मुस्लिम जोड़ों का निकाह हुआ दो रफूचक्कर



गोरखपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत चम्पा देवी पार्क में 8 नहीं 6 मुस्लिम जोड़ों का मुफ्ती वलीउल्लाह (शहर काजी) व मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने निकाह पढ़ाया। मुफ्ती अख्तर हुसैन ने बताया कि उन्हें तीन निकाह पढ़ाना था। जब एक निकाह मुकम्मल पढ़ा दिया तो दो जोड़ों की तलाश शुरु कर दी लेकिन दो जोड़ों का कहीं अता-पता नहीं चला। वहीं मेहर को लेकर भी काफी किचकिच रही। लड़का एक हजार रुपया मेहर से आगे ही नहीं बढ़ रहा था। किसी तरह तीन हजार रुपया मेहर पर निकाह हुआ। 

-मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने पढ़ाया निकाह

1. अनवर अली व मेहरुननिशा
-मुफ्ती वलीउल्लाह (शहर काजी) ने पढ़ाया निकाह

2. मिर्जा अमानत बेग व मेहनाज खातून
3. गुलाम हुसैन व रुखसाना
4. साहब अली व सकीना
5. आफताब हुसैन व इशरतजहां
6. तेजा अली व रोजिना खातून

मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर के शिक्षक मौलाना अजीम फारूकी ने कहा कि यह सरकार की बेहतरीन योजना है। जिन गरीब घरों में गुरबत की वजह से लड़के-लड़कियों की शादी करने में दुश्वारियां थी उन्हें काफी हद तक राहत मिलेगी। शादी शरीयत का बहुत आसान फरीजा है लेकिन समाज के लोगों ने इसे पेचीदा मसला बना दिया है। शरीयत में शादी के दौरान फिजूल खर्ची, दिखावा, दहेज की डिमांड को अच्छा नहीं माना गया है। ऐसे आयोजनों से गरीबों को काफी राहत मिलेगी।
वहीं प्रशासन के मुताबिक 93 ने हिन्दू रीति-रिवाज से विवाह (बिना फेरा) किया। पंडित माधव शरण त्रिपाठी तथा राजेश त्रिपाठी ने मंत्रोच्चारण के बीच विवाह कराया। प्रदेश के सिंचाई, सिंचाई यांत्रिक मंत्री धर्मपाल सिंह ने सभी जोड़ों को आर्शीवाद दिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रत्येक जोड़ों को 10 हजार रूपये तक का सामान जिसमें बर्तन, कपड़े, मोबाइल सेट, पायल, बिछिया आदि का उपहार दिया।
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दो नाबालिग लड़कियों की शादी रही चर्चा का केंद्र, प्रशासन ने दी सफाई
गोरखपुर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत गुरूवार को चंपा देवी पार्क में दो नाबालिग लड़कियों की शादी करा दी गई। लड़कियों के पास मौजूद आधार कार्ड पर यकीन करें तो वाकई लड़कियां नाबालिग है। चौरीचौरा की रहने वाली लक्ष्मीना  के आधार कार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी 2001 दर्ज है। लक्ष्मीना ने इस साल दसवीं की परीक्षा दी है। उसकी शादी कानपुर के रामलाल से हुई। जो दसवीं पास है। वहीं चरगांवा की रहने वाली रेखा की शादी सुनील साहनी से हुई है। रेखा के आधार कार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी 2001 दर्ज है। रेखा पढ़ी लिखी नहीं है। दोनों लड़कियों के परिजनों  ने उन्हें नाबालिग मानने से इंकार किया है। वहीं जिला समाज कल्याण अधिकारी सप्त ऋषि ने इस मामले पर कहा कि आधार कार्ड आयु का प्रमाण पत्र नहीं है। वह केवल पहचान पत्र है। जितने भी जोड़े यहां शादी के लिए आए थे उन सबका वेरीफिकेशन बीडीओ के द्वारा हुआ है। उन सभी की डिटेल वेरीफाई करने के बाद ही रजिस्ट्रेशन किया गया है। उन्होंने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ शादी संपन्न की बात कही। हालांकि इस सामूहिक विवाह में फेरे वगैरह के लिए कोई इंतजाम नहीं था। हां शादी का प्रमाण पत्र जरुर बांटा गया। शादी कराने वाले पंडितों का अभाव दिखा। वहीं खरमास में शादी कराकर विभाग फंस गया है
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सपा जिलाध्यक्ष ने प्रेस वार्ता कर सामूहिक विवाह कार्यक्रम पर उठाए सवाल, खरमास में शादी क्यों?
गोरखपुर। जिले में चलाई जा रही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना विवादों के घेरे में आ गई है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रहलाद यादव ने प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता कर कहा कि  उप्र सरकार के मुख्यमंत्री हिन्दुत्व के पुरोधा है फिर भी खरमास में इस प्रकार के धार्मिक संस्कारिक आयोजन कराना हिन्दू धर्माचार्यों व हिन्दुमतावलम्बियों को पाप का भागी बनाना है। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश का मुखिया हिंदू धर्म को मानने वाला हो। उसके देखरेख में कई धार्मिक कार्य होते हों। गोरखपुर में होली की तिथि बदल दी जाती हो। दीपावली की तिथि बदल दी जाती हो। हिंदुओं की दशा और दिशा तय की जाती हो। ऐसे मुख्यमंत्री और उसके नाम पर चलाई जाने वाली योजना का तिथि भी बदल दिया जाना चाहिए था। बीजेपी की सरकार में हिंदू धर्म के गरीब जोड़ों के साथ यह बहुत ही बड़ा अन्याय है। ईश्वर करें ऐसे जोड़ो की शादी अपने सफलता को प्राप्त करें, लेकिन खरमास में इनका विवाह कहीं से भी उचित नहीं है। धार्मिक मान्यता के अनुसार
खरमास में कोई भी शुभ कार्य करना पूर्णतया वर्जित है। सभी को मालूम है कि अतीत में होली या खिचड़ी का त्योहार जहां पूरे देश में पहले मनाया जाता थे वहीं गोरखपुर में मुहूर्त का बहाना बनाकर अन्य तिथियों में मनाने का फरमान  योगी आदित्यनाथ देते आए  है। उन्होंने सामूहिक विवाह योजना में बड़ा घोटाला होने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि मार्च का महीना शासन से जिलों को विभिन्न मदों में प्राप्त बजट को खर्च करने का होता है। समाज कल्याण विभाग अपने विभाग का बजट शासन को वापस न हो उसके डर से आनन-फानन में विवाह योजना के माध्यम से खर्च करने का प्लान बना दिया। सपा जिलाध्यक्ष ने करीब 10 लाख रुपए का घोटाला शादी समारोह में माना है।

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