भाजपा के लिए गोरखपुर मुश्किल राह, बसपा का वोट जायेगा सपा गठबंधन के खाते में
-सपा गठबंधन को बसपा का मिला साथ
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर। समाजवादी पार्टी, निषाद पार्टी व पीस पार्टी को बहुजन समाज पार्टी ने गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में समर्थन देने का ऐलान कर भारतीय जनता पार्टी के जीत की राह में मुश्किलें पैदा कर दी है। बसपा ने समर्थन के साथ 2019 में होने वाले लोकसोभा चुनाव के लिए एक नया सियासी संदेश भी दे दिया है। इस महागठबंधन यानी 'निषाद+मुस्लिम+यादव+दलित' गठजोड़ का परिणाम जानने को सभी उत्सुक है। यहां भाजपा की जीत उतनी आसान है नहीं जितनी लोग आस लगाये हुए थे। हार-जीत का अंतर भी कम रहने की पूरी संभावना बन रही है। वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी को 10-20 हजार वोट मिलने की संभावना राजनीतिक विश्लेषक लगा रहे है। वैसे तो मैदान में दस प्रत्याशी है लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा व सपा में ही सिमट गया है। बसपा के समर्थन से सपा गठबंधन में नया उत्साह आ गया है।
बतातें चलें कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने रामभुआल निषाद को चुनाव में उतारा था। जो तीसरे नम्बर पर रहे थे। उन्होंने पांच विधानसभा में अच्छा खासा वोट बटोरा था। जिस वजह से जीत-हार का अंतर काफी बढ़ गया था और भाजपा के योगी आदित्यनाथ को बड़े अंतर से जीत हासिल हुई थी। रामभुआल निषाद को 176412 वोट मिले थे। रामभुआल निषाद को पिपराइच से 37383, गोरखपुर शहर से 20479, गोरखपुर ग्रामीण से 40035, सहजनवां से 43450 और कैंपियरगंज से 34930 वोट मिले थे। सपा का काफी वोट बसपा ने काटा था। वहीं सपा की राजमती निषाद को कुल 226344 वोट मिला था। वह दूसरे नम्बर पर रही थीं। उन्हें पिपराइच से 47837, गोरखपुर शहर 31055, गोरखपुर ग्रामीण से 53810, सहजनवां से 41052 और कैंपियरगंज से 52462 वोट हासिल हुआ था। बसपा के समर्थन से निश्चित तौर पर सपा गठबंधन को फायदा होगा। रामभुआल अब सपा में है। कुल मिलाकर यह चुनाव नई इबारत लिखने को तैयार है। मतदान 11 मार्च को है। मतगणना व परिणाम 14 को आयेगा। पूरे देश की निगाहें इस चुनाव पर लगी हुई है।
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